राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के अपात्रों को मौका; 30 अप्रैल तक हटा लें नाम, वरना…
राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अपात्र लाभार्थियों को मौका देते हुए सूची से खुद ही स्वेच्छा से बाहर निकलने के लिए चलाए जा रहे 'गिवअप अभियान' को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर करने के लिए चलाए जा रहे 'गिवअप अभियान' को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। अब तक जिन लोगों ने स्वेच्छा से योजना से नाम नहीं हटाया है, उनके लिए यह अंतिम चेतावनी है। सरकार ने साफ किया है कि 30 अप्रैल तक जो लोग खुद सामने आकर नाम हटा लेंगे, उनसे किसी भी प्रकार की पेनल्टी नहीं वसूली जाएगी। लेकिन इसके बाद पकड़े जाने पर उन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की कीमत 27 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चुकानी होगी, साथ ही उस पर ब्याज भी जोड़ा जाएगा।
अब तक 17.63 लाख ने छोड़ा दावा
इस अभियान के तहत अब तक 17 लाख 63 हजार से ज्यादा अपात्र लोग स्वेच्छा से सूची से हट चुके हैं। वहीं दूसरी ओर, 20 लाख 80 हजार से अधिक नए पात्र लोगों को सूची में जोड़ा गया है। इससे यह साफ हो गया है कि सरकार की इस कार्रवाई से जरूरतमंदों को राहत मिलने लगी है। वे अब इस योजना का वास्तविक लाभ उठा सकेंगे।
ये लोग माने जा रहे अपात्र
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी, अर्द्ध सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से अधिक है, पेंशनधारी, आयकरदाता और जिनके पास निजी चौपहिया वाहन है, वे इस योजना के दायरे से बाहर हैं। विभाग ऐसे लोगों से अपील कर रहा है कि वे खुद आगे आकर योजना से नाम हटाएं, वरना कार्रवाई तय है।
वेतन से होगी वसूली
अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं जिन्होंने नाम नहीं हटाया है। विभाग ने इनकी सूचियां संबंधित विभागों को भेज दी हैं। अब इनसे वसूली की रकम सीधे मासिक वेतन से काटने की तैयारी है। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि सरकार इस बार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।
जो खुद हटे, वो बचे; जो पकड़े गए, वो चुकाएं
गिवअप अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। सरकार की नजरें उन सभी पर टिकी हैं जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में यदि अपात्र लोगों ने अब तक अपना नाम वापस नहीं लिया तो उनको चेत जाना चाहिए क्योंकि अगला कदम सरकार का होगा। वह सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा।