11 accused acquitted in the case of arson and robbery in 2013 Muzaffarnagar riots मुजफ्फरनगर दंगे में आगजनी और लूट के मुकदमे में 11 आरोपी बरी, गवाही से मुकर गया था वादी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मुजफ्फरनगर दंगे में आगजनी और लूट के मुकदमे में 11 आरोपी बरी, गवाही से मुकर गया था वादी

साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान एक घर में लूट और आगजनी के मुकदमे की कोर्ट ने 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। मुकदमे को सुनवाई अपर जिला न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी।

Pawan Kumar Sharma संवाददाता, मुजफ्फरनगरTue, 13 May 2025 10:46 PM
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मुजफ्फरनगर दंगे में आगजनी और लूट के मुकदमे में 11 आरोपी बरी, गवाही से मुकर गया था वादी

साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान एक घर में लूट और आगजनी के मुकदमे की कोर्ट ने 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। मुकदमे को सुनवाई अपर जिला न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। मुजफ्फरनगर में 12 वर्ष पहले सन 2013 में हुए दंगे के दौरान फुगाना क्षेत्र के गांव लिसाढ में एक घर पर भीड़ ने हमला बोल दिया था।

इस मामले में गृह स्वामी उमरदीन ने घटना के 13 दिन बाद मुकदमा दर्ज कराया था। उमरदीन ने आरोप लगाया था कि 8 सितंबर 2013 को वह अपने घर पर परिवार के अन्य लोगों के साथ मौजूद थे। इसी दौरान आरोपी घर में घुस आए और 3.5 तोला सोना और चार किलो चांदी, 1.80 लाख रुपये नगद सहित घर में रखा जरूरत का करीब 7.5 लाख रुपये का सामान लूट लिया। लूट करने करने के बाद आरोपियों ने घर में आग लगा दी। उनके परिवार ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। फिर गांव छोड़ कर झिंझाना स्थित अपने भाई के घर जाकर शरण ली। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना कर अदालत में चार्जशीट दााखिल की थी।

इन आरोपियों के विरुद्ध चल रहा था मुकदमा

उमरदीन की तरफ से पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। दर्ज मुकदमे की विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। विवेचक पंकज कुमार त्रिपाठी की ओर से 15 मई और 25 फरवरी 2015 को अलग-अलग दो चार्जशीट दाखिल की गई थीं। चार्जशीट में लिसाढ के रहने वाले सुभाष, पप्पू, मनवीर, विनोद, प्रमोद और नरेंद्र, राम किशन, रामकुमार, मोहित, विजय और राजेन्द्र को आरोपी बनाया गया था इसके बाद कोर्ट में सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

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अपने बयान से मुकर गए थे पिता और पुत्र

मुकदमे की सुनवाई के दौरान वादी उमरदीन और उसका बेटा जियाउल हक अपने बयान से मुकर गए थे। इसके बाद अभियोजन की याचना पर कोर्ट दोनों गवाहों को पक्षद्रोही घोषित किया था, जबकि तीसरी गवाह उमरदीन की पत्नी बाला का निधन गवाही से पहले हो गया था।