आजम खान से लेकर अब्बास अंसारी तक, 2022 से लेकर अब तक 6 नेताओं की गई विधायकी
यूपी विधानसभा के अयोग्य ठहराये गये विधायकों की सूची में शामिल होने वालों में नया नाम अब्बास अंसारी का है। उन्हें भड़काऊ भाषण मामले में मऊ की एक विशेष अदालत ने 2 साल की सजा मिली है। हालांकि अब्बास से पहले भी कई नेताओं कि विधायकी गई है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अयोग्य ठहराये गये विधायकों की सूची में शामिल होने वालों में नया नाम मऊ विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी का है। उन्हें एक चुनावी रैली के दौरान भड़काऊ भाषण मामले में मऊ की एक विशेष अदालत ने 2 साल की कैद और 11,000 रुपये के जुर्माने की सजा है। हालांकि अब्बास अंसारी से पहले भी कई नेताओं कि विधायकी 18वीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान गई है।
अब्बास अंसारी समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर 2022 में पहली बार विधायक बने थे। सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर राज्य में पंचायती राज मंत्री हैं।
2022 से लेकर अब तक 6 नेताओं की गई विधायकी
विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार 18वीं विधानसभा में राज्य के अन्य अयोग्य विधायक समाजवादी पार्टी के आजम खान, उनके बेटे और सपा नेता अब्दुल्ला आजम खान, सपा से ही हाजी इरफान सोलंकी, भाजपा के विक्रम सिंह और भाजपा के अन्य नेता रामदुलार हैं। सपा के नेता आजम खान को अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब एक अदालत ने उन्हें 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। वह रामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।
आजम के बेटे अब्दुल्ला की भी गई थी विधायकी
आजम खान के बेटे एवं सपा के विधायक अब्दुल्ला आजम खान को फरवरी 2023 में विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वहीं एक अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। उन्होंने विधानसभा में रामपुर जिले के स्वार का प्रतिनिधित्व किया था।
इरफान सोलंकी की गई सदस्यता
सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जब उन्हें, उनके छोटे भाई और तीन अन्य को एक महिला की जमीन हड़पने के प्रयास में उसके घर में आग लगाने के सिलसिले में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने कानपुर में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
मुजफ्फरनगर दंगा मामले में विक्रम सिंह की गई विधायकी
भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सैनी मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक थे।
रेप मामले में भाजपा नेता रामदुलार को 25 साल की हुई सजा
सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को एक लड़की से बलात्कार के आरोप में (2014 में) 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
वहीं, इससे पहले (17वीं विधानसभा में), उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 2020 में राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सेंगर को भाजपा ने पहले ही निष्कासित कर दिया था। अयोध्या जिले के गोसाईगंज से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी को भी पिछले सत्र में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अप्रैल, 2019 को हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।