अलीगढ़ बवाल; वाहन में नहीं था गाय या गोवंश का मांस, मथुरा से आई सैंपल रिपोर्ट, बदलेंगी धाराएं
अलीगढ़ में बवाल का कारण बने मांस की सैंपल रिपोर्ट आ गई है। चिकित्सकों ने लिखा है कि गाय या गोवंश का मांस नहीं था। गोवंश अवशेष बताकर चार लोगों की जमकर पिटाई की गई थी। गाड़ी में आग लगा दी गई थी। मीट विक्रेताओं के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया था।

अलीगढ़ के हरदुआगंज में शनिवार को जिन अवशेषों को लेकर हंगामा काटा गया था, वह प्रतिबंधित (गाय या गोवंश का) मांस नहीं था। मथुरा से आई सैंपल रिपोर्ट के बाद पुलिस मीट विक्रेताओं पर दर्ज मुकदमे में गोवध की धाराएं हटाएगी। लेकिन, पशु क्रूरता से जुड़े सभी बिंदुओं पर अभी जांच जारी रहेगी। इधर, मीट विक्रेताओं को पीटने के एक और आरोपी को जेल भेज दिया गया।
एसपी देहात अमृत जैन के अनुसार, अतरौली के मीट व्यापारियों द्वारा ले जाया जा रहा मांस प्रतिबंधित नहीं था। मथुरा प्रयोगशाला से प्राप्त नमूने की जांच रिपोर्ट के आधार पर मीट व्यापारियों पर दर्ज गोवंश निवारण अधिनियम के मुकदमे में निर्णय लिया जाएगा। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद विवेचना आगे बढ़ाई जाएगी। दूसरी तरफ पशु क्रूरता से जुड़े सभी पहलुओं को जोड़ते हुए जांच की जा रही है।
इधर, हरदुआगंज थाना क्षेत्र के अलहदादपुर के पास मीट विक्रेताओं से मारपीट के मामले में पुलिस ने मंगलवार की रात चौथे आरोपी भानु प्रताप उर्फ भूरा पुत्र प्रमोद निवासी गांव अलहदादपुर को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी धीरज कुमार ने बताया कि फुटेज के आधार पर पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को चिह्नित किया है। सभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। जल्द उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इससे पहले मीट विक्रेताओं को पीटने के मुकदमे में पुलिस विजय गुप्ता, विजय बजरंगी और लवकुश को जेल भेज चुकी है।
मुकदमे से निकाला भाजयुमो नेता का नाम
घायल पक्ष की ओर से भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह भोलू समेत 13 लोग नामजद व 20-25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें 50 हजार रुपये की चौथ न देने पर हमले व डकैती के अलावा दंगा, सार्वजनिक शांति बिगाड़ने के आरोप थे। पुलिस की जांच में स्पष्ट हुआ कि भोलू ने मौके पर पहुंचकर पुलिस प्रशासन का सहयोग किया था। इस आधार पर उनका नाम मुकदमे से निकाल दिया गया है।
ये था मामला
बीते शनिवार गांव अलहदादपुर के पास हिन्दूवादी संगठनों के लोगों ने मांस से लदी मैक्स जीप में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी। दिल्ली-कानपुर हाइवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था। चालक अकील और मीट विक्रेता कदीम, अरबाज और अकील को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। चारों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने घायलों की हालत में अब सुधार बताया है। इसमें दोनों ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था।
एनएसए नहीं लगाई तो देशव्यापी आंदोलन और दिल्ली जाम करेंगे : जमीयत
अलीगढ़। मीट विक्रेताओं से मारपीट और आगजनी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी दलों के लगातार दौरों से सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर हिन्दूवादी संगठनों पर निशाना साधा जा रहा है।
मंगलवार को ऑल इंडिया जमीयत उल कुरैश के प्रतिनिधिमंडल ने जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उनको दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। यूपी अध्यक्ष डॉ. हाजी यूसुफ कुरैशी ने कहा कि हम पीड़ितों के साथ हैं। मजबूती के साथ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हमला करने वालों पर एनएसए लगाई जाए। पीड़ितों को पांच-पांच लाख का मुआवजा दिया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। रणनीति बना ली गई है। वर्ष 2002 की तरह रामलीला मैदान के अंदर रैली करेंगे, जिसमें देशभर से लाखों लोग शामिल होंगे। दिल्ली जाम कर देंगे।
सुनियोजित ढंग से हुआ हमला: संजय सिंह
अलीगढ़। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मीट कारोबारियों पर हमले को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा। जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कारोबारियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर राजनीति की जा रही है। आरोप लगाया कि मीट कारोबारियों पर हमला पूरी तरह सुनियोजित था। प्रदेश में गुंडागर्दी को जैसे सरकार की ओर से लाइसेंस दे दिया गया हो। घटना के वक्त डायल 112 की गाड़ी मौके से गुजरी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कोई मदद नहीं की। बाद में आई पुलिस की गाड़ी में घायल कारोबारी खुद बैठकर अस्पताल पहुंचे। बाद में वह बाबरी मंडी पहुंचे। अंधड़ के दौरान मृत आप नेता मनीष शर्मा के परिजनों से मिले।
भाजपा-संघ की मंशा नफरत फैलाने की: दानिश अली
अलीगढ़। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर एक पार्टी प्रतिनिधिमंडल घायल मीट कारोबारियों से मिलने पहुंचा। सांसद इमरान मसूद, पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली समेत आधा दर्जन से अधिक कांग्रेसी नेताओं ने देश-प्रदेश सरकार पर हमला बोला। पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया कि पाकिस्तान कैसे धर्म के नाम पर मासूमों की जान लेता है। लेकिन अलीगढ़ जैसी घटनाएं बता रही हैं कि भारत को भी उसी रास्ते पर जबरिया धकेला जा रहा है। आरएसएस-भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए धार्मिक कट्टरता चाहिए। पहलगाम और अलीगढ़ दोनों अलग चेहरे हैं, लेकिन नफरत एक ही है।
घटना पुलिस प्रशासन की नाकामी का नतीजा : मसूद
सांसद इमरान मसूद ने कहा कि गोकशी के बहाने इस तरह से लोगों को पीटा व मारा जाना संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट तक इनकी लड़ाई लड़ेगी। घटना को अंजाम देने वालों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो नजीर बने। यह घटना पुलिस प्रशासन की नाकामी का नतीजा है। देश व राज्य विपरीत हालात से गुजर रहे हैं। सांप्रदायिक सौहार्द खुलेआम बिगाड़ा जा रहा है। गोकशी के शक में मारापीटा गया, लेकिन मीट भैंस का था। अब ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई पुलिस प्रशासन करेगा। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ठा. सोमवीर सिंह, महानगर अध्यक्ष नवेद खान, कांग्रेस के पूर्व विधायक विवेक बंसल, मो. जियाउद्दीन राही समेत अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।