अभी शादी नहीं पढ़ाई करना चाहती थी छात्राएं इसलिए गईं थी घर से
Aligarh News - फोटो: देहात के ट्रैक पर है। - अतरौली से लापता हुईं पांच छात्राएं 24

- अतरौली से लापता हुईं पांच छात्राएं 24 घंटे में वृंदावन से बरामद - दो छात्राओं के परिजन पढ़ाई छुड़वाकर शादी कराना चाहते थे
- अन्य तीनों भी परिजनों की डांट व व्यवहार के चलते थीं नाराज
अतरौली, संवाददाता: क्षेत्र के दो गांवों से लापता हुईं पांचों छात्राओं को पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मथुरा के वृंदावन से सकुशल बरामद कर लिया। दो छात्राओं के परिजन पढ़ाई छुड़वाकर शादी कराना चाहते थे। अन्य तीनों भी परिजनों की डांट व व्यवहार के चलते नाराज होकर निकली थीं। जाने से पहले ठान लिया था कि बाहर जाकर पढ़ाई करेंगे। नौकरी पाकर अपने पैरों पर खड़े हो जाएंगे, तभी घर लौटेंगे। लेकिन, एक ही दिन में रुपये खत्म होने पर घर की ही याद आ गई। तब तक पुलिस भी इन तक पहुंच गई। फिलहाल छात्राओं को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। शुक्रवार को कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। इसके बाद परिजनों के हवाले किया जाएगा।
सीओ अतरौली सर्जना सिंह ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से चार व दूसरे गांव से एक छात्रा गायब हुई थी। चार हाईस्कूल व एक 11वीं की पढ़ती है। सभी नाबालिग थीं। साथ में अपने आधार कार्ड लेकर गई थीं। एक छात्रा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। ऑपरेशन मुस्कान के तहत इंस्पेक्टर अतरौली विजयकांत शर्मा के नेतृत्व में तीन टीमें लगाई गईं। पता चला कि एक छात्रा ने इंस्टाग्राम पर गांव के ही युवक से बात की थीं। जो फिलहाल फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में रहता है। छात्रा ने कहा था कि वह अपने माता-पिता की मर्जी से बाहर आकर पढ़ना चाहती है। इसके बाद पांचों बस से आगरा पहुंची। आगरा में युवक मिला। जब उसे पता चला कि छात्राएं बिना परिजनों की मर्जी के आईं हैं तो उसने लौटने की सलाह दी। इसके बावजूद छात्राएं लौटने की बजाय शिकोहाबाद चली गईं। वहां बस अड्डे के पास ही रात गुजारी। सभी के पास छह हजार रुपये थे, जिनमें से आधे खर्च हो गए। इस पर अगले दिन वह मथुरा आ गईं। वहां प्रेम मंदिर में घूमीं। इसके बाद रात में ही पुलिस ने लोकेशन के आधार पर उन्हें बरामद कर लिया।
पुलिस के सामने बताई दास्तां : छात्राओं ने पुलिस के सामने दास्तां बताई। दो छात्राओं की शादी तय हो गई थी। जबकि वह पढ़ना चाहती थीं। तीसरी की पढ़ाई भी परिजनों ने बंद करा दी। लेकिन, वह खुद खेतों में मजदूरी करके पढ़ रही थी। चौथी छात्रा ने कहा कि उसके परिजन पांच-10 रुपये देने के लिए भी तंग करते हैं। पांचवीं छात्रा ने भी परिजनों द्वारा डांटने की बात कही।
मंदिर पर मिलती थीं पांचों सहेलियां : छात्राओं ने पुलिस को बताया कि वे परिजनों के बेरुखे व्यवहार से परेशान थीं। इसके चलते गांव के मंदिर पर आकर मिलतीं थीं। वहां अपनी परेशानियां साझा करती थीं। इसी बीच उन्होंने घर छोड़कर जाने की योजना बनाई।
बेटियों से मित्र की तरह व्यवहार करें: सीओ ने अभिभावकों से अपील की है कि बेटियों के मित्र की तरह व्यवहार करें। 18 वर्ष पूरे होने के बाद ही बेटियों की शादी के बारे में सोचें। बेटियों की पढ़ाई बीच में छुड़वाने से वे मायूस होती है। अगर बेटियां पढ़ना चाहती हैं तो उनको परिजनों को उनका साथ देना चाहिए।
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