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Hindustan Special: यूपी में पांचवीं पास ग्राम प्रधान का कमाल, सफाई में कायम कर दी मिसाल

  • बरेली जिले के मवई काजियान गांव में स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह से साकार होता दिख रहा है। गांव के पांचवीं पास ग्राम प्रधान की इसमें खास भूमिका है। गांव में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होता है।

Dinesh Rathour आमोद कौशिक, बरेलीFri, 28 March 2025 03:55 PM
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Hindustan Special: यूपी में पांचवीं पास ग्राम प्रधान का कमाल, सफाई में कायम कर दी मिसाल

बरेली जिले के मवई काजियान गांव में स्वच्छ भारत अभियान पूरी तरह से साकार होता दिख रहा है। गांव के पांचवीं पास ग्राम प्रधान की इसमें खास भूमिका है। गांव में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होता है। कूड़ा कलेक्शन के बदले एक महीने में एक घर से 50 रुपए चार्ज लिया जाता है। ग्राम पंचायत इस रकम का उपयोग दो प्राइवेट सफाई कर्मियों के मानदेय पर खर्च करती है। पंचायती राज विभाग ने मवई काजियान को निर्मल ग्राम पंचायत के तौर पर चयनित कर मुख्यालय रिपोर्ट भेज दी है। मवई काजियान के ग्राम प्रधान शाहिद नवी अंसारी की स्कूली शिक्षा सिर्फ पांचवीं तक है।

ग्राम प्रधान बनने के बाद शाहिद ने गांव में जलभराव की समस्या का निस्तारण कराया। गांवों की सड़कों को सीसी रोड में तब्दील कर दिया। गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए आरआरसी (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) का निर्माण कराया गया। ग्राम निधि से दो ई-रिक्शा घर-घर से कूड़ा एकत्र करने के लिए खरीदे गए। दो प्राइवेट सफाई कर्मियों की तैनाती ग्राम पंचायत ने की। गांव में घर-घर से कूड़ा एकत्र करके आरआरसी लाया जाता है। आरआरसी में कूड़े से प्लास्टिक और कांच को अलग किया जाता है। बाकी कूड़े से खाद बनाई जाती है। प्लास्टिक और कांच को बेचकर भी ग्राम पंचायत आमदनी कर रही है। इस रकम का उपयोग भी स्वच्छता पर खर्च किया जा रहा है। गांव की सड़कों पर शहरों की तरह रोजाना झाड़ू लगाई जाती है। नालियां साफ होती हैं।

ग्रामीणों को था 50 रुपये देने में ऐतराज

कूड़ा एकत्र करने के बदले ग्राम प्रधान ने प्रत्येक घर पर 50 रुपए महीने चार्ज तय कर दिया था। शुरूआत में ग्रामीणों ने 50 रुपये चार्ज का विरोध किया। ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग की। उनको साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया। उसके बाद ग्रामीणों ने कूड़ा उठान के लिए 50 रुपये महीना देने शुरू कर दिया।

संक्रामक रोगों के नियंत्रण में मिली मदद

मवई काजियान गांव में साफ-सफाई होने से संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने में काफी मदद मिली है। गांव में सफाई रहने से मच्छर अधिक नहीं पनप सके। गांव में कहीं भी जलभराव नहीं है। ग्राम पंचायत की साफ-सफाई को पंचायती राज विभाग मॉडल के तौर पर पेश कर रहा है। गांव का निर्मल ग्राम पंचायत के तौर पर चयन कर मुख्यालय रिपोर्ट भेज दी गई है।