बोले अंबेडकरनगर:बिना मीटर लगे ट्रांसफार्मर से कैसे रुकेगी बिजली चोरी
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में बिजली चोरी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। ज्यादातर ट्रांसफार्मर पर मीटर नहीं है, जिससे बिजली चोरी जारी है। अकबरपुर में ट्रांसफार्मर...

अम्बेडकरनगर। बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जाने के दावे तो किए जा रहे, लेकिन इसे लेकर तनिक भी गंभीरता जिम्मेदार नहीं दिखा रहे हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ज्यादातर ट्रांसफार्मर ऐसे हैं, जहां बिजली चोरी रोकने के लिए मीटर ही नहीं लगा है। इससे लोग धड़ल्ले से बिजली चोरी कर रहे हैं। इससे राजस्व को तगड़ी आर्थिक चपत लगती है। बिजली चोरी रोकने के लिए समय-समय पर अभियान तो चलता है, लेकिन वह महज औपचारिकता तक ही सीमित रहता है। उपभोक्ताओं को सुचारु रूप से बिजली उपलब्ध कराए जाने व बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाए जाने के लिए सभी ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाए जाने के निर्देश हैं। हालांकि जिले में इसका शतप्रतिशत पालन नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर, अकबरपुर में ही ज्यादातर ट्रांसफार्मर में बिजली चोरी रोकने के लिए मीटर नहीं लगाया जा सकता हैकि अकबरपुर में ही तीन दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, इनमें से ज्यादातर में मीटर नहीं लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो शायद ही कहीं मीटर लगाया गया हो। नतीजा यह है कि बिजली चोरी रोकने की मंशा पूरी नहीं हो रही है। इस संबंध में समय-समय पर जिम्मेदारों को शासन से निर्देश तो प्राप्त होते हैं, लेकिन कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इसी का नतीजा है कि बिजली चोरी जिले में नहीं रुक रही है।
बिजली चोरी रोकने के लिए गंभीर नहीं जिम्मेदार: बिजली चोरी रोकने के लिए समय-समय पर अभियान तो चलता है, लेकिन वह भी महज औपचारिकता तक ही सीमित रहता है। इससे बिजली चोरी लगातार जारी है, जिससे संबंधित विभाग को बड़ी आर्थिक चपत लग रही है। यदि सभी ट्रांसफार्मर पर मीटर लगा दिया जाए, तो न सिर्फ उपभोक्ताओं को सुचारु रूप से बिजली उपलब्ध होगी, बल्कि विभाग को भी आर्थिक चपत नहीं लगेगी। अकबरपुर के इंद्रलोक कालोनी निवासी सत्यप्रकाश ने कहा कि सभी ट्रांसफार्मर पर मीटर जल्द से जल्द लगाया जाए। पंडाटोला के रवींद्र कुमार व पटेलनगर क्षेत्र के राजकुमार ने कहा कि सिर्फ दावा करने से ही सब कुछ नहीं होगा। जब तक सभी ट्रांसफार्मर पर मीटर नहीं लगेगा, तब तक बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सकेगा।
हादसे का सबब बन रहे सड़क के किनारे स्थित ट्रांसफार्मर:अकबरपुर में ही जगह-जगह सड़क के किनारे स्थापित लगभग आधा दर्जन ट्रांसफार्मर हादसे का सबब बन रहे हैं। जर्जर हो चुके चबूतरे पर स्थापित ऐसे ट्रांसफार्मर को सड़क से दूर किए जाने की मांग समय-समय पर की जाती है, लेकिन पावर कार्पोरेशन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। ऐसे में अक्सर बाइक चालक अनियंत्रित होकर चबूतरे से टकरा जाते हैं। आवेरटेक करने के दौरान भी वाहन अक्सर चबूतरे से टकरा जाते हैं। यह संयोग ही है कि इसमें किसी की जान नहीं गई। ट्रांसफार्मर की स्थापना करने के दौरान जिम्मेदारों ने भविष्य की कोई-कोई चिंता नहीं की। पावर कार्पोरेशन की अदूरदर्शिता का ही नतीजा है कि अकबरपुर में ही आधा दर्जन ट्रांसफार्मर ऐसे हैं, जो मौजूदा समय में सड़क के किनारे स्थापित हैं।
धरना प्रदर्शन के बाद भी नहीं दिखाई जा रही गंभीरता: मानक के अनुरूप ट्रांसफार्मर की स्थापना किए जाने की मांग को लेकर अलग-अलग संगठन समय-समय पर धरना प्रदर्शन तो करते हैं, लेकिन जिम्मेदार कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे। ब्लाक से लेकर जिला अस्तर तक न सिर्फ धरना प्रदर्शन किया जाता है, बल्कि जिम्मेदारों को ज्ञापन भी सौंपा जाता है। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
मानक की अनदेखी कर जगह-जगह लगाए गए ट्रांसफार्मर लगातार हादसे को दावत दे रहे हैं। इसके बाद भी इसमें सुधार के लिए पावर कार्पोरेशन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। मानक के अनुरूप ट्रांसफार्मर की स्थापना किए जाने की मांग लंबे समय से अलग-अलग सामाजिक संगठन कर रहे हैं। इसके लिए ब्लॉकस्तर से लेकर जिलास्तर तक धरना प्रदर्शन भी करते हैं। जिम्मेदारों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से शिकायत दर्ज कराने के साथ ही ज्ञापन भी सौंपते हैं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार कोई गंभीरता नहीं दिखाते। जब भी इस संबंध में आवाज बुलंद की जाती है, तो सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है। इससे आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ती। ऐसा लगता है कि जिम्मेदारों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द हैं दुकानें, जिम्मेदार मौन:ग्रामीण क्षेत्र की बात दूर, जिला मुख्यालय पर ही कई स्थान ऐसे हैं, जहां ट्रांसफार्मर के चारों तरफ या फिर इससे सटाकर लोगों ने दुकान खोल रखी है। ऐसे में प्रत्येक समय हादसे की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में जिम्मेदारों से शिकयत दर्ज कराई जाती है, लेकिन दुकानें हटाने के लिए किसी भी प्रकार का अभियान नहीं चलता है। यदि कभी अभियान चलता भी है, तो वह महज औपचारिकता तक ही सीमित रहता है। इससे आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ती है। अकबरपुर के नई सड़क, दोस्तपुर चौराहा, पुराने तहसील तिराहा, पटेलनगर तिराहा के अलावा जलालपुर, टांडा, बसखारी, किछौछा, जहांगीरगंज समेत कई अन्य प्रमुख बाजारों के आसपास स्थापित ट्रांसफार्मर के आसपास या फिर सटाकर लोगों ने दुकान खोल रखी है। कहीं ठेला लगाया गया है, तो कहीं बाकायदा गुमटी तक रख ली गई है। ऐसे में प्रत्येक समय हादसे की आशंका बनी रहती है। अक्सर ऐसा होता है कि ट्रांसफार्मर से शार्ट सर्किट के चलते चिंगारी या फिर आग की लपटें उठने लगती है, तो ऐसे में मौके पर खलबली मच जाती है। लोग दुकानें छोड़कर भागने लगते हैं। इस पर अंकुश पाने के लिए कई बार जिम्मेदारों से शिकायत दर्ज कराई गई।
बोले जिम्मेदार: अकबरपुर के अधिशासी अभियंता आशीष कुमार यादव का इस बारे में कहना है कि बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाया जा रहा है। काम तेजी से चल रहा है। ट्रांसफार्मर पर मीटर लग जाएगा। ट्रांसफार्मर की स्थापना में मानक पर ध्यान दिया जा रहा है। समय पर अभियान चलाकर ट्रांसफार्मर के आसपास से दुकानों को हटाया जाता है।
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