मनरेगा फर्जीवाड़ा : एफआईआर रद्द कराने को हाईकोर्ट पहुंचे चार कर्मी, 21 अप्रैल को होगी सुनवाई
Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई समेत आठ लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाकर लाखों रुपये की मजदूरी हड़पने से जुड़ा हाई प्रोफाइल मामला

क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई समेत आठ लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाकर लाखों रुपये की मजदूरी हड़पने से जुड़ा हाई प्रोफाइल मामला शुक्रवार को हाईकोर्ट पहुंच गया। विभागीय कार्रवाई की जद में आकर निलंबित होने के साथ सरकारी मुकदमे में फंसी तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव हुमा परवीन, अंजुम व प्रथ्वी सिंह ने एफआईआर को रद्द करने की याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए अब अगली तारीख 21 अप्रैल तय की है। वहीं, तत्कालीन लेखाकार विजेंद्र सिंह भी एफआईआर रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए फिलहाल अभी कोई तारीख नहीं मिली है। दूसरी तरफ कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए सिलसिलेवार तरीके से प्रकरण की तह तक पहुंचने के लिए सुबूत जुटा रही डिडौली पुलिस ने भी अपनी विवेचना तेज कर दी है। स्थानीय अधिवक्ता इफ्तेखार अहमद सैफी ने इस बाबत पुष्टि करते हुए बताया कि तत्कालीन पंचायत सचिव हुमा परवीन, अंजुम व प्रथ्वी सिंह ने एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है। मामले में शुक्रवार को शासकीय अधिवक्ता पर प्रकरण से संबंधित दस्तावेज नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। हाईकोर्ट में इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए अब 21 अप्रैल की तारीख नीयत की गई है। लेखाकार विजेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं मिली है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की डबल बैंच में होगी।
ये था पूरा मामला :
अमरोहा। जिले के जोया ब्लॉक क्षेत्र के गांव पलौला में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना का परिवार रहता है। शबीना की सास गुले आयशा पत्नी शकील अहमद गांव की प्रधान भी हैं। बीते दिनों शबीना व उनके पति गजनबी के मनरेगा में काम करे बिना ही मजदूरी लेने का मामला सामने आया था। जांच आगे बढ़ी तो इसमें उनके परिवार के आठ अन्य सदस्यों समेत कुल 18 लोगों की संलिप्तता पाई गई। इन सभी ने बिना काम करे ही मनरेगा में मजदूरी से लाखों रुपये की रकम हासिल की थी।
इन कर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई गई है एफआईआर
अमरोहा। डीएम के निर्देश पर बीडीओ जोया लोकचंद ने डिडौली कोतवाली में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव प्रथ्वी सिंह, अंजुम, हुमा परवीन, तत्कालीन लेखाकार विजेंद्र सिंह, तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर मनरेगा शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेश, तत्कालीन एपीओ बृजभान सिंह तथा सेवामुक्त ग्राम रोजगार सेवक झम्मन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके पूर्व जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने इन सभी कर्मियों को निलंबित कर दिया था जबकि बीडीओ प्रतिभा अग्रवाल व एक सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था।
मजदूरी की हो चुकी रिकवरी, सरेंडर करना पड़ा राशन कार्ड
अमरोहा। फर्जीवाड़ा खुलने के बाद क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की सास व मौजूद ग्राम प्रधान गुले आयशा की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है। कार्रवाई की जद में आने के बाद ग्राम प्रधान को रिकवरी में 8 लाख 68 344 रुपये की रकम जमा करनी पड़ी थी। वहीं, डीएम स्तर से उन्हें नोटिस जारी कर पूरे प्रकरण में 15 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। सुर्खियों में छाए इस मामले के बीच ही ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी राशन लेने का मामला भी खूब उछला था। राज खुलने के बाद दो दिन पूर्व ग्राम प्रधान को अपना राशन कार्ड सरेंडर करना पड़ा था। इस मामले में भी डीएम द्वारा जांच कराई जा रही है।
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