Insurance Claim Denied Deceased Worker Revealed as Bolero Owner with Higher Income बीमा क्लेम में परिजन बता रहे थे मजदूर, बोलेरो का मालिक निकला मृतक, Amroha Hindi News - Hindustan
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बीमा क्लेम में परिजन बता रहे थे मजदूर, बोलेरो का मालिक निकला मृतक

Amroha News - -प्रमाण पत्र से अलग उसकी आय भी 27 हजार रुपये अधिक निकली -प्रमाण पत्र से अलग उसकी आय भी 27 हजार रुपये अधिक निकली -प्रमाण पत्र से अलग उसकी आय भी 27 हजार

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाTue, 13 May 2025 04:42 AM
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बीमा क्लेम में परिजन बता रहे थे मजदूर, बोलेरो का मालिक निकला मृतक

बीमा क्लेम में परिजन बता रहे थे मजदूर, बोलेरो का मालिक निकला मृतक -प्रमाण पत्र से अलग उसकी आय भी 27 हजार रुपये अधिक निकली अमरोहा, संवाददाता। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले जिस युवक को परिजन मजदूर बता रहे थे वो जांच में बोलेरो का मालिक निकला। प्रमाण पत्र से अलग उसकी आय भी 27 हजार रुपये अधिक निकली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा क्लेम से जुड़ा वाद खारिज कर दिया। दोनों पक्षों को अपना-अपना खर्चा स्वयं वहन करने का आदेश दिया। रजबपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले युवक की 13 फरवरी 2018 को एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण चोट लगना बताया गया था। मामले में मृतक के परिजनों ने बोलेरो के मालिक युवक को मजदूर बताते हुए उसकी वार्षिक आय 48 हजार दर्शाई थी। इसके बाद मृतक की पत्नी की ओर से मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये के बीमा का क्लेम देने का आवेदन किया गया था लेकिन कंपनी ने उसका दावा खारिज कर दिया था। तर्क दिया था कि मृतक बोलेरो का मालिक था, कार पेड़ से टकराने के कारण उसकी मृत्यु हुई है। बोलेरो को किराए पर चलाने से होने वाली आय भी पॉलिसी पात्रता की वार्षिक आय 75 हजार रुपये से अधिक थी। मां का परिवाद निरस्त होने के बाद मृतक के नाबालिग बेटे ने इस मामले में उपभोक्ता फोरम की शरण ली थी। बताया गया था कि जिस बोलेरो को उसके पिता चला रहे थे, वह उन्हें दहेज में मिली थी और इसीलिए बोलेरो का रजिस्ट्रेशन मृतक के नाम कराया गया था। बीमा क्लेम खारिज करने का कंपनी के पास इसके अलावा कोई दूसरा मजबूत आधार नहीं है। फोरम से नोटिस जारी होने के बाद मामले में बीमा कंपनी और राज्य सरकार की ओर से भी अपना-अपना तर्क रखा गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष रमाशंकर सिंह ने इस परिवाद को खारिज कर दिया और दोनों पक्षों को अपना-अपना खर्च स्वयं वहन करने का आदेश दिया।

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