जिले में नाबालिग दौड़ा रहे ई-रिक्शा, जिम्मेदार अंजान
Amroha News - हसनपुर में नाबालिग बच्चे ई-रिक्शा चला रहे हैं, जिससे शहर में जाम और हादसे बढ़ रहे हैं। अमन कमेटी की बैठक में इस मुद्दे पर कई बार चर्चा होने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। व्यापारी और लोग कार्रवाई की...

हसनपुर। जिले के शहर व कस्बों में कई नाबालिग ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं। अफसर इस ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसके चलते किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। अमन कमेटी की बैठक में कई बार मुद्दा उठने के बाद भी समस्या जस की तस बनी है। शहरों में जाम का सबसे बड़ा कारण यही ई-रिक्शा बने हुए हैं। परेशान लोगों संग व्यापारियों ने कार्रवाई की मांग की है। नगर पालिका के अनुमान के मुताबिक अकेले हसनपुर शहर में ही 200 ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनमें से तमाम ई-रिक्शा 18 वर्ष से कम उम्र के लोग चला रहे हैं। जबकि कई ई-रिक्शा 70 से अधिक आयु के बुजुर्ग भी चला रहे हैं। यातायात नियमों का ज्ञान नहीं होने की वजह से नाबालिग जरा सी जगह मिलने पर भी ई-रिक्शा दौड़ा देते हैं जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई बार मारपीट व झगड़े भी हो चुके हैं। पुलिस के लिए भी यह ई-रिक्शा सिर दर्द बने हुए हैं। व्यापारियों का कहना है कि शहर के मुख्य बाजार में जाम लगने की वजह ई-रिक्शा हैं। शहर की संकरी सड़कों पर एक-दूसरे से पहले निकलने की जल्दबाजी में ई-रिक्शा व दूसरे वाहन फंस जाते हैं। दिक्कत यह है कि ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन आदि नहीं होने की वजह से नगर पालिका के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर पाते। अमन कमेटी की बैठक में बुजुर्ग व नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा चलाने का मामला कई बार उठ चुका है लेकिन, पुलिस मानवीय आधार पर तर्क देकर कार्रवाई से हाथ खड़े कर देती है।
बच्चे खुद चलाकर ई-रिक्शा से आते-जाते हैं स्कूल
हसनपुर। आदमपुर क्षेत्र के गांव सिमथला के आठवीं व दसवीं कक्षा के छात्र खुद ई-रिक्शा चलाकर रहरा क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने के लिए आते हैं। हैरत की बात यह है कि परिवार के लोगों ने ही बच्चों को ई-रिक्शा खरीदकर दे रखा है। गांव के अन्य बच्चे भी इन्हीं ई-रिक्शा में स्कूल आते-जाते हैं। बताया जाता है कि बालक इतनी तेजी से ई-रिक्शा दौड़ाते हैं कि देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हर कोई यह सोचकर सिहर उठता है कि अगर बच्चों को हाथ बहका तो बड़ा हादसा हो सकता है। मामला अफसरों की जानकारी में होने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है।
ई-रिक्शा चलाने के लिए किसी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं है इसलिए नाबालिग व बेहद बुजुर्ग लोग भी शहर से लेकर देहात क्षेत्र की सड़कों तक दौड़ा रहे हैं। यातायात नियमों का ज्ञान न होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। -आल्हा सिंह
नगर पालिका ई-रिक्शा का अपने स्तर से रजिस्ट्रेशन जारी करें। उन्हीं लोगों को ई-रिक्शा चलाने दिया जाए, जिनके पास वैध लाइसेंस है। हादसे की दशा में संबंधित चालक पर भी कार्रवाई भी होनी चाहिए। : योगेंद्र शर्मा, पूर्व सभासद
ई-रिक्शा चलाने को लेकर कोई नियम-कानून का पालन नहीं किया जा रहा। एक-दूसरे से पहले निकलने की होड़ में ई-रिक्शा शहर में जाम का सबब बने हुए हैं। पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। : बॉबी चौहान
अमन कमेटी की हर बैठक में ई-रिक्शा से लगने वाले जाम की समस्या को हर बार उठाया जाता है। लेकिन नगर पालिका के अधिकारी व पुलिस कार्रवाई से असमर्थता जता देते हैं। जिसके चलते शहर में जाम की समस्या बनी हुई है। : शिवम अग्रवाल, सभासद
ई-रिक्शा चलाने वालों के लाइसेंस चेक किए जाएं। जिन्हें यातायात नियमों की जानकारी हो उन्हें ही ई-रिक्शा चलाने की अनुमति दी जाए। कई लोग तो शराब पीकर भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। जब तक कार्रवाई नहीं होगी, जाम की समस्या का समाधान नहीं होगा। : दयाशंकर अग्रवाल
ई-रिक्शा से बाजार के दिन भर जाम लगा रहता है। जिसके चलते ग्राहक भीतर बाजार में नहीं आ पाता। इससे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई बार समस्या उठाने के बाद भी समाधान नहीं हुआ है। : सचिन गुप्ता, दुकानदार
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