अंसल बिल्डर ने 219 एकड़ ग्राम समाज की जमीन भी बेच डाली, अधिकारी केवल बैठकें ही करते रहे
- अंसल बिल्डर ने 219 एकड़ ग्राम समाज की सरकारी जमीन भी बेच डाली। इस जमीनों पर मकान, दुकान, कांप्लेक्स खड़े हो गए हैं। जमीन की कीमत वसूलने के लिए जिला प्रशासन व एलडीए के अधिकारी केवल बैठकें ही करते रहे।

अंसल एपीआई बिल्डर ने लखनऊ में ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन बेच डाली है। सरकार की इस जमीन पर अब मकान, दुकान, कांप्लेक्स खड़े हो गए हैं। बिल्डर ने जमीन तो बेची लेकिन इसका 203.98 करोड रुपए आज तक जमा नहीं किया। उससे जमीन की कीमत वसूलने के लिए जिला प्रशासन व एलडीए के अधिकारी केवल बैठकें ही करते रहे। कुछ अधिकारियों ने बिल्डर पर दबाव बनाकर अपने तथा कुछ ने रिश्तेदारों के नाम प्लाट खरीद लिया लेकिन सरकारी पैसे की वसूली नहीं करायी। अब असंल के दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया से सरकार का भी पैसा फंस गया है।
अंसल एपीआई बिल्डर का फर्जीवाड़ा करीब 10 वर्ष पहले से सामने आना शुरू हो गया था। लेकिन अफसरों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया। जनता का पैसा तो वसूला ही नहीं, सरकारी भी वसूलने में लापरवाही की। कमिश्नर की ओर से पूर्व में करायी गयी जांच में पता चला है कि उसने ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन बेची है। एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने 12 जून 2023 को अपर जिलाधिकारी भू अर्जन, एसडीएम तथा तहसीलदारों के साथ बैठक के बाद जो आदेश जारी किया था उसमें भी बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों के बेचने की बात सामने आयी थी। पता चला था कि बिल्डर ने 31 अक्टूबर 2012 तक ग्राम समाज की कुल 153.500 एकड़ जमीन पुनर्अधिग्रहण किया था। इस जमीन के बदले बिल्डर को 120.57 करोड रुपए प्रशासन को देना था। उसने बाद में 65.85 एकड़ जमीन और पुनर्अधिग्रहीत की। इस जमीन की कीमत 86.17 करोड़ रुपए थी। इस तरह बिल्डर ने कुल 219.35 एकड़ ग्राम समाज की जमीन ले ली। लेकिन इस जमीन की कुल कीमत 203.98 करोड़ रुपए आज तक नहीं चुकाया। उन्होंने बिल्डर के कब्जे की जांच का आदेश दिया। 14 जून से ही इसकी जांच शुरू कर दी गई थी। पूर्व में कमिश्नर ने भी इस मामले में जांच करने का आदेश दिया था। लेकिन यह सारी जांचे फाइलों में ही दफन हो गयीं।
जमीन की कीमत 1000 करोड़ से ज्यादा
अंसल एपीआई बिल्डर ने जो जमीन बेची है उसकी कीमत उस समय के रेट से आंकलित की गयी थी जब बिल्डर ने इसे पुनर्अधिग्रहीत किया था। 219.35 एकड़ जमीन की कीमत 209 करोड़ रुपए आंकलित की थी। जमीन की बाजार की कीमत 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा बतायी जा रही है।
आरसी का भी 60 करोड़ रुपए दबाया
असंल बिल्डर ने जनता का भी काफी पैंसा दबा रखा है। रेरा ने वसूली के लिए आरसी जारी की थी। आरसी की रिकवरी नहीं हो पायी। करीब 60 करोड़ रुपए की आरसी जिला प्रशासन के पास फाइलों में दबी है। अधिकारियों ने इसकी भी वसूली नहीं करायी। जिससे जनता का यह पैसा भी फंस गया है।
14 करोड़ रुपए जुर्माना भी नहीं दिया
रेरा ने दो महीने पहले अंसल एपीआई बिल्डर पर 14 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया कि उसने गलत तरीके से बिना रेरा में पंजीकरण कराए नए भूखण्ड बेच डाले। रेरा ने हाल ही में इसका मामला पकड़ा था। जिसमें उस पर 14 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था। अब इसकी भी रिकवरी नहीं हो पाऐगी।
एडीएम प्रशासन शुभी सिंह ने बतायाा कि जो भी सरकारी जमीन व उसकी कीमत बनेगी उसे वसूल किया जाएगा। बिल्डर दिवालिया हो जाएगा तो भी उसकी परिसम्पत्तियां जिसे मिलेगी उसे सरकारी रकम देनी होगी।