488 गांवों और वार्डों में नहीं हो सकी पशुधन गणना
Azamgarh News - आजमगढ़ में 21वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना का कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका। 29 अप्रैल तक 4449 गांवों में से केवल 3961 गांवों में गणना हुई, जबकि 488 गांव अभी भी अधूरे हैं। इस बार पालतु पशु और पक्षियों की...

आजमगढ़, संवाददाता। जिले में 21वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना के लिए शासन स्तर से निर्धारित समय पूरा होने के बाद भी 488 गांव और वार्डों में पशुधन गणना का कार्य पूरा नहीं हो सका। कुल 4449 गांव और वार्ड के सापेक्ष 29 अप्रैल तक 3961 गांवों में ही गणना का कार्य पूरा हो सका है। जनपद में 21वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना की शुरुआत एक दिसंबर से होनी थी। प्रक्रिया में देरी के चलते 9 दिसंबर 2024 से गणना का कार्य शुरू हुआ। पशुधन गणना के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पालतु पशु-पक्षियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाना है। पशुधन गणना पूरी करने के लिए शासन की तरफ से 30 अप्रैल तक का समय निर्धारित किया गया था। गणना करने वालों को गांव से लेकर शहर के हर घर में मौजूद पालतु पशु-पक्षियों का ब्योरा सरकारी अभिलेखों में दर्ज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिले में 4245 गांव, तीन नगर पालिका और 13 नगर निकायों में मिलाकर कुल 204 वार्ड हैं। जबकि 252 गैर आबाद (नॉन चिरागी) गांव हैं। इस प्रकार से कुल 4449 गांव और वार्डों में पधुधन गणना के लिए शासन द्वारा निर्धारित समय से एक दिन पूर्व 29 अप्रैल तक जिले के 3961 गांव और वार्डों में ही 84374 पशु और पक्षियों की गणना का कार्य पूरा हो सका है।
गणना के लिए लगाए गए हैं 270 कर्मचारी
पशुधन गणना के लिए जिले में 237 गणनाकार (पशु मैत्री) और 33 सुपर वाइजरों (पशु चिकित्सक) की ड्यूटी लगाई गई है। प्रत्येक गणनाकार को 3 हजार से लेकर साढ़े तीन हजार घरों में पालतु पशुओं और पक्षियों की गणना की जिम्मेदारी दी गई है। गणनाकारों को सर्वेक्षण के लिए किट और ड्यूटी चार्ट उपलब्ध कराए गए थे। गणनाकार घर-घर जाकर पशुधन की गणना कर रहे हैं। अपनी रिपोर्ट सुपरवाइजरों को दे रहे हैं। सुपरवाइजरों की निगरानी के लिए उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राम सजन को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
वर्ष 2019 में साढ़े छह लाख थे पशुधन
प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार केंद्र सरकार की ओर से पशुधन की गणना कराई जाती है। इसके पूर्व जिले में वर्ष 2019 में पशुधन की गणना की गई थी। वर्ष 2019 की पशुधन गणना में जिले में साढ़े लाख पालतु पशु और पक्षी थे। इस बार 21वीं पशुधन गणना में निर्धारित किए गए लक्ष्य 4449 के सापेक्ष 3961 गांवों और वार्डों में ही पशुधन की गणना पूर्ण हो सकी है। जबकि 488 गांव और वार्डों की गणना का कार्य अभी अधूरा है। वर्ष 2019 की तुलना में इस बार पालतु पशु और पक्षियों की संख्या करीब ढाई लाख बढ़ गई है।
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