Makuya A Hidden Medicinal Herb Misunderstood as Weeds बदायूं में सड़क किनारे उगी मकुईया से उत्तराखंड में बनती एंटीबायोटिक दवा , Badaun Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBadaun NewsMakuya A Hidden Medicinal Herb Misunderstood as Weeds

बदायूं में सड़क किनारे उगी मकुईया से उत्तराखंड में बनती एंटीबायोटिक दवा

Badaun News - बदायूं में लोग मकुईया को घास समझते हैं, जबकि यह एक औषधीय पौधा है। उत्तराखंड की कंपनियों ने इसे आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं में उपयोग करने के लिए काटना शुरू कर दिया है। इससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं...

Newswrap हिन्दुस्तान, बदायूंWed, 16 April 2025 03:54 AM
share Share
Follow Us on
बदायूं में सड़क किनारे उगी मकुईया से उत्तराखंड में बनती एंटीबायोटिक दवा

खेत-खलियान और बाग-बगीचे से लेकर ऊसर-बंजर भूमि पर उगने वाली मकुइया (मकोय) को स्थानीय जनपद के लोग घास समझते हैं। घास, खरपतवार के रूप में पैदा होता है इसलिए आमतौर पर लोग मकोय के प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते हैं। इसलिए मकुईया का उपयोग नहीं कर पाते। सच यह है कि मकुईया औषधि है। बदायूं के लिए लोग जरूर खरपतवार और घास के रूप में देखते हैं लेकिन उत्तराखंड़ की कंपनियों के लिए यह औषधि है। जिससे तमाम आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं में उपयोग किया जा रहा है। बदायूं जनपद के हाइवों, प्रमुख मार्गों, ऊसर-बंजर भूमि, खेत-खलियान, बगीचों में आम तौर पर मकुईया घास के नजरिया से देखकर लोग पशुओं के चारा के रूप में इस्तेमाल करते हैं या फिर फसल के बीच से काटकर दूर फेंक देते हैं क्योंकि खरपतवार के रूप से देखते हैं लेकिन हकीकत अब पता चल रही है जब उत्तराखंड और बरेली के ठेकेदारों के द्वारा गांव-गांव, जंगल-जंगल निशुल्क काटकर ले जा रहे हैं। इसकी कटिंग करने के बाद उत्तराखंड-हरिद्वार की तमाम कंपनियों को इसका ऑयल निकालकर तथा चटनी बनाकर दे रहे हैं। जिससे आयुर्वेदिक व एलोपैथिक दवाएं बन रही हैं। बिनवार में ठेकदारों को प्लांट है गांव-गांव, मार्गों के किनारे ट्रैक्टर-ट्रालियों से मकुईयां घास को काटकर ले जा रहे हैं।

बरेली के ठेकेदार के मुताबिक करीब 200 एमटी से अधिक मकुईयां और 180 एमटी से अधिक चिरचिहटा काटकर कंपनी को सप्लाई कर चुके हैं। बताया जा रहा है चिरचिहटा से चोट के लिए एंटीबाइटेक दवाएं बनाई गईं। मकुईंया से सांस संबंधी विकारों को दूर करने, पेशाब बढ़ाने, कुष्‍ठ और बुखार में किया जाता है। किडनी, सूजन, बवासीर, दस्‍त या कई प्रकार के चर्म रोग के उपचार में मकोय का सेवन लाभ पहुंचाता है। इससे संबधित दवाएं एवं चटनी बनाई जा रही है। क्योंकि मकुइया का (जड़, तना, पत्‍ता, फूल और फल) के काढ़े का सेवन गठिया का दर्द, सूजन, खांसी, घाव, पेट फूलने, अपच, मूत्र रोग में फायदा पहुंचाता है। कान दर्द, हिचकी, जुकाम, आंखों के रोग, उलटी, और शारीरिक कमजोरी में भी लाभ होता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।