सोनौली राजमार्ग के लिए ताल से मिट्टी निकालने के विरोध में किसान लामबंद
Maharajganj News - गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए 14 एकड़ ताल से मिट्टी खुदाई के विरोध में सैकड़ों किसान लामबंद हो गए हैं। किसान यह कहते हैं कि दशकों से यह भूमि कृषि योग्य है और मिट्टी निकालने से...

अड्डा बाजार, हिन्दुस्तान संवाद। गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए अड्डा क्षेत्र के हनुमानगढ़िया के 14 एकड़ ताल से मिट्टी खुदाई के फरमान से सैकड़ों किसान लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दशकों पूर्व ताल खेती में तब्दील हो गई है। ग्राम पंचायत की सहमति से दर्जनों किसान वहां खेती करते चले आ रहे हैं।
खेत से मिट्टी निकालने पर वह कृषि योग्य नहीं रह जाएगी। किसानों का कहना है कि वह खेत से मिट्टी निकालने का पुरजोर विरोध करेंगे। इस मामले में तहसील प्रशासन का कहना है कि किसानों को अगर कोई समस्या है तो वह शिकायत दर्ज कराएं। प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। किसानों का विरोध देख कार्यदायी संस्था पीएनसी की पोकलैन मशीन नहीं पहुंची।
गोरखपुर-सोनौली राजमार्ग के चौड़ीकरण में बड़े पैमाने पर मिट्टी की दरकार है। प्रशासन ने मिट्टी आपूर्ति के लिए अड्डा क्षेत्र के हनुमानगढ़िया में 14 एकड़ ताल की भूमि को चिह्नित किया है। कार्यदायी संस्था पीएनसी कंपनी पोकलैन मशीन व डंपर लगाकर ताल से मिट्टी निकालेगी। पांच फीट गहरी खुदाई की योजना है। मामला जानकारी में आने के बाद दर्जनों किसान परिवार की महिलाओं व बच्चों के साथ चिह्नित स्थल पर पहुंच गए। तपती धूप में विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्हें सूचना मिली थी कि पीएनसी कंपनी मंगलवार से मिट्टी निकालने का कार्य शुरू करेगी।
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि कई दशकों से उनके पुरखे इस ऊसर जमीन को खून पसीना बहाकर उपजाऊ बना कर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। दशकों से ग्राम पंचायत की सहमति से भूमिहीन किसानों को 14 एकड़ उपजाऊ भूमि खेती के लिए आवंटित किया गया था। इसमें अधिकांश अनुसूचित जाति के हैं। किन्तु अब पीएनसी के लिए तहसील प्रशासन उनके कृषि योग्य भूमि पर मिट्टी खनन करने जा रही है। इसको लेकर भूमिहीन किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों का आरोप है कि है कि मिट्टी खनन होने के बाद खेती योग्य भूमि नहीं बचेगी।
एसडीएम नौतनवा नवीन प्रसाद ने बताया कि सरकारी भूमि से कुछ मिट्टी निकालने के लिए पीएनसी कंपनी को अनुमति दी गई है। यदि किसानों या ग्रामीणों को कोई समस्या आ रही है तो उनके द्वारा सक्षम अधिकारी के पास दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। शिकायत की जांच कराई जाएगी।
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