Tributes Paid to IPS Kaival Khurana at Yaadein-Kaival Event वो हमारी आंख का तारा कहीं अब खो गया..., Badaun Hindi News - Hindustan
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वो हमारी आंख का तारा कहीं अब खो गया...

Badaun News - आईपीएस स्व. केवल खुराना की जन्मतिथि पर 'यादें-केवल' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कई कवियों, साहित्यकारों और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर अंबर खरबंदा ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बदायूंWed, 16 April 2025 02:34 AM
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वो हमारी आंख का तारा कहीं अब खो गया...

आईपीएस स्व. केवल खुराना की जन्मतिथि पर उनकी स्मृति में श्रीसनातन धर्म सभा की ओर से शहर के गुरुद्वारा हाल जोगीपुरा में यादें-केवल कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अनेक कवियों, शायरों, साहित्यकारों एवं जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने प्रतिभाग कर उन्हें अपने-अपने शब्दों में श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता देहरादून से आये मशहूर शायर अंबर खरबंदा ने की। यादें-केवल कार्यक्रम का शुभारंभ सरिता सिंह ने मां सरस्वती की वंदना व राग़िब ककरालवी ने ईश वंदना पढ़कर किया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा केवल खुराना के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम में उपस्थित एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह ने आईजी स्व. केवल खुराना को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि केवल खुराना एक अच्छे पुलिस अधिकारी के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी थे। केवल खुराना की कार्यशैली अन्य अधिकारियों के लिये प्रेरणादायक रही। उन्होंने केवल खुराना के पिता साहित्यकार अशोक खुराना को सांत्वना देते हुए कहा कि पुलिस परिवार हमेशा आपके परिवार के साथ है। वहीं इस दौरान कावि सम्मेलन का आगाज महेश मित्र ने कुछ यूं किया, वह अच्छे इंसान थे, अच्छे रहे उसूल, उन्हें समर्पित कर रहे, हम श्रद्धा के फूल..। उमाशंकर राही ने पढ़ा, परमपिता से यही प्रार्थना, जहां रहो खुशहाल रहो...। मुजाहिद नाज़ ने पढ़ा, कहां जा छुपा है तू,केवल खुराना, तिरे ग़म में डूबा है तेरा घराना..। सतीश चंद्र शर्मा सुधांशु ने यूं कहा, लाल खुराना जी का केवल, केवल उनका मान नहीं था..। शम्स मुजाहिदी ने पढ़ा, तिरी याद दिल में है केवल खुराना, कि मुमकिन नहीं है तुझे भूल जाना...। राजवीर सिंह तरंग ने पढ़ा, केवल खुराना याद बहुत आ रहे हो तुम...। विजय कुमार सक्सेना विजय के अलावा कवि कामेश पाठक, अरविंद धवल व शायरों के अतिरिक्त आगरा, कासगंज, हरदोई व देहरादून से आये साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुतिओं से पूरे सदन को आत्मविभोर कर दिया। डॉ. रामप्रकाश पथिक, रामबहादुर व्यथित, डॉ. कमला माहेश्वरी, कुमार आशीष, भारत शर्मा राज, चन्द्रपाल सिंह सरल, डा.. गीतम सिंह, संजीव रूप, सुखदेव पाण्डेय, महाराज सिंह, शरद कुमार, विजय निर्बाध ने काव्यात्मक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन भूराज राजलायर ने किया।

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