सूखी गायघाट और विशुनपुरा की टंकी से कैसे बुझेगी प्यास
Balia News - पड़ताल: हिन्दुस्तान संवाद। ब्लॉक क्षेत्र के गायघाट और विशुनपुरा में लाखों की लागत से बनी पेयजल टंकी वर्षों से शोपीस बनी हुई है। टंकी के मोटर सहित अन्य

रेवती, हिन्दुस्तान संवाद। ब्लॉक क्षेत्र के गायघाट और विशुनपुरा में लाखों की लागत से बनी पेयजल टंकी वर्षों से शोपीस बनी हुई है। टंकी के मोटर सहित अन्य उपकरण खराब हो चुके हैं। इन दोनों गांवों की पेयजल टंकी खुद प्यासी है, तो ऐसे में आमजन का प्यास कैसे बुझायेगी यह समझ से परे है। ग्रामीणों की मानें तो जब तक ऑपरेटर थे, सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन उनके हटने के बाद सब कुछ बदहाल हो गया है और सरकार हर घर नल जल योजना चला रही है। बताया जाता है कि पांच साल पहले भोजछपरा के नाम पर उक्त टंकी का निर्माण कराया था। वर्तमान में टंकी के कमरों के दरवाजे टूटकर खराब हो गये हैं तथा कमरों के अंदर शराब की खाली बोतले बदहाली बयां कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल टंकी का परिसर इन दिनों अराजकों के जमावड़ा का अड्डा बनकर रह गया है। पहले इस टंकी से कुआपीपर व रेलवे लाइन के दक्षिण गायघाट पचरुखा तक पेयजल की सप्लाई होती थी। लेकिन वर्षो से हजारों की आबादी शुद्ध पेयजल को तरस रही है। इसी तरह गायघाट में बनी टंकी से रेलवे लाइन के उत्तर गायघाट में पेयजल क सप्लाई होती थी, दोनों टंकियों पर आपरेटर भी नियुक्त थे। लेकिन फिलहाल दोनों टंकियां शोपीस बनकर रह गयी है और उपकरण भी खराब हो चुके हैं। विशुनपुरा के प्रधान अर्जुन सिंह चौहान ने बताया कि इन टंकियों को चालू कराने के लिए तीन वर्षो से संबंधित विभाग का चक्कर लगाने के बाद भी सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। डीएम के पास भी अनेक आवेदन दिया गा है, लेकिन सब के सब ठंडे बस्ते में पड़े हुए है। इस समय गर्मी का मौसम आ गया है, ऐसे में पेयजल टंकी बदहाली को लेकर ग्रामीणों में चर्चा तेज हो गई है।
कोट: जल निगम की ओर से इन पेयजल टंकियों को ग्राम पंचायतों को हैंडओवर करना था। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है, जिसके लिए जल शक्ति मिशन जिम्मेदार है।
शकील अहमद, बीडीओ रेवती
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।