India s Crucial Role in Achieving Global Steel Industry s Green Goals by 2030 हरित इस्पात उत्पादन का लक्ष्य भारत के रुख पर निर्भर, Delhi Hindi News - Hindustan
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हरित इस्पात उत्पादन का लक्ष्य भारत के रुख पर निर्भर

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक इस्पात उद्योग 2030 तक हरित उत्पादन लक्ष्य के करीब है, लेकिन भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि भारत ने नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो लक्ष्य हासिल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 20 May 2025 05:12 PM
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हरित इस्पात उत्पादन का लक्ष्य भारत के रुख पर निर्भर

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) की नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वैश्विक इस्पात उद्योग 2030 तक हरित उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के करीब है लेकिन इसमें भारत की भूमिका निर्णायक होगी। यदि भारत ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किए तो विश्व इस लक्ष्य से चूक सकता है। लक्ष्य रखा गया था कि 2030 तक वैश्विक इस्पात उद्योग अपना 38 फीसदी उत्पादन कम उत्सर्जन वाली इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस तकनीक से करे। जीईएम के अनुसार मौजूदा रुझान के अनुसार 36 फीसदी क्षमता हासिल होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार भारत इस समय दुनिया की सबसे तेज इस्पात उत्पादन अर्थव्यवस्था है।

2030 तक भारत की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगा और यह दुनिया की कुल क्षमता के 40 फीसदी से भी अधिक होगा। लेकिन इसमें चिंता की बात यह है कि भारत की क्षमता के विस्तार का एक बड़ा हिस्सा कोयला आधारित ऊर्जा पर निर्भरता होगा जो सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। इसलिए इस लक्ष्य को हासिल होने में अड़चन पैदा हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लौह इस्पताल के मूल आधार लौह अयस्क उत्पादन में आस्ट्रेलिया की हिस्सेदारी 43 और ब्राजील की 21 फीसदी है। इन देशों के पास न सिर्फ विशाल लौह अयस्क भंडार हैं, बल्कि वे ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में भी अग्रणी बन सकते हैं, जो भविष्य के हरित इस्पात निर्माण की रीढ़ है। भारत जैसे इस्पात की जरूरत वाले देशों के साथ ब्राज़ील और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत व्यापारिक रिश्ते ग्रीन इस्पात आपूर्ति चेन को वैश्विक आकार दे सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सामने दो रास्ते हैं। या तो वह अपने पारंपरिक कोयला-आधारित मॉडल को जारी रखे और दुनिया को हरित लक्ष्य से दूर ले जाए या फिर वह तकनीकी, नीति और निवेश के ज़रिए नेतृत्व करते हुए ग्रीन स्टील क्रांति की अगुवाई करे।

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