डॉक्टरों के 41 फीसदी पद रिक्त, कैसे होगी सेहत की रखवाली
Balia News - बलिया जनपद में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। 36 लाख 52 हजार की जनसंख्या के लिए 211 डॉक्टरों के पद सृजित हैं, लेकिन केवल 112 डॉक्टर ही तैनात हैं। इससे ग्रामीण झोला...

बलिया, संवाददाता। डॉक्टरों की भारी कमी के कारण जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती नजर आ रही है। जिले की अनुमानित आबादी 36 लाख 52 हजार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए जिला अस्पताल को छोड़ कस्बा और गांवों में 17 सामुदायिक व 79 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 211 डॉक्टरों का पद सृजित है। इसके सापेक्ष वर्तमान में संविदा व आयुष मिलाकर 112 डॉक्टर तैनात हैं। करीब छह महीने पहले ऐलापैथ विभाग में सीएमओ को ‘वॉक इन इंटरव्यू से डॉक्टरों के रिक्त पद भरने की जुगत की गई थी। लेकिन इसमें चयनित अधिकांश डॉक्टर योगदान नहीं किए। चिकित्सकों की कमी से ग्रामीणों को झोला छाप डॉक्टरों से उपचार कराने की लाचारी है, जहां धन खर्च करने के बाद भी उचित इलाज संभव नहीं हो पा रहा है।
जनपद में जिला अस्पताल को छोड़ तीनों पैथ (एलोपैथ, आयुर्वेद व होम्योपैथ) में चिकित्सकों के 344 पद सृजीत हैं इसके सापेक्ष 139 पद खाली हैं। ऐसे में लाखों की आबादी के सेहत की रखवाली भगवान भरोसे है। इसी तरह आयुर्वेद के 66 अस्पताल हैं, जिस पर डॉक्टरों का 67 पद सृजीत हैं, जबकि डॉक्टर मात्र 58 हैं। यहां भी चिकित्सकों के नौ पद खाली हैं। होम्योपैथ में 67 डॉक्टरों का पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष 49 की ही तैनाती है और 18 पद खाली हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो जिले में 39 फीसदी चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पद्मावती गौतम, जिला होम्योपैथ अधिकारी सुरेन्द्र गोंड व जिला आयुर्वेद अधिकारी आनंद सिंह कुशवाहा का कहना है कि समय-समय पर शासन को इससे अवगत कराया जाता है। बताया कि आयुर्वेद में छह नए डॉक्टर आने के बाद से रिक्तियां कम हुई है।
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