डीएम के वीडियो कॉल में दस अधिकारी मिले अनुपस्थित
Balrampur News - जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने वीडियो कॉल के माध्यम से अधिकारियों की उपस्थिति का जायजा लिया। इस दौरान 10 अधिकारी अनुपस्थित मिले। उन्होंने सभी से दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है और चेतावनी दी है कि...

मांगा स्पष्टीकरण जिलाधिकारी को लम्बे समय से मिल रही थी अधिकारियों के गैर हाजिर रहने की सूचना
मंगलवार सुबह सवा दस से 10:25 बजे तक डीएम ने वीडियो कॉल के माध्यम से अधिकारियों की उपस्थिति का लिया जायजा
बलरामपुर, संवाददाता।
जिलाधिकारी ने वीडियो कॉल के माध्यम से ब्लाक एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति का जायजा लिया। जिसमें जिला एवं ब्लाक स्तरीय सहित दस अधिकारी अनुपस्थित पाए गए हैं। सभी से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। समय से सही जबाब न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात डीएम ने कही है।
अधिकारीगण अपने कार्य में लगातार लापरवाही कर रहे हैं। समय से दफ्तर न जाना कुछ अधिकारियों की आदत सी बन गई है। अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। अधिकारियों के गैर हाजिर रहने की सूचना जिलाधिकारी पवन अग्रवाल को लम्बे समय से मिल रही थी। मंगलवार सुबह 10:15 से 10:25 बजे तक डीएम ने वीडियो कॉल के माध्यम से अधिकारियों की उपस्थिति का जायजा लिया। जिला विकास अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं मिले। ग्राम्य विकास परियोजना निदेशक भी अपनी कुर्सी से गायब थे। जिला कृषि अधिकारी की कुर्सी खाली मिली। कृषि विभाग के उप निदेशक ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। जिला विद्यालय निरीक्षक भी लोकेशन कार्यालय में नहीं मिला। उप जिलाधिकारी तुलसीपुर अनुपस्थित पाए गए। खंड विकास अधिकारी बलरामपुर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। इसी तरह वीडीओ हर्रैया, गैसड़ी व गैंड़ास बुजुर्ग का लोकेशन कार्यालय में नहीं मिला। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में मौजूद पाए गए। जिला पंचायत राज अधिकारी, उतरौला की वीडीओ पल्लवी सचान व वीडीओ श्रीदत्तगंज अपने कार्यालय में मौजूद मिले। डीएम ने अनुपस्थित कर्मियों पर नाराजगी प्रकट की।
जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि सभी अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जबाब न मिलने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कहा कि प्रात: दस से दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहकर जनमानस की शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्णक किया जाना चाहिए। शासन के मंशानुरूप कार्य न करने वाले अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कहा कि वह समय-समय पर सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण करते रहेंगे। अनुपस्थित पाए जाने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई होगी। समस्याओं का निस्तारण काम चलाऊ नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें गुणवत्ता का होना आवश्यक है। आम आदमी को अपनी समस्याओं का निस्तारण कराने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर न काटना पड़े।
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