Young Innovator Pooja s Dust-Free Thresher Model Patented Set to Represent India in Japan जापान की उड़ान भरेगी बाल वैज्ञानिक पूजा, Barabanki Hindi News - Hindustan
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जापान की उड़ान भरेगी बाल वैज्ञानिक पूजा

Barabanki News - सिरौली गौसपुर की बाल वैज्ञानिक पूजा ने चार साल पहले भूसा धूल पृथककरण यंत्र का आविष्कार किया। इस यंत्र का पेटेंट भारत सरकार ने कराने का निर्णय लिया है। पूजा 14 जून को जापान जा रही हैं। वह एक गरीब...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीFri, 23 May 2025 01:57 AM
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जापान की उड़ान भरेगी बाल वैज्ञानिक पूजा

सिरौली गौसपुर। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है...। किसी शायर की यह पंक्तियां इस समय क्षेत्र के छोटे से गांव डलई का पुरवा मजरे विरौली की बाल वैज्ञानिक पूजा पर सटीक बैठती है। पूजा ने आज से चार साल पहले भूसा धूल पृथककरण यंत्र का आविष्कार किया, जिसका पेटेंट सरकार कराने जा रही है। भारत सरकार की इंस्पायर पुरस्कार योजना के तहत पूजा 14 जून को जापान जाएगी। वर्तमान में फतेहचंद्र जगदीश राय इंटर कॉलेज सफदरगंज में इंटर की छात्रा पूजा के मन में चार साल पहले उच्च प्राथमिक विद्यालय अगेहरा में कक्षा आठ में पढ़ाई के दौरान गेहूं की मड़ाई के समय थ्रेसर से उड़ने वाली धूल से परेशान साथी छात्राओं की सांस फूलने की समस्या पर एक आइडिया आया।

इसके बाद बचपन से ही जिज्ञासु पूजा के मन में आया कि क्यों ने इस बारे में अपने गुरुजी से बात की जाए। फिर उसने अपने विज्ञान के शिक्षक राजीव श्रीवास्तव को आइडिया दिया कि क्यों न एक ऐसा थ्रेसर बनाया जाय, जिससे धूल ही न निकले। शिक्षक के मार्ग दर्शन में पूजा ने टीन और पंखे का उपयोग करके एक धूल रहित थ्रेसर का मॉडल तैयार किया। इस मॉडल की खासियत यह है कि इसमें लगा पंखा धूल को बाहर उड़ाने की जगह धूल एक थैले में जमा कर लेता है। जिससे वातावरण स्वच्छ रहता है। विज्ञान शिक्षक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि मॉडल का नाम भूसा धूल पृथक करण यंत्र है। इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत पूजा के मॉडल की चर्चा होने लगी। जिला, प्रदेश, फिर राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में इस मॉडल को चुना गया। राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी और मेले में देश भर में आये 100 रिसर्च प्रोजेक्ट में छात्रा का प्रोजेक्ट चयनित किया गया है। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पेटेंट कराने के लिए सहमति भी दे दी है। पिता है मनरेगा मजदूर, जमीन भी नहीं :बाल वैज्ञानिक पूजा अति पिछड़े परिवार से हैं। बावजूद इसके वेबसी और गुरबत की चौखट से निकल कर जापान तक की सफर की तैयारी में हैं। गरीबी व वेबसी का उन्होंने करीब से देखा है। सिरौलीगौसपुर विकास खंड विरौली का गांव डलई पुरवा निवासी पूजा के पिता जी मनरेगा मजदूर हैं। छत के नाम पर झोपड़ी है। झोपड़ी में बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। पिता के पास जमीन नहीं है। बाल वैज्ञानिक पूजा के पिता पुत्तीलाल ने बताया कि प्रधानजी ने खेती के लिए भूमि का पट्टा दिलवाने के लिए तहसील स्तर तक लिखा पढ़ी की है, किंतु अभी पट्टा नहीं मिला है। मां सुनीला देवी गांव के ही सरकारी विद्यालय में रसोइया हैं। पूजा की मां कहना है कि गरीबी व लाचारी को देखते हुए हम दोनों लोगों ने मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को उच्च शिक्षा तक ग्रहण कराने की ठान रखी है। मां ने बताया कि बड़ी बेटी रुचि (21) बीकाम द्वितीय में शिक्षा ग्रहण कर रही है। तो पूजा (18) सफदरगंज के फतेह चंद्र जगदीश राय इंटर कॉलेज में शिक्षा अर्जित कर रही है। जबकि प्रियांशी (15) कक्षा 9 में, भाई पुष्पेन्द्र (13) कक्षा 8 में, देवेन्द्र (9) कक्षा 4 में पढ़ रहे हैं।

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