जाफरी को बचाने में फंसी सीबीगंज पुलिस, पूरे थाने की जांच शुरू
Bareily News - डी फार्मा फर्जीवाड़े में खुसरो मैमोरियल कॉलेज और उसके चेयरमैन शेर अली जाफरी की भूमिका की जांच चल रही है। पुलिस ने छात्रों की शिकायतों को दबाया, लेकिन मामले का खुलासा हुआ। एसएसपी ने पुलिस कर्मियों की...

डी फार्मा फर्जीवाड़े में खुसरो मैमोरियल पीजी कॉलेज और उसके चेयरमैन शेर अली जाफरी को बचाने में सीबीगंज थाना पुलिस फंस गई है। एसएसपी अनुराग आर्य ने दो पूर्व इंस्पेक्टर समेत पूरे थाने के स्टाफ की भूमिका के जांच के निर्देश दिए हैं। सामने आया है कि जाफरी के खिलाफ कई महीने से शिकायतें आ रही थीं लेकिन सीबीगंज पुलिस उन्हें दबा देती थी। सीबीगंज स्थित खुसरो मैमोरियल पीजी कॉलेज में सत्र 2019-20 में डी फार्मा में फर्जी एडमिशन लेकर छात्रों से ठगी की शुरुआत हुई थी। यह खेल सत्र 2023-24 तक चला और 379 छात्र-छात्राओं को डीफार्मा में प्रवेश देकर उनसे लगभग 3.70 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई। छात्रों को फर्जी डिग्री दी गईं तो इस ठगी का भंडाफोड़ हो गया और कई महीने पहले सीबीगंज थाने में इसकी शिकायतें शुरू हो गईं। मगर पुलिस ने उन शिकायतों को दबा दिया तो छात्र जिला मुख्यालय तक पहुंचे। इस पर जून में चेयरमैन शेर अली जाफरी ने खुद को बचाने के लिए कथित प्रिंसिपल विश्वनाथ शर्मा से आईजीआरएस पोर्टल पर आस्था कंसल्टेंसी के प्रोपराइटर डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ शिकायत कराई। इसमें सीबीगंज पुलिस ने साठगांठ कर उसके मनमुताबिक रिपोर्ट लगाते हुए फर्जीवाड़े का ठीकरा डॉ. विजय शर्मा के सिर फोड़ दिया। कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी और विश्वनाथ शर्मा को क्लीनचिट दे दी। इसी जांच के आधार पर विश्वनाथ शर्मा ने एसएसपी से शिकायत कर डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।
छात्रों की शिकायत पर भी खेल करती रही पुलिस
विश्वनाथ शर्मा की रिपोर्ट के बाद पीड़ित छात्रों ने यह खेल उजागर कर एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की तो उन्होंने तत्कालीन इंस्पेक्टर राजबली सिंह को जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए। मगर सीबीगंज पुलिस फिर से मामले को दबाकर बैठ गई। इस पर एसएसपी ने नाराजगी जताई तो छात्रों की रिपोर्ट दर्ज हुई। इसके बाद शासन द्वारा नामित जांच अधिकारी जीटीआई के प्रिंसिपल नरेंद्र कुमार ने अपनी जांच में पूरा खेल उजागर किया तो एक और रिपोर्ट दर्ज हो गई। इसके साथ ही सीबीगंज पुलिस की पोल भी खुल गई, जिसके चलते एसएसपी ने पिछले दिनों हुए ट्रांसफर में इंस्पेक्टर राजबली सिंह को हटा दिया।
कई पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई
पिछले दिनों इंस्पेक्टर राजबली सिंह के शेर अली जाफरी के बेटे के साथ फोटो भी वायरल हुए थे। इसके अलावा जाफरी के पक्ष में जो पहली रिपोर्ट लगाई गई थी तो इंस्पेक्टर राधेश्याम वहां तैनात थे। इसके चलते ही एसएसपी ने एसपी साउथ मानुष पारीक को दोनों इंस्पेक्टर समेत पूरे थाने की भूमिका की जांच के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है।
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जाफरी के सबूत बनेंगे उसकी मुसीबत, प्रिंसिपल को नोटिस
इस मामले में जाफरी द्वारा अपने बचाव में पुलिस को दिए सबूत ही उसकी मुसीबत बन जाएंगे। पुलिस का कहना है कि विश्वनाथ शर्मा की ओर से दर्ज मुकदमे में उसने डॉ. विजय शर्मा से किए गए लेनदेन के साक्ष्य सौंपे हैं। कहा है कि उसने सारी रकम डॉ. विजय शर्मा को दी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि उसकी और डॉ. विजय शर्मा की मिलीभगत थी, इसी वजह से रकम का बंटवारा किया गया। अब यह साक्ष्य ही उसकी मुसीबत बन जाएंगे। इस संबंध में जानकारी के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल विश्वनाथ शर्मा की ओर को नोटिस देकर जांच के लिए उसे तलब किया है।
वर्जन
डी फार्मा फर्जीवाड़ा प्रकरण में सीबीगंज थाने की भूमिका संदेह के घेरे में है। दो पूर्व इंस्पेक्टर समेत अन्य स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जा रही है। जो भी पुलिसकर्मी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। कॉलेज के प्रिंसिपल को भी नोटिस दिया गया है।
- अनुराग आर्य, एसएसपी
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