Caste Census Decision Government to Conduct Population Count After 15 Years 11 दशकों में जिले की औसतन 33.6 प्रतिशत आबादी बढ़ी, Basti Hindi News - Hindustan
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11 दशकों में जिले की औसतन 33.6 प्रतिशत आबादी बढ़ी

Basti News - - 1911 की जनगणना में घट गई थी जिले की जनसंख्या - 1911 की जनगणना में घट गई थी जिले की जनसंख्या - 1911 की जनगणना में घट गई थी जिले की जनसंख्या

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीFri, 2 May 2025 02:27 AM
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11 दशकों में जिले की औसतन 33.6 प्रतिशत आबादी बढ़ी

बस्ती, सुरेन्द्र पांडेय। अंग्रेजों के समय से प्रति दशक चल रही जनगणना में एक को छोड़कर प्रति दशक जनसंख्या में वृद्धि हुई। 1901 से लेकर 2011 तक जिले के जनसंख्या में औसतन 33.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि 2021 में होने वाली जनगणना कई कारणों से लंबित रही। अब केंद्र सरकार ने करीब 15 वर्ष बाद जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इस जनगणना में भी जनसंख्या वृद्धि की संभावना है। जिला अर्थ संख्या अधिकारी ने बताया कि जनसंख्या वृद्धि के आंकड़े औसत के आधार पर हैं। सांख्यिकी विभाग के पास वर्ष 1901 से बस्ती जिले की जनसंख्या के आंकड़े हैं।

हालांकि उस समय बस्ती जनपद का फैलाव वर्तमान के सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर तक था। 1911 में कुछ और गांव आबाद हुए, लेकिन जनसंख्या वृद्धि में कमी दर्ज की गई। सांख्यिकी विशेषज्ञ बताते हैं कि यह उस समय के परिस्थितियों के चलते हुए था। कई युद्ध, कई प्रकार की सामूहिक बीमारियों का जनसंख्या पर असर पड़ा था। उसके बाद 1921 से जिले की जनसंख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। 1941 में जिले के कुछ हिस्से को काटकर पड़ोसी जनपद गोरखपुर और गोंडा में शामिल किया गया था। इस कारण जिले के आबाद गांवों की संख्या में कमी आई, लेकिन वृद्धि दर जारी रही। हालांकि एक दशक बाद भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए फिर से इन गांवों को बस्ती में शामिल कर दिया गया। सन 1921 से लेकर अब तक जनसंख्या वृद्धि दर जारी है। जनपद का बंटवारा होने के साथ-साथ गांवों की संख्या घटती गई। 1988 में बस्ती से काटकर सिद्धार्थनगर बनाया गया। उसके बाद संतकबीरनगर जनपद की 1997 में स्थापना हुई। जिले का बंटवारा होने के बाद जिले के आबाद गांवों की संख्या में कमी आई, लेकिन जनसंख्या वृद्धि दर जारी रहा। डीएसटीओ मनोज कुमार ने बताया कि 1901 से लेकर 2011 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो बस्ती जिले के संख्या में 33.6 प्रतिशत वृद्धि देखी गई। संभावना है कि आगामी जनगणना के दौरान इसमें और अधिक वृद्धि हो सकती है। --- सन आबाद गांव जनसंख्या प्रति दशक वृद्धि प्रतिशत 1901 6903 1845104 00 1911 6921 1829381 - 01 1921 6951 1924134 05 1931 6969 2076843 08 1941 5423 2184399 06 1951 6948 2386246 09 1961 6966 2625755 10 1971 6942 2984090 14 1981 4511 2185919 27.1 1991 3066 1675359 23.4 2001 3152 2084814 24.4 2011 3158 2464464 18.7 --- जाति जनगणना से सरकार को नीतियों को बनाने में सटीक जानकारी से सुधार होगा। जरूरतमंदों को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों के पिछड़ापन को दूर किया जा सकता है। संसाधनों के दोहन, विकास योजनाओ के बनाने के साथ कमजोर वर्ग के लिए कार्य करने की आसानी होगी। फोटो: 1 बीएसटी 32: विवेकानंद मिश्र : जिलाध्यक्ष, भाजपा --- कांग्रेस वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सदन से लेकर सड़क तक जाति जनगणना कराने की लड़ाई लड़ी है। जाति जनगणना कराना कांग्रेस की नैतिक जीत है। इसके आधार पर सभी की भागीदारी तय होगी और विकास होगा। अब भाजपा अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन जनता जान चुकी है। फोटो: 1 बीएसटी 33: विश्वनाथ चौधरी : जिलाध्यक्ष, कांग्रेस --- जाति जनगणना कराना भाजपा सरकार की मजबूरी बन गई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे को लेकर पहले से ही काफी गंभीर थे। समय-समय पर इस मांग को उठा रहे थे। इससे पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के आंकड़े सामने आ जाएंगे। इस आधार पर उनके लिए नीति बनेगी। फोटो: 1 बीएसटी 34: महेन्द्रनाथ यादव: जिलाध्यक्ष/ विधायक, सपा --- सरकार की तरफ से कराया जाने वाला जातिगत जनगणना का निर्णय सराहनीय हैं। बहुजन समाज पार्टी लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक्स हैन्डिल पर ट्वीट कर इस निर्णय की सराहना की है, क्योंकि इस निर्णय से सर्व समाज का विकास होगा। फोटो: 1 बीएसटी 35: अनिल कुमार गौतम : जिलाध्यक्ष, बसपा

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