लकीर के फकीर बनने से होता है पराभव, सीएम योगी ने युवा संसद में दिए सफलता के टिप्स
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम लकीर का फकीर बनते हैं और अपने काम से मुंह चुराते हैं तो यही हमारे पराभव का कारण बनता है। वहीं जब हम लीक से हटकर कुछ अलग, कुछ विशिष्ट और नया करने का प्रयास करते हैं तो वही लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है। वही एक लीडर का गुण होता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यूपी विधान भवन में विकसित भारत युवा संसद महोत्सव के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित किया। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को सफलता के टिप्स दिए और सुशासन के मौलिक सिद्धांतों पर बात की। उन्होंने कहा कि आप किसी भी क्षेत्र में जा सकते हैं। कोशिश स्वयं में नेतृत्व का गुण विकसित करने की होनी चाहिए। जीवन के किसी भी क्षेत्र में चाहे विधायिका, कार्यपालिका, सर्विस, व्यापार, उद्यम, न्यायापालिका की सर्विस में आप जा सकते हैं। अन्य क्षेत्रों में भी जा सकते हैं लेकिन उन क्षेत्रों में जब आप लीक हटकर कुछ विशिष्ट करते हैं तो वही लोगों के अंदर प्रेरणा बन जाता है और आपके अंदर नेतृत्व गुणों को विकसित करने की कला पनपती है। जब हम लकीर का फकीर बनते हैं और अपने काम से मुंह चुराते हैं तो यही हमारे पराभव का कारण बनता है। जब हम लीक से हटकर कुछ अलग, कुछ विशिष्ट और नया करने का प्रयास करते हैं तो वही लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है। वही एक लीडर का गुण होता है।
सीएम योगी ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायापालिका भारतीय संसदीय लोकतंत्र के तीन आधार स्तंभ हैं। विधायिका में जो कानून बनते हैं कार्यपालिका उनको लागू करने का काम करती है। कहीं भी नियम विरुद्ध कोई आचरण न हो इसके लिए शासन के अलावा न्यायापालिका भी है। यदि कहीं किसी को लगता है कि सुनवाई नहीं हो रही है तो वो जनप्रतिनिधयों के पास जाता है। लेकिन उसके अलावा भी उसके पास न्यायापालिका का मंच है जहां वो अपनी बात रख सकता है। ये तीनों एक-दूसरे के विरोधी नहीं एक-दूसरे के पूरक हैं। जब तीनों मिलकर काम करते हैं तो सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को विकसित भारत पर युवा संसद में आज से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता शुरू हुई। इसका विषय भारतीय संविधान के 75 वर्ष व संविधान दिवस के 11 संकल्प है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अब राज शाही नहीं है। संविधान के हिसाब से चलता है। यूपी का परसेप्शन बदल गया। सबका साथ सबका विकास व सबका प्रयास होना चाहिए। यूपी की छवि को लेकर हम लोगो को गर्व है। विधानसभा में डॉक्टर, इंजीनियर और वकील हैं। पहले उपहास चलता था कि जो कुछ नहीं करता है वह नेता बनेगा। यह भाव बदल गया। जिसे सब कुछ आता है वह नेता बनेगा। टाइम मेनेजमेंट और कमिटमेंट बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैनेजमेंट के शिल्पकार हैं। इस मौके पर विधान परिषद के सभापति मानवेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार रखे।
एमएलसी पवन चौहान, विधानसभा सदस्य अनुपमा जायसवाल और नीरज वोरा निर्णायक मंडल के रूप में मौजूद थे। इसमें 18 से 33 वर्ष के यवाओं ने विकसित भारत के विजन पर अपनी राय रखी। हर राज्य की विधान सभा में यह आयोजन हो रहा है। विभिन्न जिलों से आए 240 युवाओं को आज सदन् में बुलाया गया। इनमें हर एक ने तीन मिनट में अपनी बात रखी। नेहरू युवा केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना, खेल विभाग और यूपी विधानसभा के सहयोग से यह आयोजन शनिवार को भी चलेगा।