बोले बिजनौर : जिले में बने योग प्रशिक्षण केंद्र, कुशल प्रशिक्षकों की हो तैनाती
Bijnor News - योग एक ऐसा माध्यम है जो हमें निरोगी जीवन जीने में मदद करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, जिले के लोगों ने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की है। सभी स्कूलों में योग शिक्षा...
योग वह माध्यम है जिसे अपनाकर हम निरोगी जीवन जी सकते हैं। पिछले वर्षों की तुलना में आज लोगों में योग के प्रति रुचि बढ़ी है। युवाओं से लेकर वृद्ध तक खेल मैदान या पार्क में योग करते नजर आ जाते हैं। कुछ लोग योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग ले रहे हैं तो कुछ नियमित रूप से अपने घरों पर योग कर रहे हैं। जिले के लोगों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब हम इसको वर्ष में एक दिन ना मना कर प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके लिए स्कूलों में योग को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाना चाहिए।
प्रतिदिन प्रार्थना के पश्चात स्कूलों में योग शिक्षा मिले साथ ही जिले में योग प्रशिक्षण केंद्र बनना चाहिए और निशुल्क लोगों को योग सिखाया जाए। कुशल योग प्रशिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। योग हमारे ऋषि मुनियों की देन है। जिले के लोग योग को अपनाकर निरोगी बन रहे हैं और खुशहाल जीवन जी रहे हैं। योग करके जिले के लोगों ने खुद को बीमारियों के मकड़जाल से निकाला है और लोगों को योग को लेकर जागरुक भी कर रहे हैं। वास्तव में वर्तमान सरकार इसके लिए बधाई की पात्र है कि उनके महत्वपूर्ण प्रयास से आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को मान्यता मिली है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम योग दिवस मना रहे हैं। हमारे देश में अनेक बड़े-बड़े नगरों शहरों में विदेशी पुरुष महिलाएं भी योग सिखाने के लिए आ रहे हैं। कमलवीर सिंह, संजीव विश्नोई, राकेश कुमार शर्मा आदि ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब हम इसको वर्ष में एक दिन ना मना कर प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके लिए सरकार को भी और अधिक प्रयास करने होंगे। स्कूलों में योग को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए। प्रतिदिन प्रार्थना के पश्चात स्कूलों में योग शिक्षा दी जानी चाहिए। स्कूलों में योग शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए नगरों में स्थित स्टेडियम एवं पार्कों में योग करने के लिए योग भवन का निर्माण होना चाहिए ताकि ठंड एवं धूप एवं वर्ष में भी योगाभ्यास हो सकें। स्टेडियम में जिस प्रकार अन्य खेलों के कोच रखे जाते हैं इस प्रकार योग प्रशिक्षक भी रखे जाने चाहिए। आज पूरा विश्व इस बात को जान चुका है की योग करके मनुष्य स्वस्थ रह सकता है तथा अनेक गंभीर बीमारियों से भी बच सकता है इसलिए बच्चों एवं युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए अनिवार्य रूप से योग किया जाना आवश्यक है। आज भी हमारे बहुत से बुजुर्ग योग प्रक्रिया में पारंगत है। उन्हें समय-समय पर सम्मानित किया जाना चाहिए तथा उन्हें योग शिक्षा देने के लिए प्रेरित भी किया जाना चाहिए। जिले में हर ब्लाक में बने योग प्रशिक्षण केंद्र राकेश शर्मा, राजीव चौहान का कहना है कि जिले में योगा प्रशिक्षण केंद्र बनने चाहिए। जिले में मुख्यालय सहित हर ब्लाक में योगा प्रशिक्षण केंद्र बने। योगा प्रशिक्षण केंद्र पर कुशल योग गुरु होने चाहिए जो जिले के लोगों को योगाभ्यास कराकर उन्हें निरोगी बनाने में अपनी भूमिका निभाए। साल में एक दिन नहीं नियमित रूप से चले योग की क्लास जिले में एक दिन के लिए योग नहीं होना चाहिए। योग की क्लास नियमित रूप से रोज के रोज चलनी चाहिए। नेहरू स्टेडियम से लेकर इंदिरा पार्क और स्कूल कालेजों में भी नियमित रूप से योग होना चाहिए। योग होने से जिले के लोगों की आयु लंबी होगी। लोगों का कहना है कि इस पर सरकार ध्यान दें। स्कूल कालेजों में योग को अनिवार्य किया जाए, ताकि नई पीढ़ी योग को समझ सकें। प्रत्येक पंचायत स्तर पर हो योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति जिले के लोगों का कहना है कि प्रत्येक पंचायत स्तर पर पर योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि वे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को योग का प्रशिक्षण दे सकें। बच्चे ही नहीं युवाओं से लेकर महिलाओं, पुरुष और वृद्धों को भी इसका लाभ मिल सकें। घर-घर जाकर योग सिखाने वालों को दिया जाए मानदेय जिले में काफी लोग योग सिखाने में पारंगत है। वह घर घर जाकर लोगों को योग भी सिखाते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर नियमित रूप से मानदेय दिया जाना चाहिए। ऐसा होगा तो यह लोग योग तो सिखाएंगे साथ ही योग करने के लिए जिले के लोगों को प्रेरित भी करेंगे। गांवों में ऐसी व्यवस्था हो जो ग्राम पंचायतों में पार्क और खुले मैदानों में योग शिविर लगाए जाए और लोगों को नियमित रूप से योगाभ्यास कराया जाए। सुझाव 1. स्कूल कॉलेजों में योग अनिवार्य किया जाना चाहिए। 2. प्रत्येक पंचायत स्तर पर पर योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाए। 3. योग के जानकारों की सार्वजनिक स्थानों पर प्रातः काल उनकी ड्यूटी लगाई जाए। 4. स्कूली बच्चों को योग स्थलों पर भ्रमण कराया जाना चाहिए। 5. सार्वजनिक स्थानों पर योग भवनों की स्थापना की जाए। शिकायतें 1. शहर में नहीं है कोई भी योग भवन। 2. स्कूल-कालेजों में नहीं कराया जाता है योग प्रशिक्षण। 3. नियमित योग कराने वालों को नहीं दिया जाता है मानदेय। 4. प्रशिक्षक न होने से शारीरिक नुकसान की बनी रहती संभावना। 5. आयुष विभाग में तैनात योग प्रशिक्षक नहीं सीखाते योग। हमारी सुनो बात योग वर्ष में केवल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही न करें। योग को प्रतिदिन करने का नियम बनाया जाए। जिससे स्वास्थ्य बना रहेगा। - वीरेंद्र कुमार सभी स्कूल कॉलेज में योग अनिवार्य किया जाना चाहिए। सवेरे प्रार्थना के बाद योग अवश्य कराया जाए, ताकि नई पीढ़ी योग के महत्व को जान सके। - डॉ. प्रमोद कुमार प्रत्येक पंचायत स्तर पर पर योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाए, ताकि वह ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को योग का प्रशिक्षण दे सकें। - कमलवीर सिंह योग की जानकारी वालों की शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर प्रातः काल उनकी ड्यूटी लगाई जाए, जिससे वह वहां पहुंच रहे लोगों को योग का ज्ञान दे सकें। - गणेश ठाकुर नगर में सार्वजनिक स्थानों जैसे इंदिरा पार्क, एजाज अली हाल और स्टेडियम बिजनौर आदि में योग भवन की स्थापना की जाए, जिससे लोग योग करने के लिए प्रेरित हो सके। - राकेश कुमार रस्तोगी सरकार द्वारा आयुष विभाग में योग प्रशिक्षकों की मानदेय पर नियुक्ति दी गई है। उन्हें अन्य योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए निर्देशित किया जाए। जिससे समाज के अन्य लोगों को योग सीख सकें। - दिनेश चौहान स्कूलों में बच्चों को जिस प्रकार भ्रमण के लिए ले जाया जाता है, इस प्रकार उन्हें आसपास योग स्थलों पर भ्रमण कराया जाना चाहिए। जिससे वह अपने ऋषि मुनियों की देन योग को समझ सके। - राममूर्ति गौतम आज संपूर्ण समाज योग को जान चुका है, योग को प्रतिदिन दिनचर्या में शामिल कर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। डॉक्टर भी आजकल स्वयं योग कर रहे हैं। - आशाराम सिंह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सूर्य नमस्कार एवं हास्य योग जैसे महत्वपूर्ण आसनों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए, जिससे लोग इससे लाभान्वित हो सके। - सोरन सिंह परिहार हमारे बहुत से बुजुर्ग योग प्रक्रिया में पारंगत है। उन्हें समय-समय पर सम्मानित किया जाना चाहिए तथा उन्हें योग शिक्षा देने के लिए प्रेरित भी किया जाना चाहिए। - राकेश कुमार शर्मा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा, जब हम इसको वर्ष में एक दिन न मनाकर प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें। - संजीव बिश्नोई समाज में बहुत वरिष्ठ नागरिक ऐसे हैं, जिन्हे योग की बहुत अच्छी जानकारी है। जो शहर में घर-घर जाकर योग सीखा रहे हैं। उनको नियमित रूप से मानदेय दिया जाए। - चरण सिंह आज पूरा विश्व इस बात को जान चुका है कि योग करके मनुष्य स्वस्थ रह सकता है। अनेक गंभीर बीमारियों से भी बच सकता है, इसलिए बच्चों एवं युवाओं को स्वस्थ रखने के लिए अनिवार्य रूप से योग किया जाना आवश्यक है। -संजीव अग्रवाल एड. स्टेडियम में जिस प्रकार अन्य खेलों के कोच रखे जाते हैं, इस प्रकार योग प्रशिक्षक भी रखे जाने चाहिए। जिससे योग जीवन में नियमित हो सके। - राजीव चौहान एड.
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