नग नगवा और टांडाकला गंगा घाट का किया गया पीपा पुल बंद
Chandauli News - परेशानी बढ़ीनगवा और टांडाकला गंगा घाट का किया गया पीपा पुल बंद नगवा और टांडाकला गंगा घाट का किया गया पीपा पुल बंद नगवा और टांडाकला गंगा घाट का किया ग

धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। जिले का प्रमुख नगवां-चोचकपुर और टांडाकला गंगा नदी में निर्मित पीपा पुल रविवार की रात 12 बजे से आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया। नगवा- चोचकपुर गंगा घाट पर पक्कापुल नहीं होने के कारण 5 महीने तक चंदौली और गाजीपुर के बीच लोगों को आवागमन को लेकर 25 किमी की दूरी के लिए अब से 65 किमी लम्बी एवं उबाऊ यात्रा करनी पड़ेगी। क्योंकि हर साल 15 जून से 15 नवंबर तक यह पीपापुल आवागमन के लिए बंद कर दिया जाता है। इस वजह से 5 माह तक लोगों को आने जाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यदि नगवां चोचकपुर में गंगा नदी पर पीपा पुल के स्थान पर पक्का एवं स्थाई पुल का निर्माण हो जाता तो धानापुर और गाजीपुर के बीच की यात्रा करना सभी के लिए सस्ता एवं सुगम हो जाता। नगवां-चोचकपुर घाट पर गंगा नदी में पक्का पुल के निर्माण की धानापुर विकास मंच की मांग एवं तत्कालीन केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉ महेन्द्र नाथ पांडेय और सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह की पहल पर 25 अक्टूबर 2017 को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चंदौली में आयोजित एक जनसभा में यहां पक्कापुल की आवश्यकता को महसूस करते हुए उसके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीपापुल लगाने की घोषणा किया था। जिसे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने 15 जनवरी 2018 को मूर्त रूप देते हुए यहां पीपापुल को आम जनता के आवागमन के लिए चालू कर दिया। तब से लेकर अब तक 15 नवंबर से 15 जून तक प्रतिवर्ष लोग इस पीपापुल से निःशुल्क आवागमन करते हैं। लेकिन 16 जून से 14 नवंबर के बीच 5 महीने तक उन्हें धानापुर और गाजीपुर के बीच की 25 किमी दूरी तय करने के लिए 65 किमी लंबी परिक्रमा करनी पड़ती है। सरकार की मंशा है कि यहां पक्का पुल बनाया जाएगा। किंतु निर्माण कार्य कब से आरंभ होगा। इसको लेकर अटकलबाजी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां के वाशिंदों ने नगवां में गंगा पर जल्द स्थाई पुल का निर्माण शुरू कराने की मांग किया है। टांडाकला में पीपा का पांटून पुल हटने पर परेशानी बढ़ी चहनिया,हिन्दुस्तान संवाद। शासन के निर्देश पर टांडाकला घाट से पीपा का पांटून पुल रविवार की रात 12 बजे हटा दिया गया। अब लोगो को उस पार आवागमन करने के लिए नाव का सहारा लेना होगा या फिर दूरी तय कर जानी होगी। इससे छात्र, व्यापारी आदि की मुश्किलें बढ़ गयी है। बरसात से पूर्व शासन के निर्देश पर हरसाल 15 जून की रात 12 बजे पीपा का पांटून पुल हटा दिया जाता। इस बार भी 15 जून की रात 12 बजे कर्मियों द्वारा बीच से पीपा शुरुआती में लोहे की पटरी को हटा दिया गया। पीपा पांटून पुल से मार्कण्डेय महादेव धाम पर दर्शन पूजन के साथ साथ व्यापार भी करने जाते थे। अब दर्शन पूजन करने और व्यापार करने के लिए जान जोखिम में डालकर नाव से उस पार आना जाना होगा या फिर लम्बी दूरी तय कर जाना होगा। क्षेत्र व आसपास गांवों के लोग उस पार जाकर कैथी से वाराणसी कम दूरी तय कर आसानी से आते जाते थे। टाण्डा से उस पार मात्र डेढ़ किमी दूर गंगा पार कर जाते थे ,उन्हें अब चार पहिया वाहन से 32 किमी का सफर तय कर मार्कण्डेय महादेव जाना होगा।
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