घर खरीददारों को बड़ी राहत,सुपरटेक के 16 अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण का रास्ता साफ
इस प्रस्ताव में बैंक बकाया और स्थानीय अधिकारियों को बकाया राशि का भुगतान करना शामिल है। एपेक्स ने शुरुआती 500 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है। इसका लक्ष्य दो साल के भीतर फ्लैट वितरित करना है। घर खरीदारों को बिना किसी अतिरिक्त बोझ के और विलंबित पैनल्टी के साथ अपना घर मिलेगा।

नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने सुपरटेक परियोजनाओं में सह निर्माणकर्ता के रूप में एपेक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे सुपरटेक की 16 अधूरी परियोजनाओं के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। इस निर्णय से 14 हजार से अधिक घर खरीदारों को राहत मिलेगी। एपेक्स ग्रुप ने इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है।
इस प्रस्ताव में बैंक बकाया और स्थानीय अधिकारियों को बकाया राशि का भुगतान करना शामिल है। एपेक्स ने शुरुआती 500 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है। इसका लक्ष्य दो साल के भीतर फ्लैट वितरित करना है। घर खरीदारों को बिना किसी अतिरिक्त बोझ के और विलंबित पैनल्टी के साथ अपना घर मिलेगा। इस संबंध में एक प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया था। इसकी सुनवाई 13 अगस्त को हो सकती है। नोएडा प्राधिकरण द्वारा सह निर्माणकर्ता की मंजूरी से नोएडा सहित एनसीआर की सुपरटेक परियोजनाओं में खरीदारों को फायदा होगा।
नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक केपटाउन सेक्टर 74,सुपरटेक रोमानो सेक्टर 118 और सुपरटेक इकोसिटी सेक्टर 137 में सह-विकास के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यीडा द्वारा इस महीने ही अपने संबंधित बोर्ड मीटिंग में प्रस्तावों पर निर्णय लेने की संभावना है। हजारों घर खरीदार इन 16 प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। इनमें नोएडा में नॉर्थ आई,इकोसिटी,रोमानो और केप टाउन,ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे से अपकंट्री, गुरुग्राम से अराविले और हिलटाउन और बेंगलुरु से मीकासा शामिल हैं।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा कि बोर्ड ने सुपरटेक लिमिटेड के सह-विकासकर्ता को उनके नियमों के अनुसार मंजूरी दी है। यदि सह-विकासकर्ता कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान करेगा तो हम उसे काम करने देंगे। हमारा उद्देश्य है कि प्राधिकरण को उसकी भूमि लागत का बकाया राशि और घर खरीदारों को उनका फ्लैट मिले। एपेक्स के निदेशक सतनाम सिंह ने कहा कि वह सुपरटेक लिमिटेड की रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए काम करेंगे। गुरुवार को सुपरटेक के कार्यालयों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। ये कार्रवाई आईडीबीआई की एक शिकायत पर हुई। इस पर पक्ष रखते हुए सुपरटेक ने कहा कि हमने सीबीआई को दस्तावेज प्रस्तुत किए। आईडीबीआई बैंक ने अग्रिम भुगतान की गई राशि को स्वीकार कर लिया।