तेलंगाना गोदावरी में डूबे राजस्थान के 5 लोग, तीन सगे भाईयों की मौत,पिकनिक बना मातम
तेलंगाना के बसारा में गोदावरी नदी ने एक दर्दनाक हादसे में राजस्थान के पांच जिंदगियों को लील लिया। हादसे में पाली जिले के ढाबर गांव के तीन सगे भाई समेत चार युवक और नागौर जिले का एक किशोर नदी में डूब गए।

तेलंगाना के बसारा में गोदावरी नदी ने एक दर्दनाक हादसे में राजस्थान के पांच जिंदगियों को लील लिया। हादसे में पाली जिले के ढाबर गांव के तीन सगे भाई समेत चार युवक और नागौर जिले का एक किशोर नदी में डूब गए। मृतकों की पहचान भरत राठौड़ (10वीं), मदन राठौड़ (12वीं), राकेश राठौड़ (MBBS सेकेंड ईयर), ऋतिक कच्छावा (18) और विनोद (18) के रूप में हुई है। इनमें से तीन भाई थे – भरत, मदन और राकेश – जो एक ही परिवार के थे और पढ़ाई में अव्वल थे।
हादसा उस वक्त हुआ जब राजस्थान के तीन परिवार गोदावरी तट पर पवित्र स्नान के लिए पहुंचे थे। 18 लोगों का ये ग्रुप हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके से आया था। नहाते वक्त तेज बहाव में पांच युवक नदी में बह गए। आसपास मौजूद लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन सब विफल रहे। देर शाम गोताखोरों की मदद से शव बाहर निकाले गए।
तीन बेटों की एक साथ मौत, पिता-पुत्रों का सपना टूटा
पाली जिले के ढाबर गांव निवासी पेमाराम राठौड़ अपने तीनों बेटों के साथ हैदराबाद के चिंतल दिलसुखनगर इलाके में रहते थे। वहां उनकी होलसेल बिस्किट की दुकान है। समाजसेवी और मेहनती स्वभाव के पेमाराम ने अपने बेटों को पढ़ाई में आगे बढ़ाया। सबसे बड़ा बेटा राकेश MBBS सेकेंड ईयर का छात्र था, जिसने NEET-UG क्वालिफाई किया था। मंझला बेटा मदन 12वीं में था, और सबसे छोटा भरत, जो अभी 10वीं में था, हाल ही में तेलंगाना के मेदचल जिले में बोर्ड परीक्षा में टॉप कर चुका था।
अब एक साथ तीन बेटों के शव देख पेमाराम और उनकी पत्नी पर जैसे आसमान टूट पड़ा है। गांव में मातम पसरा है। दादा-दादी वनाराम और मिश्री देवी को अभी तक इस हादसे की सूचना नहीं दी गई है, उनका बुढ़ापा अब और भी सूना हो गया है।
ऋतिक और विनोद भी तेजतर्रार युवक थे
नागौर के दोलसर बास का रहने वाला ऋतिक (18) अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता चंपालाल कच्छावा की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। उसकी मौत ने मां की दुनिया उजाड़ दी है। वहीं, विनोद भी पाली का ही रहने वाला था, जो अपने साथियों के साथ स्नान के लिए गया था।
तेलंगाना से शव लेकर निकले परिजन, गांव में पसरा मातम
हादसे की खबर के बाद हैदराबाद से परिजन शवों के साथ रवाना हो गए। रविवार रात करीब 11 बजे शव लेकर वे ढाबर गांव के लिए निकले। सोमवार रात तक शव गांव पहुंचने की संभावना है। गांव में अंतिम दर्शन के लिए भीड़ जुटने लगी है। हर आंख नम है और हर चेहरा स्तब्ध।
तीन भाइयों की एक साथ चिताएं जलेंगी
गांव के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब एक ही घर से तीन बेटों की अर्थियां एक साथ उठेंगी। ढाबर गांव आज पूरे प्रदेश का दर्द बन गया है। स्कूलों में भी श्रद्धांजलि दी जा रही है। परिवार, जो भविष्य के सपने बुन रहा था, अब सदमे की खामोशी में डूब गया है।
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार का, बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। गोदावरी ने पांच होनहारों को लील लिया, जिनकी चमक भविष्य में पूरे राजस्थान को रौशन कर सकती थी।
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