पेपर लीक मामले में जांच करने पहुंच सकती है सीबीआई
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धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। धानापुर थाना क्षेत्र के रायपुर गांव निवासी गैंगेस्टर राजकुमार यादव उर्फ मुट्टुन की हत्या के बाद गांव में तनाव हो गया है। वहां काफी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। वहीं मुट्टुन की हत्या को वर्चस्व की जंग और बदले की भावना से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सात साल पहले 2019 में उसने बुद्धपुर (बूढ़ेपुर) गांव निवासी राजन सिंह की धानापुर कस्बे में बस स्टैंड के पास ही दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में वह जेल भी जा चुका था। तब से उसकी इलाके में रंजिश बढ़ गई थी।
हालांकि गांव में उसके परिवार के लोग काफी लोकप्रिय है। लगभग तीन दशक से उसके घर में ही प्रधानी चली आ रही है। राजन सिंह की हत्या के मामले में जब मुट्टन जेल काटकर लौटा तो इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाने में जुट गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार उसके विरुद्ध हत्या, गैंगेस्टर, अवैध असलहा रखने व गरीबों की जमीन हड़पने के आरोप में छह अलग अलग मुकदमे दर्ज हैं। वह पिछले साल अपनी एसयूवी में अवैध असलहों से साथ पकड़ा गया था। इस बीच भाई राजन सिंह की मौत के बाद से गोपाल सिंह घर छोड़कर अन्यत्र रहने लगा। आरोप है कि वर्ष सितंबर 2024 में गोपाल सिंह एक जन्मदिन समारोह में जुटे अपरचित लोगों की भीड़ के साथ नजर आया था। बाद में यह बात चर्चा में आई कि राजकुमार यादव उर्फ मुट्टुन के घर पर हमला हो सकता है। इसके बाद उसकी मांग पर पुलिस प्रशासन ने उसके घर की सुरक्षा में पिछले साल 2024 में पीएसी तैनात कर दिया। लगभग चार पांच माह बाद जब प्रयागराज में महाकुम्भ लगा तो प्रशासन ने पीएसी को हटा दिया। एसओ महेश सिंह का कहना है कि राजकुमार को जब कभी भी इधर उधर जाना पड़ता था, उसे सरकारी गनर मुहैय्या कराया जाता रहा है। वहीं उसके कुछ निजी अंगरक्षक भी हमेशा उसके साथ रहते थे। हाल फिलहाल में उसने कोई सुरक्षा नहीं मांगी थी। दाड़ी बनवाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद धानापुर। रायपुर गांव निवासी राजकुमार यादव उर्फ मुट्टुन और बुद्धपुर गांव निवासी गोपाल सिंह के बीच 2019 में दाढ़ी बनवाने को लेकर विवाद हुआ था। बाद में दोनों के बीच दुश्मनी बढ़ती गई। इसमें राजकुमार यादव उर्फ मुटुन ने गोपाल सिंह के भाई राजन सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक्त गोपाल सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद दोनों के बीच तनातनी बढ़ गई। वहीं दोनों पक्ष एक दूसरे के जान के प्यासे हो गए। जब राजकुमार यादव की दिनदहाड़े हत्या हो गई तो बाजार में यह चर्चा तेज होने लगी कि जिस स्थान पर उसने वर्षो पहले राजन सिंह की हत्या की थी उसी स्थान पर वह भी मारा गया। असलहों का शौकीन था राजकुमार उर्फ मुट्टुन धानापुर। बुद्धपुर गांव के राजन सिंह की हत्या के बाद मुट्टुन यादव अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद संजीदा हो गया था। वह असलहों का भी शौकीन था। पिछले वर्ष जुलाई माह में धानापुर और सकलडीहा पुलिस ने धरहरा-रानेपुर मार्ग पर मुठभेड़ के बाद मुटुन और उसके एक साथी नरौली के अरविंद यादव उर्फ साधो को पकड़ा था। उनकी एसयूवी में दो अवैध असलहे और आठ कारतूस बरामद हुए थे। पुलिस ने एसयूवी सीज करने के साथ ही दोनों आरोपियों का चालान कर दिया था। कुछ दिन बाद मुट्टुन फिर जेल से छूट गया। मुटुन पर चंदौली और धानापुर थाने में गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट सहित कई मामलों में मुकदमा दर्ज है। गोपाल सिंह के घर पर बढ़ाई गई सुरक्षा धानापुर थाना क्षेत्र के बुद्धपुर (बूढ़ेपुर) गांव निवासी गोपाल सिंह और राजन सिंह दोनों सगे भाई हैं। साल 2019 में राजन सिंह की हत्या के बाद गोपाल सिंह ने घर छोड़ दिया। शादी किसी की नहीं हुई है। घर पर ताला बंद रहता है। अन्य भाई गांव में ही रहते हैं। इधर गुरुवार को हत्या की घटना के बाद गोपाल सिंह के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं मृतक राजकुमार उर्फ मुट्टुन यादव के घर रायपुर गांव में भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात कर दी गई है। ग्राम प्रधान भाई ने लगाया आरोप धानापुर। मृतक के भाई ग्राम प्रधान उदय नारायण ने पोस्टमार्टम हाउस पर आरोप लगाया कि हमारी तीन बसें चलती थी। उनका भाई राजकुमार बस के पास बैठा हुआ था। सात महीने से पीएसी सुरक्षा में लगी थी। हम यादव जाति के हैं इसलिये पीएसी हटवाकर हत्या कराई गई। दस दिन पहले भी धमकी मिली थी। जानमाल की सुरक्षा के लिए धानापुर थाने में गुहार भी लगाई थी। लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया।
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