Severe Heatwave Hits Peedee DDU Nagar Temperatures Soar to 42 C पारा पहुंचा 42 डिग्री, घरों से बाहर निकलना हुआ मुश्किल, Chandauli Hindi News - Hindustan
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पारा पहुंचा 42 डिग्री, घरों से बाहर निकलना हुआ मुश्किल

Chandauli News - उमस और लू से लोग रहे बेहाल, तेज धूप से राहगीरों और यात्रियों को परेशानी उमस और लू से लोग रहे बेहाल, तेज धूप से राहगीरों और यात्रियों को परेशानीउमस और

Newswrap हिन्दुस्तान, चंदौलीTue, 22 April 2025 03:42 AM
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पारा पहुंचा 42 डिग्री, घरों से बाहर निकलना हुआ मुश्किल

पीडीडीयू नगर, वरिष्ठ संवाददाता। पिछले दिनों मौसम में आए अचानक बदलाव से हुई बारिश के बाद गर्मी असर दिखानी शुरू कर दी है। तापमान बढ़ने से अब लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल होने लगा है। सोमवार को जिले का पारा अधिकतम 42 डिग्री और और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इससे लोगों की मुश्किलें अब बढ़ने लगी है। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा जैसी स्थिति रही। वहीं शीतल पेय और आम का पन्ना पीने वालों की ठेलों और खोमचों पर भीड़ रही। सुबह धूप निकलते ही मौसम तल्ख हो गया। चिलचिलाती धूप के साथ सुबह 11 बजे से ही गर्म हवाएं और तेज धूप से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल होने लगा। पारा चढ़ने से सबसे अधिक परेशानी राहगीरों, यात्रा करने वालों, स्कूली बच्चों और कामगारों को हुई। दोपहर में छुट्टी होने के बाद चिलचिलाती धूप में बच्चे स्कलों से घर पहुंचे। वहीं पीडीडीयू जंक्शन पर ट्रेनों में यात्रा करने वाले पीने के पानी के लिए प्लेटफार्म पर लगे नल पर उमड़ पड़े। गर्मी बढ़ते ही स्टेशन पर बोतल बंद पानी की भी खपत बढ़ गई। दोपहर में पीडीडीयू नगर से पड़ाव मार्ग सहित जिले के अन्य मार्गों पर धूप और लू के चलते सन्नाटा जैसी स्थिति रही। बहुत जरूरी काम से ही लोग घरों से बाहर निकले। शाम पांच बजे के बाद बाजारों और चट्टी चौराहों पर चहल पहल बढ़ी। मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह के अनुसार राजस्थान की ओर से रही गर्म हवाएं के चलते मौसम का मिजाज बदला है। अभी आगे भी इसी तरह मौसम रहने का अनुमान है।

अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ी

पीडीडीयू नगर। मौसम में तल्खी आने के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। चंदौली स्थित जिला अस्पताल से लेकर पीडीडीयू नगर स्थित राजकीय महिला अस्पताल, चकिया संयुक्त जिला अस्पताल सहित सीएचसी पर मरीजों की भीड़ रही। राजकीय महिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. एसके चतुर्वेदी ने बताया कि मौसम बदलने से ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसमें वायरल फीवर, जुकाम, पेट दर्द आदि के मरीज अधिक रह रहे हैं। इसके चलते पर्ची काउंटर पर सुबह ही मरीजों और तीमारदारों की भीड़ लग जा रही है। सामान्य दिनों की अपेक्षा ओपीडी में अधिक मरीज आ रहे हैं।

पानी पीकर घर से निकलें

राजकीय महिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. एसके चतुर्वेदी ने बताया कि बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। बाहर निकलने से पहले खूब पानी पीएं, नीबू पानी और आम के पन्ने का सेवन करें। साथ ही सिर को ढककर निकलें और पूरी बांह के कपड़े पहने। धूप से आने के बाद घर में फ्रीज या ठंडा पानी पीने से बचें। शीतल पेय पदाथों का सेवन धूप में न करें।

हीट स्ट्रोक से पशु पालक बेजुबान को बचायें

नियामताबाद, हिन्दुस्तान संवाद। तीखी धूप व गर्मी से सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान भी मुश्किल में आ जाते हैं। सकलडीहा के पशु चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन पर हीट स्ट्रोक का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में पशुओं की देखभाल में जरा सी भी लापरवाही हुई तो पशुओं को नुकसान पहुंच सकता है। लापरवाही से मवेशी संकट में आए तो पशुपालकों की भी दिक्कत बढ़ेगी। यदि शीघ्र उपचार नहीं मिला तो पशुओं की मौत तक हो सकती है। साथ ही साथ गर्मी से प्रभावित पशु का दुग्ध उत्पादन भी कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि पशु के शरीर के तापमान में एक डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होती है, तो दुग्ध उत्पादन में 10-15 प्रतिशत की हानि होती है। पशुओं के शरीर में बाइकार्बोनेट आयनों की कमी व भोज्य पदार्थों के खिसकने की गति कम हो जाती है। अत्यधिक गर्मी एवं लू के कारण पशुओं को हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है। सुबह के समय मवेशी के शरीर का सामान्य तापमान 100 से 102 डिग्री व दोपहर से शाम तक 104 से 106 डिग्री फारेनहाइट तक हो जाता है, तो हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखने लगते हैं। गर्मी से बचाव के लिए पशुओं को हरा चारा देना चाहिए। अगर हरा चारा उपलब्ध न हो तो पेड़ की पत्ती जैसे आम की पत्ती, बबूल की पत्ती, जामुन के पत्ते इत्यादि देने चाहिए। चूंकि गर्मी में पशु आहार खाना कम कर देते हैं, इसलिए संतुलित राशन के साथ-साथ 50 ग्राम खनिज मिश्रण नमक के साथ देना चाहिए, इससे पशुओं की उत्पादन क्षमता बनी रहेगी। साथ ही पशुओं को छायादार स्थान पर रखें। धूप में चरने के लिए न छोड़ें। गर्मी में पशुओं को सुबह नौ बजे से पहले व शाम पांच बजे के बाद चराना चाहिए।

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