पाठा क्षेत्र में पेयजल समस्या बढ़ी, एक दर्जन गांवों और मजरों में टैंकरों से की जा रही जलापूर्ति
Chitrakoot News - चित्रकूट के पाठा क्षेत्र में गर्मी के कारण पेयजल समस्या बढ़ गई है। गांवों में कुएं, तालाब और हैंडपंप सूख गए हैं, जिससे लोग टैंकरों का इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने टैंकरों के जरिए सुबह और शाम...
चित्रकूट, संवाददाता। विंध्य श्रंखलाओं और घनघोर जंगलों से घिरे पाठा क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों में पेयजल समस्या बढ़ गई है। फलस्वरुप अब इन गांवों में टैंकरों के जरिए जलापूर्ति शुरु कर दी गई है। लोग सुबह और शाम गांवों में पहुंचने वाले टैंकरों का इंतजार करते है। टैंकर पहुंचते ही पानी लेने के लिए लोगों की भीड़ जुट जाती है। पाठा क्षेत्र में गर्मी की शुरुआत होते ही पानी की समस्या शुरु हो जाती है। पठारी इलाका होने की वजह से गर्मी में भूगर्भ जलस्तर भी तेजी से नीचे चला जाता है। फलस्वरुप कुएं और तालाब सूख जाते है और हैंडपंप भी जवाब दे जाते है।
मौजूदा समय पर रामपुर कल्याणपुर, टिकरिया, जमुनिहाई, मनगवां, इटवा डुडैला, डोंडामाफी, रानीपुर, बंबिया आदि गांवों में ज्यादातर हैंडपंप जवाब दे चुके है। बरदहा नदी में भी केवल कुंडों पर ही पानी बचा है। छोटे-छोटे नाले पूरी तरह सूख गए है। जिससे लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने टैंकरों से आपूर्ति शुरु कर दी है। समस्याग्रस्त गांवों में सुबह और शाम टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। लोग दोनो वक्त टैंकर पहुंचने से पहले ही दरवाजों के बाहर खाली बर्तन रख देते है। ताकि टैंकर आने पर उनके पास रुक जाए। टैंकर पहुंचते ही पानी लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
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