पास हो गए लेकिन 18 साल से डिग्री ही नहीं मिली, अब फिर से परीक्षा देंगे 10 हजार स्टूडेंट
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय 2007 से 2022 तक पर्यावरण अध्ययन की परीक्षा फेल करने के कारण ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिलने से परेशान 10 हजार छात्र-छात्राओं की 16 मई को विशेष परीक्षा आयोजित कर रहा है।

अंकतालिका में पास हैं लेकिन 18 साल से ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिल रही। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के ऐसे करीब दस हजार छात्र-छात्राओं को 16 मई को एक विशेष परीक्षा देनी होगी। इसमें पास होने के बाद इन छात्र-छात्राओं को स्नातक की डिग्री मिलेगी। ये वे छात्र-छात्राएं हैं, जो संबंधित विषयों में तो पास हैं लेकिन अनिवार्य पर्यावरण अध्ययन में फेल हो गए थे।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक करीब 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिन्हें पर्यावरण अध्ययन विषय में पास न होने के कारण डिग्री नहीं मिल रही थी। ऐसे छात्र लगातार सीएसजेएमयू प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रहित में फैसला लेते हुए इन छात्र-छात्राओं को एक मौका देने का फैसला किया है। वर्ष 2007 में स्नातक के तीन वर्षों के दौरान एक बार पर्यावरण अध्ययन विषय में पास होना अनिवार्य कर दिया गया था।
पर्यावरण अध्ययन विषय के नंबर रिजल्ट में नहीं जुड़ते हैं। शायद इस वजह से कुछ छात्र-छात्राएं अनभिज्ञता में इसको नजरअंदाज करते रहे। अंकतालिका में सभी विषयों में पास होने पर उनका रिजल्ट भी बन गया, लेकिन डिग्री नहीं मिली। अब यूनिवर्सिटी ऐसे छात्रों के लिए पर्यावरण अध्ययन विषय की विशेष परीक्षा 16 मई को कराने जा रही है।
इस विशेष परीक्षा में सीएसजेएमयू से संबद्ध जिलों के लगभग 10 हजार से अधिक परीक्षार्थी भाग लेंगे। वर्ष 2007 में यूनिवर्सिटी का दायरा 15 जिलों तक फैला था। यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि 16 मई को पर्यावरण अध्ययन की विशेष परीक्षा में शामिल होने और उसे पास करने के बाद परीक्षार्थियों को स्नातक की डिग्री मिल जाएगी। इस विशेष परीक्षा में वर्ष 2007 से 2022 तक के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं।