ईश्वर से जुड़ने का नाम ही योग हैं-श्रीकांत जी शर्मा
Deoria News - देवरिया के अग्रवाल वाटिका में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय दिवस पर कथा व्यास श्रीकांत शर्मा जी ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति मनुष्य शरीर की प्राप्ति से ज्यादा सुलभ है। भक्ति मार्ग...

देवरिया, निज संवाददाता। शहर के देवरिया कसया मार्ग स्थित अग्रवाल वाटिका में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय दिवस पर कथा व्यास श्रीकांत शर्मा जी ने कहा कि आज ईश्वर की प्राप्ति अपेक्षाकृत मनुष्य शरीर की प्राप्ति से ज्यादा सुलभ है। क्योंकि मनुष्य शरीर की प्राप्ति के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है, जो लगती ही लगती है। उन्होंने कहा कि भगवान को पाने के लिए भक्ति मार्ग सबसे श्रेष्ठ मार्ग हैं। जो भक्ति करते हैं। वह किसी की निंदा या वंदना की परवाह नहीं करते हैं। भक्ति से उनके भीतर का अहंकार पिघल जाता है। इसके साथ ही वे सहनशील होते हैं। कथा व्यास ने बताया कि सहनशीलता भक्ति का पहला सूत्र है। जिसके मन में करूणा है। दूसरे के दुख को देखकर दुखी हो जाता है। वही भक्ति कर सकता है। भक्ति में किसी प्रकार का स्वार्थ नहीं होना चाहिये। कथा में यजमान मंजू देवी कनोडिया, संजय जी कनोडिया, विशाल जी, गौतम जी, अमर जी, कैलाश जी, खुशबू जी, स्वामी जी, मधु जी चहाड़िया, वाराणसी विश्वनाथ जी कनोडिया, डॉ वरेश नागरथ , राजीव खेतान ,राहुल पोद्दार, जेपी अग्रवाल, प्रदीप जी चहाड़िया, सज्जन केजरीवाल, पुरुषोत्तम मरोड़िया, आनंद अग्रवाल, प्रभु जायसवाल, हरेंद्र जायसवाल, नित्या पाण्डेय, उपेन्द्र शाही , सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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