बारिश से पहले होगी ईशन नदी की सफाई, कार्य योजना बनी
Etah News - ईशन नदी की सफाई को लेकर जिला प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं। बरसात से पहले सफाई कराने के आदेश दिए गए हैं ताकि 20,000 से अधिक आबादी को प्रभावित होने से बचाया जा सके। किसानों ने भी मंत्री से मिलकर नदी...

ईशन नदी की सफाई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर हो गया। ईशन नदी की सफाई करने के आदेश जारी किए है। समय रहते ईशन की सफाई कराई जाए। इससे बरसात में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके। ईशन नदी के उफान पर आने से बीस हजार से अधिक की आबादी प्रभावित होती है। लोगों को निकलना बैठना बंद हो जाता है। शहर के मुहाने से निकलने वाली ईशन नदी की सफाई कराई जाएगी। बरसात से पहले सफाई कराए जाने के निर्देश जारी किए गए है। सफाई न होने के कारण पानी नहीं निकल पाता है। इससे पानी ऊफान पर आ जाता है। यह पानी आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों के लिए मुसीबत बन जाता है। हालात ऐसे हो जाते हैं कि निकलना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों की समस्या को लेकर आपके लोकप्रिय समाचार पत्र में पांच अप्रैल के अंक में ईशन का कराओ उद्वार, वरना बारिश में छोड़ना पड़ेगा घर द्धार की खबर बोले एटा के तहत प्रकाशित की थी। इसके बाद सिंचाई विभाग ने इसके लिए कार्य योजना बनाई है। इसमें कितना पैसा खर्च होगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
ईशन नदी के जीणोद्धार के लिए सिंचाई मंत्री से मिले किसान
एटा। अखिल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव बल्ले चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को ज्ञापन सौंपा।
दिए गए ज्ञापन में कहा है कि एटा शहर की आधी आबादी डूब जाती है। जबकि क्षेत्रीय किसान पिछले लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि ईशन नदी को समतल भूमि से कम से कम 10 फुट गहरी खुदाई कर नदी की तलहटी में एक मीटर गहरी कच्ची पेच बनाई जाए। इससे जगह-जगह नदी में लंबे समय तक पानी रहने के कारण वाटर लेवल रिचार्ज के साथ-साथ नदी में आने वाली मछलियों आदि को भी लंबे समय तक पानी मिल सके। नदी से कम से कम दो से तीन किलोमीटर दूर तक के सभी गांव - शहर - कस्बे के पानी निकास नाले तालाब तक एवं तालाब से ओवर फ्लो पानी निकास नाले नदी तक कम से कम 02 से 03 फुट गहरे खोदे जाए। इससे वाटर लेवल रिचार्ज हो सके। नदी के किनारे दाएं बाएं पर्यावरण की दृष्टि से फलदार/ छायादार वृक्ष नजदीकी किसानों की सहमति से उन्ही किसानों की देखरेख में लगाए जाए। इससे उक्त वृक्षों के जीवन की रक्षा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उक्त किसान निभा सकें। किसानों ने पिछले वर्ष खुली बैठक में तय किया है कि उक्त नदी को हम किसानों को गोद दिया जाए।
ईशन नदी की सफाई कराने के लिए निर्देश जारी किए गए है। कार्य योजना बनाई जा रही है। बरसात के दिनों में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके।
प्रेम रंजन सिंह, डीए एटा
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