निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों का 2 से 5 तक कार्य बहिष्कार जारी
Deoria News - देवरिया में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और जूनियर इंजीनियर संगठन ने निजीकरण के खिलाफ धरना दिया। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो कार्य बहिष्कार जारी...

हिन्दुस्तान टीम, देवरिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति व उत्तर प्रदेश एवं राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन बैनर तले निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों ने गुरुवार को भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर दोपहर बाद 2 से 5 बजे तक धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण का फैसला वापस नहीं हुआ तो कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। जूनियर इंजीनियर संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि बिजली कर्मी शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति रद्द कर दी जाए और निजीकरण का निर्णय वापस ले लिया जाए तो बिजली कर्मी कोई आंदोलन नहीं करेंगे।
संघर्ष समिति एवं जूनियर इंजीनियर संगठन ने कहा कि बिना मूल्यांकन किए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की परिसंपत्तियों को कुछ हजार करोड़ रुपए में निजी घरानों को बेचने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के विरोध में आंदोलन उपभोक्ताओं को साथ में लेकर लड़ा जा रहा है।अध्यक्षता कर रहे मयंक अग्रवाल ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को चेतावनी दी है कि वे उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को न करें अन्यथा इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में अशांति की पूरी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी। संघर्ष समिति एवं जूनियर इंजीनियर संगठन ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा हुआ है, हठवादी रवैया अपना रहा है और शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपना चाहता है। विरोध सभा में रामप्रवेश यादव, उपेंद्र कुमार, बृजबिहारी मिश्रा, अखिलेश कुमार, सोनू, हर्ष यादव, मुन्ना कुशवाहा, शशांक चौबे आदि सदस्य उपस्थित रहे।
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