Government Offices in Deoria Face Scam Allegations Over Document Manipulation सरकारी कार्यालयों में जालसाजों की है मजबूत पकड़, Deoria Hindi News - Hindustan
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सरकारी कार्यालयों में जालसाजों की है मजबूत पकड़

Deoria News - देवरिया में सरकारी कार्यालयों में जालसाजी की घटनाएं बढ़ रही हैं। केंद्रीय विद्यालय की भूमि के कागजात में हेरफेर का मामला सामने आया है। डीएम दिव्या मित्तल ने सख्ती दिखाई और एफआईआर कराने के निर्देश दिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाMon, 14 April 2025 05:40 AM
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सरकारी कार्यालयों में जालसाजों की है मजबूत पकड़

देवरिया, निज संवाददाता। सरकारी कार्यालयों में जालसाजों की मजबूत पकड़ है। चंद रुपये के लालच में कागजात में हेरफेर कर देने की बात आम हो गई है। अधिकारी सख्त हुए तो बदलाव कर मामले को निपटारा कर दिया जाता है। अब केंद्रीय विद्यालय की भूमि के कागजात में ही हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। डीएम के सख्त होने के बाद जिम्मेदार कर्मियों पर एफआइआर कराने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम की सख्ती के बाद राजस्व विभाग में खलबली मच गई है। अब देखना है कि कितने जिम्मेदारों पर कार्रवाई होती है या फिर इस मामले को भी कुछ दिन बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

देवरिया का केंद्रीय विद्यालय आज भी उधार के भवन में संचालित हो रहा है। जबकि 2005 में अमेठी में केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि तो आवंटित कर दिया गया, लेकिन कुछ लोगों ने इस भूमि पर ही अपना स्वामित्व का दावा कर दिया। जिसके चलते भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा। मामले का डीएम दिव्या मित्तल ने संज्ञान लिया और जांच कमेटी का गठन किया। जांच में अभिलेखागार में कागजात में हेरफेर करने की पुष्टि हुई है। कागजात में ओवरराइट पाया गया है। इस मामले में डीएम ने केस दर्ज कराने का निर्देश दिया है। खास बात यह है कि अभिलेखागार में पहली बार इस तरह का कार्य नहीं किया गया है। इसके पहले भी इस तरह की गड़बड़ी सामने आ चुकी है। 2023 में भी इस तरह का मामला सामने आया और बाद में इस मामले में कोतवाली में केस दर्ज कराया गया था। जबकि बहुत से अभिलेख ही कलेक्ट्रेट से गायब कर दिए गए। कुल मिलाकर जालसाजों की जड़े बहुत मजबूत हैं। चंद रुपये में ही अपनी सेटिंग कर कागजात में हेरफेर करा ले रहे हैं। मामला सख्त होने के बाद कार्रवाई हो रही है और कुछ माह गुजरने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है।

कलेक्ट्रेट ही नहीं, तहसीलों में भी हो रहा खुला खेल

यह खेल केवल कलेक्ट्रेट तक ही सिमट कर नहीं रह गया है, बल्कि तहसीलों में भी इसका खेल हा रहा है। चंद रुपये में खतौनी ही बदल दी जा रही है। किसी को मृत तो किसी के खतौनी में एक वर्ष में बिना किसी आदेश के कई बार बदलाव कर दिया जा रहा है। सलेमपुर व बरहज तहसील में हाल के दिनों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। शिकायत होने पर केवल संशोधन कराकर छोड़ दिया जा रहा है। जबकि इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने से एसडीएम व तहसीलदार परहेज कर रहे हैं। आखिरकार यह तहसीलों में खेल कौन करा रहा है? यह जांच का विषय है। इसमें दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? कार्रवाई न होने से इसमें संलिप्त लोगों का मनोबल बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ जिम्मेदारों का ही उन्हें समर्थन है। पहले वह खुद कराते हैं और फिर मामला बढ़ने पर संशोधन कराकर मामले को दबा देते हैं। तहसीलों में चल रहे इस खेल पर भी बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, तभी सरकारी कार्यालयों में चल रहे जालसाजी के खेल पर लगाम लग सकेगा।

कागजातों में हेरफेर करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। तहसीलों में भी अगर खतौनी में इस तरह का कार्य हो रहा है तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी। किसी भी दशा में इसमें शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

जलराजन चौधरी, मुख्य राजस्व अधिकारी, देवरिया

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