Teachers Struggle to Increase Enrollment in Government Schools Amidst Challenges नामांकन लक्ष्य हासिल करना बना चुनौती, दरवाजे-दरवाजे दौड़ लगा रहे हैं शिक्षक, Deoria Hindi News - Hindustan
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नामांकन लक्ष्य हासिल करना बना चुनौती, दरवाजे-दरवाजे दौड़ लगा रहे हैं शिक्षक

Deoria News - पथरदेवा, हिन्दुस्तान संवाद। परिषदीय विद्यालयों में नामांकन का लक्ष्य हासिल करना शिक्षकों के सामने

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाThu, 24 April 2025 06:30 AM
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नामांकन लक्ष्य हासिल करना बना चुनौती, दरवाजे-दरवाजे दौड़ लगा रहे हैं शिक्षक

पथरदेवा, हिन्दुस्तान संवाद। परिषदीय विद्यालयों में नामांकन का लक्ष्य हासिल करना शिक्षकों के सामने चुनौती बन गया है। नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षक दरवाजे-दरवाजे दौड़ लगा रहे हैं। उसके बाद भी स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। वहीं नामांकन कम होने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी शिक्षकों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है।

बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले में कुल 2120 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। एक अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। विभाग ने शिक्षकों को पिछले सत्र की तुलना में इस बार अधिक नामांकन कराने का लक्ष्य दे रखा है। शासन स्तर से हर रोज इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। यह निर्देश शिक्षकों के लिए सिर दर्द बना हुआ है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक इन दिनों नामांकन बढ़ाने के प्रयास में जुटे हैं। शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की अपील कर रहे हैं।

कोई शिक्षक रिश्तेदारी का वास्ता दे रहा है तो कोई स्कूल में अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ नि:शुल्क किताब, डे्रस, जूते और स्वेटर संबंधी सरकारी योजना का गुणगान गा रहा है। स्कूल चलों अभियान की रैली भी निकालकर शिक्षक अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं। पांचवी और आठवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद काफी विद्यार्थी स्कूलों से निकल गए हैं। इसके कारण विद्यालयों में नामांकन संख्या गिर गई है। नए नामांकन की दर स्कूलों में काफी कम है। जगह-जगह प्राइवेट स्कूल खुल जाने के कारण शिक्षकों को नामांकन के लक्ष्य को पाने में पसीने आ रहे हैं।

सोशल मीडिया के सहारे स्कूलों की खूबियां बताने में जुटे शिक्षक

परिषदीय शिक्षक नामांकन बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं। शिक्षक वाट्सग्रुप और फेसबुक पर अपनी विद्यालयों की खूबियां बता रहे हैं। बैनर और पोस्टर भी छपवाकर शिक्षक अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की तरफ आकर्षित करने की कोशिश में जुटे हैं।

एकल स्कूलों में कैसे बढ़े नामांकन

जिले में तमाम ऐसे स्कूल हैं जहां एक ही शिक्षक तैनात है। उस शिक्षक के कंधे पर विभागीय कार्य से लेकर बच्चों के सभी विषयों के पढ़ाने की जिम्मेदारी है। पथरदेवा ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय फरेंदहां, अमवां दूबे, मेदीपट्टी और भटनी ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय तेदुआं एक ही शिक्षक के सहारे संचालित हो रहा है। ऐसे में नामांकन के लक्ष्य को हासिल कर पाना कितना कठिन होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

कक्षा एक में नामांकन मुश्किल

उम्र सीमा निर्धारत होने से शिक्षकों के सामने कक्षा एक में बच्चों का प्रवेश कराना चुनौती बन गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने फरमान जारी किया है कि कक्षा एक में उन्हीं बच्चों का प्रवेश लिया जाएगा जिनकी आयु छ: वर्ष पूरी हो गई है। वहीं प्राइवेट स्कूल वाले छ: वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों का नामांकन एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं में कर ले रहे हैं। कोई भी अभिभावक बच्चों की उम्र छ: साल पूरा होने का इंतजार नहीं कर रहा है। इसके चलते पहली कक्षा में बच्चों की संख्या प्रभावित हो रही है।

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