यूपीएससी में देवरिया के होनहारों ने दिखाया दम, चार का चयन
Deoria News - देवरिया में यूपीएससी के परिणामों से चार युवाओं ने सफलता प्राप्त की। रजत राय ने 351वीं, विमलोक तिवारी ने 575वीं, रवि श्रीवास्तव ने 751वीं और अन्नू गुप्ता ने 779वीं रैंक हासिल की। परिवारों ने मिठाई...

देवरिया, निज संवाददाता: यूपीएससी के परिणाम आते ही जिले के चार घरों के साथ ही मोहल्लों में खुशियां मनाई जाने लगी। किसान के बेटे रजत कुमार राय, किराना दुकानदार के बेटे विमलोक तिवारी व आटा चक्की चलाने वाले की बेटी अन्नू गुप्ता ने जहां यूपीएससी में सफलता अर्जित की है वहीं डिप्टी एसपी रवि श्रीवास्तव अपनी प्रतिभा की बदौलत चयनित हुए हैं। जिले के रहने वाले इन होनहारों में से किसी को पहले प्रयास में तो किसी को अंतिम मौके में सफलता मिली। रिजल्ट आने पर परिवार के लोगों ने मिठाईयां बांट कर खुशी का इजहार किया। रजत राय को मिली 351वीं रैंक
रामपुर कारखाना के गौरा के रहने वाले रजत राय ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 351वीं रैंक हासिल किया है। गांव के राजेश राय और माला राय के पुत्र रजत ने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई गोरखपुर के मोहद्दीपुर में अपनी मौसी मुन्नी राय के आवास पर रहकर पूरी की। रजत ने हाईस्कूल की परीक्षा वर्ष 2010 में सेंट्रल एकेडमी से और इंटर की परीक्षा वर्ष 2012 में एनई रेलवे सीनियर सेकेंड्री से पास की। इसके बाद पटना एनआईटी से उन्होंने सिविल ट्रेड से 2016 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजत ने देश की प्रतिष्ठित कंपनी लार्सन एंड टुब्रो में चार साल तक नौकरी किया। पिछले चार साल से वह दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे। इनके पिता राजेश राय किसान हैं। रजत ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ मौसी और गुरुजनों को दिया है।
नहीं मानी हार, विमलोक को मिली 575वीं रैंक
मदनपुर उपनगर के मठिया के रहने वाले रमेश तिवारी के दूसरे नंबर के बेटे विमलोक तिवारी शुरू से होनहार रहे हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई शिशु मंदिर गोरखपुर से हुई है। इंटर तक पढ़ाई उन्होंने शिशु मंदिर से की। इसके बाद वह बीए की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जएनयू दिल्ली से एमए की पढ़ाई उन्होंने पूरी की। इसके बाद उनका राजकीय इंटर कालेज में चयन हुआ, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। 14 माह पहले उनका दिल्ली के भारतीय कालेज में प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ। इस बीच वह यूपीएससी की तैयारी करते रहे। तीन बार उन्हें साक्षात्कार में असफलता मिली। अंतिम बार इस बार था, उन्हें अंतिम बार सफलता मिली और 575वीं रैंक प्राप्त हुई। इसकी सूचना घर आते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। परिवार के लोगों ने मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया। पिता रमेश तिवारी मां शीला तिवारी, भाई यशलोक व आलोक तिवारी ने मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया।
डिप्टी एसपी रवि श्रीवास्तव को 751वीं रैंक
भलुअनी विकास खंड के ग्राम भटपुरवा के रहने वाले सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव के पुत्र रवि श्रीवास्तव शुरू से ही पढ़ने में होनहार रहे हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई टेकुआ स्थित डिसेंट लाइफ एकेडमी से पूरी हुई। इसके बाद 6 से 12वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय कुशीनगर, स्नातक की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से, परास्नातक की पढ़ाई गांधीनगर गुजरात से उन्होंने पूरी की। इसके बाद पीएचडी भी उन्होंने की थी। पिछले वर्ष उनका चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था और अभी वह मुरादाबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस बीच यूपीएससी में उन्हें 751वीं रैंक प्राप्त हो गई। इसकी सूचना घर आते ही पिता सुरेंद्र लाल, मां आशा श्रीवास्तव, चाचा वीरेंद्र श्रीवास्तव, नरेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया।
बैतालपुर की अन्नू गुप्ता को प्रथम प्रयास में ही मिला 779वीं रैंक
बैतालपुर उपनगर के रहने वाले दुर्गेश गुप्ता की चार बेटियों में सबसे बड़ी अन्नू गुप्ता शुरू से ही पढ़ने में होनहार रही है। इंटर तक की पढ़ाई उन्होंने देवरिया सीनियर सेकेंड्री स्कूल से पूरी की। इसके बाद अन्नू दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर से बीए व एमए की पढ़ाई की। वह गोरखपुर में ही रहकर सिविल सर्विस की तैयारीं कर रही थीं। पहले ही प्रयास में उन्हें 779वीं रैंक मिला है। उनके चयन होने की सूचना घर आते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। दादी गुलाबी देवी, मां इंद्रावती देवी, बहन अंशु, आंशी, आस्था गुप्ता ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।
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किसी के पिता किसान तो कोई चलता है आटा चक्की
यूपीएससी में चयनित युवाओं की घर की कहानी भी जान लीजिए। किसी के पिता किसान, किसी के पिता आटा चक्की तो कोई किराना की दुकान चलाते हैं। विमलोक तिवारी के पिता किराना की दुकान चलाते हैं। उनके बड़े भाई आलोक भी उसी दुकान पर अब बैठने लगे हैं। वहीं छोटा भाई दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है। इसी तरह रजत कुमार राय के पिता भी किसान है और पहले बालीवाल के खिलाड़ी रहे हैं। बावजूद उन्होंने बेटे की पढ़ाई पर हमेशा ध्यान रखा और बेटे ने अच्छा मुकाम हासिल करते हुए क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया। इसी तरह अन्नू गुप्ता के पिता बैतालपुर में चीनी मिल गेट के पास आटा चक्की चलाते हैं। वह अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दीं और पहले ही प्रयास में बेटी अन्नू गुप्ता ने यूपीएससी में चयनित होकर नाम रोशन किया है।
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