यूपी के इस जिले में बिजली संविदाकर्मियों ने एक साथ दिया सामूहिक इस्तीफा, काम बंद कर धरने पर बैठे
यूपी के मथुरा में बिजली निगम प्रबंधन से परेशान होकर 500 संविदाकर्मियों ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले कार्य बंद कर विभिन्न बिजलीघरों पर धरना प्रदर्शन किया और सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

बिजली निगम प्रबंधन से परेशान होकर मथुरा जिले के छाता, कोसी, चौमुहां, गोवर्धन, दतिया, कैंट, कृष्णा नगर आदि बिजलीघरों के करीब 500 संविदाकर्मियों ने शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले कार्य बंद कर विभिन्न बिजलीघरों पर धरना प्रदर्शन किया और सामूहिक इस्तीफा दे दिया। जिससे बिजली निगम में हड़कंप मच गया। बिजली अधिकारियों ने संविदाकर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया है लेकिन अभी तक वार्ता शुरू नहीं हुई है।
संविदाकर्मियों का कहना है कि बिजली निगम अनावश्यक दबाव बना रहा है। कर्मचारी हटाये जा रहे हैं, एप के माध्यम से ऑनलाइन हाजिरी लगाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। कर्मचारी संगठनों द्वारा बायोमैट्रिक हाजिरी समेत अन्य मांगों को लेकर पूर्व में अधिकारियों को ज्ञापन दिए गये थे लेकिन इस पर अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके विरोध में शनिवार को धरना प्रदर्शन कर सामूहिक इस्तीफा दिया गया। कैंट बिजलीघर पर संविदाकर्मियों ने प्रदर्शन कर एक्सईएन मनीष गुप्ता को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रामकुमार कुंतल, जिला संयोजक प्रवेंद्र कुमार, दक्षिणांचल उपाध्यक्ष पंकज शर्मा, महामंत्री प्रदीप चौधरी आदि मौजूद थे। कृष्णानगर बिजली घर पर एक्सीएन थर्ड अनिल कुमार पाल को सामूहिक इस्तीफा सौंपा गया। इस अवसर पर अमर सिंह, मुकेश शर्मा, मानसिंह, चकलेश्वर पांडे और विजय आदि मौजूद थे।
छाता संवाददाता के अनुसार बिजली निगम प्रबंधन से परेशान होकर संविदाकर्मियों ने छाता बिजलीघर पर सुबह धरना दिया और सामूहिक इस्तीफा एसडीओ को सौंप दिया। छाता बिजलीघर पर धरने पर ब्रजबिहारी, रामकिशन, दिनेश पाल, प्रवीन, राजकुमार, ब्रजेश और देवेंद्र बैठे। उन्होंने कार्यकारी अभियंता के नाम एसडीओ शरद प्रताप को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि विकास खंड कोसी, छाता, चौमुहां के अंतर्गत आने वाले 17 बिजलीघरों के संविदाकर्मी विभाग और बिजली प्रबंधन के अनैतिक दबाव से परेशान हैं। संविदाकर्मियों को हटाने से संविदाकर्मियों में रोष व्याप्त है।
संविदाकर्मियों पर अत्याधिक दबाव होने के कारण कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। स्टाफ कम होने के कारण संविदाकर्मियों को 24 घंटे कार्य पर रहना होगा। ऐसे में संविदाकर्मियों में भय का माहौल है और वे सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं। एसडीओ शरद प्रताप ने कहा कि यह उनके स्तर की बात नहीं है। वह इस ज्ञापन को उच्चाधिकारियों के पास भेजेंगे। संविदाकर्मियों का कहना था कि संविदाकर्मियों को परेशान किया जा रहा है। कर्मचारियों को हटा दिया गया है। संविदाकर्मी डालचंद ने बताया कि 34 संविदा कर्मियों को हटा दिया गया है। बायोमैट्रिक हाजिरी देने को कहा जा रहा है।
कोसीकलां संवाददाता के अनुसार छंटनी के विरोध में विद्युत उपकेंद्रों पर काम करने वाले संविदा कर्मियों ने शनिवार को नंदगांव रोड अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर में धरना देकर आवाज बुलंद की। संविदा कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दिए जाने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष गणेश तौमर, प्रदेश महामंत्री देवेंद्र पांडेय ने बायोमीट्रिक से हाजिरी दर्ज कराने को लेकर बिजली विभाग के संविदा कर्मियों में आक्रोश है। संविदा कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता दिनेश यादुवेंद्र को ज्ञापन सौंपकर समस्या का निराकरण कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि विद्युत उपकेंद्रों पर कार्य करने वाले कुशल व अकुशल श्रमिकों को चेहरे से उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।
विभागीय अधिकारी चेहरे से उपस्थिति के लिए बेजा दबाव बना रहे हैं। कम मानदेय में परिवार को भरण-पोषण करने में संविदा कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन लोगों ने चेतावनी दी कि यदि चेहरे से उपस्थिति के लिए संविदा कर्मचारियों को बाध्य किया गया तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इससे विभाग का काम भी प्रभावित होगा। नरेश पाठक, बाबू खान, ओमप्रकाश, रामकुमार, सुभाषचंद, बलराम सिंह, अकरम, शिव सिंह, सत्यवीर, देवेन्द्र, रोहतास, सतवीर, अनिल, ताराचंद, बच्चू आदि संविदाकर्मी मौजूद शामिल थे।