यूपी में बदलेंगी बिजली की दरें, नियामक आयोग इसी महीने शुरू करेगा कवायद
आयोग से स्वीकृति मिलने के बाद नई दरों पर आपत्तियां मांगे जाने के साथ ही सुनवाई का रास्ता साफ हो जाएगा। सूत्र का कहना है कि अक्टूबर तक बिजली की नई दरें तय हो सकती हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के मुताबिक संशोधित प्रोफॉर्मा पर दाखिल होने वाले एआरआर में बिजली आपूर्ति की लागत बढ़ेगी।

New Electricity Rates: उत्तर प्रदेश में बिजली की नई दरें तय करने की कवायद इसी महीने यानी मई से ही शुरू हो जाएगी। संशोधित प्रोफॉर्मा पर बिजली कंपनियों द्वारा वार्षिक राजस्व आवश्यकता के परीक्षण के बाद नियामक आयोग मई के अंत तक उसे सुनवाई के लिए मंजूरी दे सकता है।
बीते साल नवंबर में बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के सामने बिजली की नई दरें तय करने के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल की थी। नियामक आयोग ने उसे मंजूरी नहीं दी थी, इसलिए बिजली की नई दरों पर सुनवाई नहीं शुरू हो सकी थी। सूत्र बताते हैं कि सभी बिजली कंपनियों ने संशोधित एआरआर दाखिल कर दिया है, जिसका परीक्षण करके आयोग इस महीने के अंत तक उसे स्वीकृति दे देगा।
आयोग से स्वीकृति मिलने के बाद नई दरों पर आपत्तियां मांगे जाने के साथ ही सुनवाई का रास्ता साफ हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि अक्टूबर तक बिजली की नई दरें तय हो सकती हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के मुताबिक संशोधित प्रोफॉर्मा पर दाखिल होने वाले एआरआर में बिजली आपूर्ति की लागत बढ़ेगी।
'लापता' सोलर यूनिटों के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव
छतों पर सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ता, जिनकी मार्च की सोलर यूनिटें 'लापता' हो गई थीं, उन्हें मई में राहत मिल जाएगी। नियामक आयोग के आदेश के बाद पावर कॉरपोरेशन ने मई में लापता सोलर यूनिटों के भुगतान के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव कर दिया है। तकरीबन 57 हजार लोगों को भुगतान किया जाएगा।
किसानों को दस घंटे बिजली आपूर्ति की मांग
उपभोक्ता परिषद के वेबिनार में कृषि फीडरों पर दस घंटे की बिजली आपूर्ति का मामला उठा। किसानों ने मांग की कि पहले की तरह ही दस घंटे की आपूर्ति बहाल की जाए। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस मांग को पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन के सामने प्रमुखता से उठाया जाएगा।