Etah Rises to Second Place in Milk Production in Aligarh Division Amid Quality Concerns दुग्ध उत्पादन के मामले में जनपद एटा मंडल में दूसरे स्थान पर , Etah Hindi News - Hindustan
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दुग्ध उत्पादन के मामले में जनपद एटा मंडल में दूसरे स्थान पर

Etah News - एटा जनपद अब अलीगढ़ मंडल में दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। यहां प्रतिदिन 10 लाख लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है, लेकिन पराग डेयरी प्लांट की स्थिति खराब है और 66.66% दूध के नमूने मानक के अनुरूप...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाSat, 31 May 2025 10:57 PM
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दुग्ध उत्पादन के मामले में जनपद एटा मंडल में दूसरे स्थान पर

दुग्ध उत्पादन के मामले में जनपद एटा अब अलीगढ़ मंडल में पहले से दूसरे स्थान पर आ गया है। एटा से प्रतिदिन हजारों लीटर दूध दुग्ध प्रसंस्करण प्लांटों में भेजा जा रहा है। जहां दूध की पैकिंग कर उसे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किया जाता है। इसके साथ ही जिले में प्रतिदिन डेयरियों के माध्यम से और सीधे पशुपालकों से हजारों लीटर दूध की खपत भी हो रही है। शनिवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कुल 83 हजार 301 गायें और 04 लाख 64 हजार 19 भैंसें हैं। इसमें से 30 प्रतिशत यानि 24 हजार 990.2 गायें और 40 प्रतिशत यानि 01 लाख 85 हजार 607.6 भैंसें दुधारू हैं।

इन दोनों प्रकार के दुधारू पशुओं से जिले में औसतन प्रतिदिन 10 लाख 52 हजार 989 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। इतने बड़े पैमाने पर दूध उत्पादन के कारण एटा जिला दूध उत्पादन के मामले में अलीगढ़ मंडल में दूसरे स्थान पर है। किराए के भवन में चल रहा पराग डेयरी का चिलर प्लांट दूध आपूर्ति के मामले में एटा मंडल में दूसरा स्थान रखने के बावजूद एटा के पराग डेयरी प्लांट की हालत खस्ता बनी हुई है। पुराने एटीओ कार्यालय के पास पराग डेयरी प्लांट में लगे सभी प्रोसेसिंग उपकरण खराब पड़े हैं। इसके चलते दूध चिलर को किराए पर लेकर चलाया जा रहा है। शनिवार को एटा पराग डेयरी प्रबंधक ने बताया कि दूध आपूर्ति के मामले में एटा दूसरे स्थान पर है। इसके बाद भी एटा की पराग डेयरी का विकास व विस्तार नहीं हो रहा है। समिति द्वारा एकत्र दूध को किराए के चिलर में ठंडा कर टैंकरों में भरा जा रहा है। विभाग की ओर से बनाया गया ढांचा जर्जर हो चुका है। 66.66 फीसदी नमून हो गए फेल दूध उत्पादन में एटा मंडल में दूसरा स्थान है, लेकिन दूध की गुणवत्ता के मामले में अच्छा नहीं है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जो नमूने लिए गए इसमें अधिकांश नमूने फेल रहे। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में 66.66 फीसदी नमूने पूरे वर्ष में मानक के अनुरूप नहीं मिले। संभावना जताई जा रही है कि दूध की आपूर्ति पूरी करने के लिए दूध में मिलावट कर बेचा जा रहा है।

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