बागवानी मिशन योजना से जुडेंगे सिंघाडा किसान, खुश हुए किसान
Etah News - सिंघाड़ा की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। जिला उद्यान अधिकारी ने सिंघाड़ा की खेती का निरीक्षण किया और किसानों से रायशुमारी की। बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को लाभ होगा। पहली बार...

सदियों से सिंघाड़ा की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। इन किसानों को बागवानी मिशन योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला उद्यान अधिकारी ने सिंघाड़ा की खेती वाली क्षेत्र का निरीक्षण किया। वहीं किसानों से उनकी रायशुमारी ली गई है। इन किसानों के लिए यह पहला मौका जब हिन्दुस्तान की पहल पर किसान किसी योजना से लाभान्वित किए जाएगा। 21 मई के अंक में बोले एटा के तहत बिन पानी और मंडी सिकुड़ रहा सिंघाड़े की खेती का रकवा। बुधवार की दोपहर को जिला उद्यान अधिकारी डा. सुनील कुमार के साथ रवेंद्र मिश्रा ब्लॉक अवागढ़ क्षेत्र में सिंघाड़ा की खेती के बारे में जानकारी करने के लिए पहुंचे।
गांव नूहंखेड़ा पहुंचकर पहले तो किसानों से वार्ता की। किसानों से खेती की विधि से लेकर पैदावार तक का ब्यौरा लिया। कब इसकी तैयारियों शुरू होती है। कितनी लागत होती और क्या मुनाफा मिलता है। किसानों ने सिंघाड़ा के बारे में बताया। उन्होंने यह खेती से सबसे अधिक समय लेनी वाली खेती है। सिंघाड़ा खत्म होने के बाद भी जब तक पानी नहीं सूख जाता तब तक खेत का दूसरी फसल में प्रयोग नहीं कर पाते है। किसानों की मानें तो अधिकांश किसान एक ही फसल कर पाते है। सिंघाड़ा के खेत पर पहुंचकर उसे देखा। डीएचओ ने बताया कि सिंघाड़ा किसानों को बागवानी मिशन योजना से जोड़ा जाएगा। इस योजना से किसानों को लाभ मिलेगा। फसल करने वाले किसानों से कागज मांगे गए है। इससे इस योजना से जोड़ने के लिए प्रक्रिया शुरू कराई जाए। किसानों के लिए और क्या मदद कर सकते है इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात कर और रणनीति बनाई जाएगी। पहले सिंघाड़ा किसानों का कोई अधिकारी हाल जानने के लिए पहुंचा तो किसान काफी खुश थे। किसानों ने हिन्दुस्तान समाचार पत्र का भी धन्यवाद बोला। समाचार पत्र की पहल पर क्षेत्र के किसानों को लाभ मिल पाएगा। मालूम हो कि 21 मई के अंक में बोले एटा के तहत बिन पानी और मंडी सिकुड़ रहा सिंघाडे की खेती का रकवा के तहत खबर प्रकाशित की थी। खाद्य विभाग की टीम ने वहां पर पहुंच हाल देखा है। अभी किसी भी किसान ने किसी योजना से जोड़ने लिए आज तक संपर्क नहीं किया। हिन्दुस्तान समाचार पत्र में सिंघाड़े के बारे में पढ़कर पता चला कि यहां पर किसान बड़ी मात्रा में यह फसल करते है। इसके लिए बागवानी मिशन योजना से जोड़ा जाएगा। इससे जुड़ने के लिए अधिक से अधिक संख्या में किसान कार्यालय में पहुंचकर कागज पता कर सकते है। डा. सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी एटा
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