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इटावा में टीबी रोगियों को इलाज के साथ भावनात्मक सहयोग जरूरी

Etawah-auraiya News - प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने के लिए एक कार्यक्रम में 27 क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरित की गई। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि टीबी के इलाज के लिए स्वस्थ जीवनशैली और...

Newswrap हिन्दुस्तान, इटावा औरैयाWed, 23 April 2025 11:58 PM
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इटावा में टीबी रोगियों को इलाज के साथ भावनात्मक सहयोग जरूरी

देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने की प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में 27 क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरित की गई। कार्यक्रम उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के तत्वाधान में ओपीडी में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डा. पीके जैन ने कहा कि क्षय रोगियों को इलाज के साथ-साथ भावनात्मक सहयोग की भी आवश्यकता होती है जिसके लिए निक्षय मित्र बन हम सब सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकते हैं।

यूपीयूएमएस रेस्पिरेटरी विभागध्यक्ष व उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम वाइस-चेयरमैन प्रोफेसर डा. आदेश कुमार ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली और बेहतर पौष्टिक आहार टीबी के इलाज के साथ-साथ बहुत जरूरी है। इसीलिए सभी टीबी रोगी अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें।उन्होंने बताया कि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र हर समय रोगजनक जीवाणुओं से लड़ता है लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र जैसे ही कमजोर होता है तो बीमारियां हावी होने लगती हैं ऐसी ही बीमारियों में से एक टीबी है जिससे तपेदिक या क्षय रोग कहा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टीबी का इलाज संभव है इसलिए घबराने की जरूरत नहीं अगर टीबी की पुष्टि होती है तो समय से इलाज करवाएं। उन्होंने सभी क्षय रोगियों से कहा कि जो भी पुष्टाहार दिया जा रहा है इसका सेवन अवश्य करें और अपने खानपान पर ध्यान दें और मेरी अपील है कोई भी टीबी की दवा को बीच में न छोड़े क्योंकि बीच में दवा छोड़ने से बीमारी बढ़ जाती है और दोबारा से इलाज की अवधि 6 महीने से बढ़कर 18 महीने तक लंबी हो जाती है। कार्यक्रम में प्रति कुलपति डा. रमाकांत, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डा. एसपी सिंह, डा. आशीष कुमार गुप्ता, (नोडल अधिकारी एनटीईपी), डा. आदित्य कुमार गौतम, डा. प्रशांत यादव, डा. सोमनाथ भट्टाचार्य, डा. नम्रता, डा. रिया, रेजीडेंट और एनटीईपी स्टाफ उपस्थित रहा।

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