Delay in MGNREGA Payments Workers and Vendors Struggle Amidst Financial Crisis मनरेगा सामग्री के 332 प्रोजेक्टों के पौने आठ करोड़ का कब होगा भुगतान?, Gangapar Hindi News - Hindustan
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मनरेगा सामग्री के 332 प्रोजेक्टों के पौने आठ करोड़ का कब होगा भुगतान?

Gangapar News - अनदेखी कोरांव/ गिरगोंठा, हिन्दुस्तान संवाद। मनरेगा मजदूरी से लेकर पक्के काम की सामग्री का भुगतान

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारFri, 2 May 2025 03:31 PM
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मनरेगा सामग्री के 332 प्रोजेक्टों के पौने आठ करोड़ का कब होगा भुगतान?

मनरेगा मजदूरी से लेकर पक्के काम की सामग्री का भुगतान सात महीने से बकाया है। दीपावली बीती, होली बीती और अब सहालग का समय भी बीतने वाला है लेकिन भुगतान कब होगा, कोई बताने वाला नहीं है। ब्लॉकों से लेकर ग्राम पंचायतों में काम करने वाले मजदूर और वेंडर श्रम करने और पूंजी लगाने के बाद अब परेशान हैं। मनरेगा योजना जहां मजदूरों के परिवारों के भरण-पोषण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना मानकर चलाई गई थी, वहीं उनके पलायन के रोकने की भी अच्छी सोच थी। लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से इस योजना का हाल बुरा हो चला है। मजदूरों की मजदूरी से लेकर पक्के कार्य में पूंजी लगाकर पिछले सात महीने से वेंडर भी परेशान हैं।

लगातार ब्लॉक का चक्कर लगाते मजदूर और वेंडर अब थकते जा रहे हैं। दोनों अब सरकार और उसको कार्यान्वित करने वालों को कोस रहें हैं। कोरांव, शंकरगढ़, मेजा और मांडा ब्लॉक पथरीले ब्लॉक हैं। इन ब्लॉकों में मजदूरों की संख्या काफी है। लेकिन काम कम हैं। कल कारखानों के न होने से मजदूरों को मुम्बई और अन्य प्रदेशों की ओर पलायन करना पड़ता है। बचे मजदूर अथवा उनके परिवार गर्मी, बरसात और ठंडक में ग्राम पंचायतों से लेकर अन्य कार्यदाई संस्थाओं के जरिये मनरेगा में काम करते हैं उनका भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है, जिससे गरीब परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंचते जा रहे हैं। इन ब्लॉकों में मनरेगा के पक्के कार्यों की भी काफी गुंजाइश रहती है। जिसके कारण ग्राम पंचायतें और छेत्र पंचायतें वेंडरों के माध्यम से टेन्डर कराकर कार्य कराती हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 332 प्रोजेक्टों पर काम कराया गया, जिनका लगभग पौने आठ करोड़ रुपये पिछले सात महीने से बकाया है। जिसके कारण आगे के कार्य भी काफी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में यह योजना मजदूरों और पूंजी लगाने वालों के लिए भरोसे की योजना नहीं रह गई है। इस सम्बन्ध में कोरांव ब्लॉक में मनरेगा के अतिरिक्त परियोजनाधिकारी मानस राठौर का कहना है मजदूरों का कुछ भुगतान होना शुरू हुआ है लेकिन पक्के कार्य के भुगतान के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

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