CBI Raids Railway Offices in Gadhra-Barauni Over Corruption and Scrap Theft गढ़हरा में विजिलेंस टीम की जांच से रेल महकमे में हड़कंप, Begusarai Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBegusarai NewsCBI Raids Railway Offices in Gadhra-Barauni Over Corruption and Scrap Theft

गढ़हरा में विजिलेंस टीम की जांच से रेल महकमे में हड़कंप

प्रादेशिक व लीड पेज 5:::::::::ल जांच कर दे दिए गए, दर्जनभर रजिस्टर साथ ले गए टीम के अधिकारी फ़ोटो नं. 19, गढ़हरा स्थित रेलवे सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय। गढ़हरा(बरौनी),एक संवाददाता। पूर्व मध्य रेल...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायFri, 2 May 2025 08:06 PM
share Share
Follow Us on
गढ़हरा में विजिलेंस टीम की जांच से रेल महकमे में हड़कंप

गढ़हरा(बरौनी),एक संवाददाता। पूर्व मध्य रेल के सोनपुर मंडल अंतर्गत गढ़हरा-बरौनी में आंतरिक गोपनीय शिकायत होने पर सीबीआई, विजिलेंस व रेलवे के गोपनीय विभाग के अधिकारियों की टीम की संयुक्त छापेमारी गुरुवार को की। करीब 12 बजे दिन से रात 8 बजे तक कार्यालय के सभी कर्मचारियों को सख्त हिदायत देते हुए जांच के लिए रोका गया। यह छापेमारी सीबीआई डीएसपी के नेतृत्व में हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीनियर सेक्शन इंजीनियर समाडि गढ़हरा के कार्यालय में बिजनेस की टीम पहुंची। यहां पर टैंक वैगन मरम्मत व पार्ट्स सप्लाई कांट्रैक्ट बेसिस पर किया जाता है। जानकारी के अनुसार जितना काम होता है उतना ठेकेदार को राशि भुगतान किया जाता है।

जानकारी के अनुसार स्क्रैप, मेटेरियल पार्ट्स व अन्य मनी ट्रांजेक्शन की जांच गहन स्तर पर की गई। बताया जाता है गढ़हरा और नारायणपुर कार्यालय का पूरा बिल कार्य मुजफ्फरपुर से होता है। इस दौरान पहुंची जांच टीम के सदस्यों ने दर्जनों रेल कर्मचारियों का मोबाइल जब्त कर लिया। मोबाइल में मैसेज, कॉल रिकार्डिंग, मनी ट्रांजेक्शन आदि की बारीकी से पूरी जांच की। इसके बाद उन सभी रेल कर्मचारियों को मोबाइल वापस कर दिया गया। वहीं, करीब एक दर्जन संबंधित विभिन्न रजिस्टर को टीम के अधिकारी अपने साथ ले गए। इन रजिस्टरों से ही कुछ गोपनीय राज सामने आने की आशंका जतायी जा रही है। बताया जाता है कि जांच टीम या तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर छापेमारी करती है या फिर कार्य में अनियमितता होने पर जांच उपरांत कार्रवाई करती है। कार्यालय में ऑनलाइन नेट के माध्यम से पूरे कार्य को अंजाम दिया जाता है। निविदाकर्मी को कार्य के अनुरूप मरम्मत व मशीन का पार्ट्स संबंधित भुगतान होता है। कई जगहों पर बड़े पैमाने पर गलत कार्य होने की शिकायत विजलेंस को मिली जिससे रेलवे के राजस्व की क्षति बचाने को लेकर जांच की गई। हालांकि, जांच छापेमारी से सम्बंधित बाते बताने में सभी सुपरवाइजर व कर्मचारी परहेज कर रहे हैं। जांच को लेकर गढ़हरा-बरौनी रेल क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मियों में हड़कम्प मच गया। टीम ने एक साथ कई जगहों पर की छापेमारी सीबीआई ने मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत और गढ़हरा में एक साथ छापेमारी की। इस दौरान घण्टों कर्मचारियों से गहन पूछताछ की गयी। मुजफ्फरपुर से कई रेलकर्मियों को हिरासत में लेकर गहन जांच करने की जानकारी सूत्रों से मिली है। जबकि, गढ़हरा से रेलकर्मियों को हिरासत में नहीं लिया गया है। गढ़हरा रेलवे सीनियर सेक्शन इंजीनियर समाडि कार्यालय के सुपरवाइजर नवनीत कुमार सिन्हा के एक मई को छुट्टी पर रहने की जानकारी मिली। बताया जाता है कि भारतीय रेलवे में स्क्रैप और लोहा चोरी घोटाले को लेकर सीबीआई टीम जांच अभियान में जुटी है। सीबीआई के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान पूरी गोपनीयता बरती है। जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू करने के पूर्व सभी कर्मियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिया। इसके बाद वैगन डिपो इंचार्ज व समाडि कर्मियों को एक कमरे में बैठाकर व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की। बताया जाता है कि यह कार्रवाई पूर्व में हाजीपुर, पटना, सोनपुर और डेहरी ऑन सोन में गिरफ्तार किए गए इंजीनियरिंग विभाग के रेल अधिकारियों से हुई पूछताछ के आधार पर की गई है। वहीं, डेहरी में सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह सहित चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को कई अहम सुराग मिले हैं जिसके बाद मुजफ्फरपुर और गढ़हरा में छापेमारी हुई है। चोरी के कई मामले में दर्ज है गढ़हरा में बीते एक दशक के दौरान गढ़हरा के सामान्य भंडार डिपो में सामग्रियों की चोरी, विद्युत शेड में स्क्रैप व अन्य सामग्रियों की चोरी होने के मामले आरपीरफ गढ़हरा में दर्ज हैं। वर्षों पूर्व विद्युत शेड में कई इंजन के कीमती पार्ट्स रहस्यमय तरीके से चोरी होने के बाद समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना आदि जगहों पर पुलिस की छापेमारी हुई थी। रेलवे संपत्ति की चोरी के करोड़ों रुपए की हेराफेरी होने की बात सामने आई। कई कबाड़खाने संचालक, अधिकारी, रेलकर्मी व सुरक्षा में तैनात आरपीएफ की संलिप्तता की चर्चा हुई। इनसे मामले को वर्षों तक खंगाला गया। इस अंतरराज्यीय धंधे का तार नेपाल से भी जुड़ा था। विभिन्न जगहों पर जांच से बात साफ है कि रेलवे में भ्रष्टाचार और चोरी का व्यापक नेटवर्क है। सीबीआई की मौजूदा कार्रवाई इस जाल को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। यह छापेमारी रेलवे के करोड़ों रुपये के स्क्रैप और पुराने लोहे की अवैध बिक्री से जुड़ी है। सीबीआई को संदेह है कि रेलवे अधिकारियों और कबाड़ीखाना संचालकों की मिलीभगत से इस घोटाला को अंजाम दिया जाता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।