गांवों में स्मृति वाटिकाओं का कोई पुरसाहाल नहीं
Gangapar News - गांवों में स्मृति वाटिकाओं का कोई पुरसाहाल नही-करछना।विकास खंड करछना के कई गांवों में शासन द्वारा स्मृति वाटिका योजना को लेकर गांवों में योजना का शुभा
विकास खंड करछना के कई गांवों में शासन द्वारा स्मृति वाटिका योजना को लेकर गांवों में योजना का शुभारंभ किया गया। कई जगह वाटिकाओं में पेड पौधे भी रोपें गये। किंतु कुछ गांवों में अभी भी काम बाकी है। स्मृति वाटिका का नाम बदलकर मियांबाकी योजना के तहत अब उसके अंलकरण के लिए अच्छे बजट की भी व्यवस्था की गई है।गांव के लोगों का कहना है कि इसे लेकर कुछ जगह केवल खानापर्ती की गई है। पहले से तैयार पौधों को छोड दे तो कई नये पौधे लगने के कुछ दिन बाद ही सूख गये। प्रतिदिन साफ-सफाई और देखरेख न होने से गर्मी के दिनों में 60 फीसदी पौधे सूख चुकें है।करछना
के 80 गांवों में से दर्जनभर गांवों में स्मृति वाटिका का कार्य किया गया है। जिसमें मुंगारी,धरवारा,पुरैनी,घोरहट आदि गांवों में स्मृति वाटिका बनकर तैयार हो चुका है।मुंगारी में लगाये गये पौधों में कई पौधे बिना देखरेख के सूख रहें हैं। स्मृति वाटिकाओं में पौधे तो रोपे गये हैं।जहां गर्मी के दिनों में भी घोरहट,करछना और धरवारा को छोडे दिया जाए तो ज्यादात्तर स्मृति वाटिकाओं का कोई पुरसाहाल नही है।हलांकि बाद में स्मृति वाटिका को मियांबाकी योजना किया गया है।गांव के लोगों का कहना है कि बिना देखरेख के लगाये गये पौधों में कुछ ही पौधे बचे है।साथ ही देखने से लगता है कि यहां पौधे लगे ही नही थे।फिलहाल सरकार द्धारा योजनाओं पर लाखों खर्च तो किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
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