ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी में सतर्कता बढ़ी, डीजीपी ने अफसरों को 13 प्वाइंट में जारी किए यह निर्देश
भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचाया है। खासकर वहां पल रहे आतंकियों को कमर तोड़कर रख दी गई है। ऐसे में यूपी में खास सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। डीजीपी ने सीएम योगी के निर्देश पर सभी अफसरों को बताया है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के अधिकारियों को इस बाबत कई निर्देश जारी किए हैं। अफसरों को 13 प्वाइंट में और सबप्वाइंट में बताया गया है कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। डीजीपी की ओर से कहा गया है कि आज रात भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेशवासियों एवं राज्य के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथही कानून व्यवस्था बनाए रखने और इससे सम्बन्धी दिये गये निर्देशों के क्रम में सभी जनपदों, कमिश्नरेट्स और पुलिस इकाइयों को तत्काल प्रभाव से इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
डीजीपी ने राज्य पुलिस के 'एक्स' हैंडल से पोस्ट कर कहा कि ''ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में 'रेड अलर्ट' घोषित किया गया है।'' पोस्ट में कहा गया, ''उत्तर प्रदेश पुलिस की सभी फील्ड इकाइयों को रक्षाबलों से समन्वय स्थापित करने एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस सतर्क है, संसाधनों से लैस है, और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। बाद में, पुलिस महानिदेशक ने ऑपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश के निवासियों एवं महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिये दिशा-निर्देश जारी किये।
डीजीपी के निर्देश
1.महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: कहा गया है कि अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी महत्वपूर्ण Critical Infrastructure and Vital Installations की सुरक्षा को सुदृढ़ और उन्नत किया जाए। यहां पर भौतिक सुरक्षा, निगरानी प्रणाली और परिधि सुरक्षा को मजबूत किया जाए।
2.आंतरिक सुरक्षा अभ्यास: आंतरिक सुरक्षा योजना के तहत मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा गया है। पूरी तैयारी के साथ पूर्व ब्रीफिंग और बाद की डिब्रीफिंग की व्यवस्था की जाए। संबंधित सभी सुरक्षा इकाइयों की भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
3.पुलिस परिसरों और संसाधनों का ऑडिट: सभी पुलिस परिसरों जैसे पुलिस लाइन, कार्यालय, डिपो , पुलिस यूनिट्स और नियंत्रण कक्ष को सुरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। एक संपूर्ण संसाधन ऑडिट किया जाए और कमी पाए जाने पर शीघ्र समाधान किया जाए। इसके साथ ही पुलिस वेबसाइट और पुलिस सर्वर के साथ-साथ साइबर सुरक्षा सुदृढ़ की जाए।
4.महत्त्वपूर्ण स्थानों पर प्रवेश नियंत्रण: महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर प्रवेश नियंत्रण व्यवस्था को कड़ा करने के लिए कहा गया है। पहचान पत्रों की जांच और सत्यापन भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
5.एजेंसियों के साथ समन्वय: इसके साथ ही कहा गया है कि सेना, वायुसेना, नागरिक सुरक्षा, खुफिया इकाइयाँ और अन्य सम्बंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाया जाए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समन्वय की जिम्मेदारी लें।
6.सामरिक आवागमन की व्यवस्था: इसके अलावा महत्वपूर्ण इलाकों में सुरक्षा दुरुस्त करने को कहा गया है। राजमार्गों और रेलवे पर सैन्य काफिले, वायुसेना के लिए एटीएफ और ईंधन की आपूर्ति, रेलवे पुलों और ट्रैकों की सुरक्षा मजबूत करने को कहा गया है। इसके साथ ही सभी मूवमेंट को “नीड टू नो” आधार पर गोपनीय रखा जाए।
7.सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर सतर्कता: सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों को उच्च सतर्कता पर रखने के लिए भी कहा गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में बल की तैनाती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। आरक्षित बलों को त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार रखने को भी कहा गया है।
8.प्रमुख सेवाओं की सुरक्षा: इसके साथ ही प्रमुख सेवाओं की सुरक्षा मजबूत करने और विशेष सुरक्षा की बात कही है। कहा गया है कि तेल पाइपलाइन, संचार टावर और ओएफसी केबल लाइनें, जलापूर्ति प्रणालियाँ और भंडारण, बिजली सब-स्टेशन और ताप विद्युत संयंत्र की विशेष सुरक्षा की जाए।
9. खुफिया जानकारी और Sabotage की रोकथाम: संवेदनशील और निषिद्ध क्षेत्रों में संभावित Sabotage और Information Leak की घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। खुफिया तंत्र को सक्रिय किया जाए और समुचित सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
10.सोशल मीडिया की निगरानी: 24x7 यानी चौबीसों घंटों और सातों दिन सोशल मीडिया मॉनिटरिंग साइबर सेल द्वारा करने को कहा गया है। अफवाह फैलाने और भ्रामक सूचनाओं के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
11.नियंत्रण कक्ष और मोबाइल वाहन सतर्क: जिला नियंत्रण कक्ष को उच्च सतर्कता पर रखा जाए। 112 आपातकालीन वाहनों को Tactical Location पर तैनात किया जाए।
12.नेतृत्व और समन्वय: वरिष्ठ अधिकारी जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा, सेना, वायुसेना और सभी हितधारकों के साथ सक्रिय समन्वय करें। सभी कर्मियों को पुलिस युद्ध निर्देशों की जानकारी दें ।
13. हवाई अड्डा क्षेत्र की सुरक्षा: सभी हवाई अड्डों के फनल क्षेत्रों की जांच की जाए। हवाई सुरक्षा इकाइयों के साथ संयुक्त कार्यवाही की जाए।
14. भारत नेपाल सीमा पर निरंतर चौकसी बरतते हुए अन्य सुरक्षा बलों के साथ समन्वय स्थापित रखते हुए नियमित गश्त की जाय।