Historic Eidgah Pond in Mauaima A Growing Safety Concern Amid Rising Drownings बोले प्रयागराज : सुरक्षा के अभाव में ऐतिहासिक तालाब बना जानलेवा , Gangapar Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : सुरक्षा के अभाव में ऐतिहासिक तालाब बना जानलेवा

Gangapar News - मऊआइमा नगर पंचायत के ऐतिहासिक तालाब में डूबने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यह तालाब बच्चों के लिए खतरनाक बन गया है। स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत से मजबूत बाड़, चेतावनी...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारMon, 19 May 2025 03:49 PM
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बोले प्रयागराज : सुरक्षा के अभाव में ऐतिहासिक तालाब बना जानलेवा

मऊआइमा नगर पंचायत मऊआइमा में स्थित लगभग 200 वर्ष पुराना ऐतिहासिक ईदगाह और उसके सामने बना तालाब लोगों के लिए चिंता का भी केंद्र बन गया है। सुरक्षा उपायों के अभाव में यह तालाब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। लगभग 200 वर्ष पूर्व इस तालाब से लोगों को गर्मी में बहुत राहत मिलती थी। हालांकि मुख्यतः इसे नमाजियों के वजू के लिए बनाया गया था। लेकिन वर्तमान में यह बच्चों के नहाने का प्रमुख स्थल बन गया है। नगर पंचायत की ओर से इसमें सबमर्सिबल पंप लगाकर पानी भरा जाता है, लेकिन सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।

यही वजह है कि आए दिन नहाने के दौरान हादसे भी सुनने को मिलते हैं। हादसों की वजह से अब इस तालाब को नए सिरे से व्यवस्थित करने और सौंदर्यीकरण की भी मांग उठने लगी है। एक सप्ताह पूर्व जौनपुर से आए एक मासूम की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। दो साल पहले अपने रिश्तेदारों के यहां आए दो भाइयों की इसी तालाब में डूबकर मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग हर वर्ष यहां किसी न किसी की जान चली जाती है। मरने वालों में अधिकांश बाहर से आए मेहमान होते हैं, जिन्हें स्थानीय स्थिति की जानकारी नहीं होती। गर्मी के मौसम में यह तालाब और अधिक खतरनाक हो जाता है, क्योंकि कस्बे की लगभग 30 हजार आबादी के अलावा आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में लोग यहां गाहे-बगाहे पहुंचते हैं। सुबह और शाम के समय यहां भीड़ लगी रहती है। ऐसे में हादसों की आशंका और बढ़ जाती है। क्षेत्रवासियों ने नगर पंचायत और प्रशासन से मांग की है कि तालाब के चारों ओर मजबूत बाड़ लगाई जाए, चेतावनी और दिशा-निर्देश वाले बोर्ड लगाए जाएं, लाइफ जैकेट की व्यवस्था हो और सुरक्षा के लिए गार्ड नियुक्त किए जाएं। साथ ही, तालाब को केवल सीमित समय और निगरानी में ही खोलने की मांग की जा रही है। तालाब की देखरेख कर रहे इंतजामिया भी लगातार हो रही मौतों से दुखी हैं और चाहते हैं कि जल निगम या नगर पंचायत की ओर से ठोस और स्थायी इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में किसी की जान न जाए। नगर पंचायत की ओर से तालाब के पास एक पार्क का निर्माण कराया गया है, जो लोगों के लिए व्यायाम और सैर का केंद्र बन गया है। इस पार्क को चारों ओर ऊंची चहारदीवारी से सुरक्षित किया गया है और गेट भी लगाया गया है। नगर पंचायत का कर्मचारी प्रतिदिन सुबह और शाम समय पर आकर गेट खोलता है, जिससे लोग पार्क का सुचारु रूप से उपयोग कर सकें। पार्क में लगाए गए कसरत के उपकरणों का स्थानीय निवासी भरपूर उपयोग कर रहे हैं। यहां आने वाले लोग व्यायाम भी करते हैं। लोगों ने नगर पंचायत से मांग की है कि तालाब के चारों ओर भी इसी तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे वह सुरक्षित हो सके। बोले जिम्मेदार तालाब खुले स्थान पर है यहां पर कस्बे के अलावा बाहर से भी लोग आते हैं। 24 घंटे निगरानी रखना मुश्किल है। कई बार यहां पर लोगों से, पानी गहरा है, जो तैरना ना जानते हो तालाब के करीब ना जाएं। इससे संबंधित बोर्ड लगाया गया इसके अलावा चारों ओर जंजीर भी लगाई गई लेकिन लोग चोरी कर ले गए। तालाब में डूब कर होने वाली मौतें पूरे कस्बे को परेशान कर देती हैं। एक बार फिर इस संबंध में विशेषज्ञों से बात करेंगे लोगों की सुरक्षा के लिए यदि कोई सुझाव दिया जाएगा तो नगर पंचायत उस पर भी काम करेगा। ताकि लोगों को आकस्मिक मौतों से बचाया जा सके। -शोएब अंसारी, चेयरमैन मऊआइमा नगर पंचायत। हमारी भी सुनें मऊआइमा का ऐतिहासिक ईदगाह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। तालाब में बच्चों की डूबकर हुई मौतें वाकई चिंता का विषय हैं। मैं नगर पंचायत से मांग करता हूं कि तालाब के चारों ओर मजबूत लोहे की बाड़ लगाई जाए ताकि बिना निगरानी के कोई भी तालाब में न जा सके और ऐसे दुखद हादसे का शिकार न हो। -राहुल ठाकुर, वार्ड सदस्य मोहल्ला मौलाना तालाब से क्षेत्र के सभी समुदाय के लोगों को सहूलियत मिलती है। इसके अलावा लोग नमाज और जनाजा पढ़ने के लिए वजू भी बनाते हैं। तालाब की साफ सफाई के साथ ही चारों ओर बैरिकेडिंग की जाए और उसे समय-समय पर खोला जाए। जिससे अनजान लोग सीधे तालाब में ना जा सकें। -अतीक अहमद, वार्ड सदस्य आजमपुर तालाब के चारों कोनों और प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए जाएं जिनमें चेतावनियां लिखी हों। आजकल बच्चे पढ़े-लिखे होते हैं। जब कहीं खतरा, चेतावनी लिखा होता है तो सचेत हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में दुर्घटना की आशंका का कम हो जाती है। -इंजीनियर नूरुद्दीन सैफी, प्रबंधक इंपीरियल स्कूल आफ एक्सीलेंस सुबह और शाम के व्यस्त समय में प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों या लाइफ गार्ड की नियुक्ति हो, जो निगरानी रख सकें और आपात स्थिति में मदद कर सकें। जो लोग तालाब में उतरना चाहें, उनके लिए किराए या जमा राशि पर लाइफ जैकेट की सुविधा हो। -कामरान अहमद आइका, समाजसेवी पिकनिक स्पॉट पर ऐसी व्यवस्था की जाती है। तालाब की निश्चित क्षेत्र में जहां से गहराई बढ़ रही हो वहां जंजीरें लगाई जाएं ताकि लोग गहरे पानी में ना जा सकें और पैर फिसलने पर उन्हें पकड़ सकें । इसके अलावा साढे तीन फीट की गहराई में जाल लगाया जा सकता है। जिससे डूबने वाला पानी की गहराई में ना जा सके। -उमैर जलाल, सपा नेता तालाब के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि निगरानी बेहतर हो सके। इससे न सिर्फ तालाब के आसपास लोगों की सुरक्षा मिलेगी। बल्कि यहां होने वाली चोरियों और दूसरे अपराध से भी यहां आने वाले लोगों को बचाया जा सकता है। यह काम सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहतर है। -डॉ. महताब आलम, लाइफ केयर हॉस्पिटल तालाब के किनारे लाइफ जैकेट, रस्सी जैसे बचाव उपकरण रखें जाएं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद की जा सके। इसके अलावा किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की ड्यूटी भी यहां लगाई जा सकती है और इस ऐतिहासिक क्षेत्र को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। -डॉ. फैजान आलम, भाजपा नेता ईदगाह तालाब गहरा है, हमेशा पानी रहने की वजह से सीढ़ियां चिकनी हो गई हैं। बच्चे या अनजान लोगों के लिए यहां नहाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यहां कर्मचारी नियुक्त किया जाए। जरूरत पड़ने पर खोला जाए। नाबालिग बच्चों के तालाब में नहाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। अक्सर मामलों में देखा गया कि बच्चे की हादसे का शिकार होते हैं। -परवेज आलम, बागी इसके पहले इस तालाब में जब दो बच्चों की डूबने से मौत हुई थी तो तो टाउन एरिया की ओर से बोला गया था कि सीसीटीवी कैमरा लगेगा लेकिन नहीं लगाया गया। यहां नगर पंचायत की ओर से कम-से-कम एक गार्ड होना चाहिए। बच्चे खेलकूद के दौरान पानी में जाएंगे तो गार्ड रोक-टोक करेगा। निगरानी रहेगी तो किसी हादसे पर ससमय मदद भी की जा सकती है। -अब्दुल्ला अंसारी, मोहल्ला कोट

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