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कांच के टुकड़े, खून और दूसरे सबूत जुटाए; आयकर अधिकारियों के बीच मारपीट मामले की जांच तेज

योगेंद्र किस समय कक्ष में पहुंचे, उन्होंने कैसे गौरव गर्ग पर हमला किया, किस बात पर विवाद हुआ, गौरव आरोपित योगेंद्र की कौन-कौन सी जांच कर रहे थे आदि की पड़ताल की जा रही है। किन वजहों से योगेंद्र का ट्रांसफर काशीपुर हुआ था, इसकी भी जांच की जा रही है। आरोपित योगेंद्र मिश्र का बयान दर्ज किया जाएगा।

Ajay Singh ज्ञान प्रकाश, लखनऊSat, 31 May 2025 01:59 PM
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कांच के टुकड़े, खून और दूसरे सबूत जुटाए; आयकर अधिकारियों के बीच मारपीट मामले की जांच तेज

आयकर मुख्यालय में उपायुक्त गौरव गर्ग पर हमले के बाद गुरुवार देर रात फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। टूटे पड़े कांच के गिलास के टुकड़े, खून और अन्य साक्ष्य संकलन किए। साथ ही जांच में लगी हजरतगंज पुलिस आरोपित ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्र को नोटिस देने की तैयारी में है। मामले के विवेचक नरही चौकी प्रभारी अमित हमले के वक्त मौके पर मौजूद अधिकारी रिचा रस्तोगी, शौर्य शाश्वत शुक्ला के बयान दर्ज करेंगे। विवेचक के अनुसार योगेंद्र किस समय कक्ष में पहुंचे, उन्होंने कैसे गौरव गर्ग पर हमला किया, किस बात पर विवाद हुआ, गौरव आरोपित योगेंद्र की कौन-कौन सी जांच कर रहे थे आदि की पड़ताल की जा रही है। किन कारणों से योगेंद्र का ट्रांसफर काशीपुर हुआ था, इसकी भी जांच की जा रही है। आरोपित योगेंद्र मिश्र का बयान दर्ज किया जाएगा।

खुद पर जानलेवा हमले के बाद उपायुक्त गौरव गर्ग की ओर से हजरतगंज कोतवाली में दी गई तहरीर में बताया गया है कि गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे वह वरिष्ठ अधिकारीगण रिचा रस्तोगी, शौर्य शाश्वत शुक्ला के साथ कार्यालय के छठे तल पर बैठ कर प्रधान मुख्य आयुक्त की सेवानिवृत्ति पर विदाई कार्यक्रम की रूपरेखा बना रहे थे। इसी बीच काशीपुर में तैनात ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र पहुंचे और खुद पर चल रही जांचों को रफा-दफा करने का दबाव बनाया। गालियां देते हुए बोले कि तुम्हारी वजह से मेरा ट्रांसफर काशीपुर हुआ है। मेरा ट्रांसफर वापस लखनऊ कराओ। विरोध पर उन्होंने हमला बोल दिया। कान, नाक, मुंह पर मुक्के से योगेंद्र ने प्रहार शुरू कर दिया। गर्दन पर गिलास मारा। गला दबाया और जूते से हमला किया। चेहरे से खून निकलने लगा। शरीर के अन्य अंगों में चोट लगी। अफसरों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी तो हजरतगंज पुलिस और और अधिकारी पहुंचे। आनन-फानन में उनको सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। आयकर उपायुक्त गौरव गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी पुलिस उपायुक्त एलआईयू हैं। योगेंद्र मिश्र की पत्नी नेहा द्विवेदी कानपुर में एआरटीओ टेक्निकल (जोन) के पद पर तैनात हैं।

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सीबीडीटी ने तलब की रिपोर्ट योगेंद्र मिश्र पर कार्रवाई संभव

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यूपी-उत्तराखंड सर्किल के लखनऊ मुख्यालय में हुई घटना की रिपोर्ट प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से तलब की है। गुरुवार देर रात एक मुख्य आयकर आयुक्त की ओर से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्यालय की सख्ती संयुक्त आयकर आयुक्त काशीपुर, योगेन्द्र मिश्र की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सीबीडीटी मुख्यालय ने यह भी पूछा है कि स्टेशन छोड़कर लखनऊ आने की जानकारी क्या संयुक्त आयुक्त ने मुख्य आयकर आयुक्त को दी थी? आयकर विभाग का नियम है कि जहां भी अफसर की तैनाती है, उसे स्टेशन छोड़ने की सूचना वहां के वरिष्ठ अधिकारी को देनी होगी। योगेन्द्र मिश्र की तैनाती मौजूदा समय में उत्तराखंड के काशीपुर में है। सूत्रों के अनुसार लखनऊ आने की सूचना उन्होंने मुख्य आयकर आयुक्त को नहीं दी थी। यह उन पर कार्रवाई का बड़ा कारण बन सकता है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों के सामने मारपीट बड़ा आरोप है। दूसरी ओर उपायुक्त गौरव गर्ग को भी मुख्यालय के सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट

संयुक्त आयुक्त योगेन्द्र मिश्र ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कई पोस्ट कीं। थ्रेड के तौर पर की गईं पोस्ट में उन्होंने पुलिस आयुक्त को ई-मेल पर भेजी गई अपनी चिट्ठी भी अपलोड की है। विभागीय स्तर पर ऐसी पोस्ट करने की अनुमति नहीं है, खासतौर पर जब मामला संवेदनशील हो और अधिकारी स्वयं गंभीर आरोपों के घेरे में हो। सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भी संयुक्त आयुक्त के खिलाफ विभागीय स्तर से कार्रवाई का एक अहम कारण बन सकता है।

आयकर उपायुक्त गौरव गर्ग की अस्पताल से छुट्टी

उपायुक्त गौरव गर्ग की हालत में सुधार है। उन्हें सिविल अस्पताल से छुट्टी दे गई है। वह अपने आवास पर हैं। विवेचक ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, हमले में उपायुक्त गौरव गर्ग की ठोढ़ी, जबड़ा, हाथ, नाक और गर्दन पर चोट है। इस बीच उन्होंने कहा, ‘मुझको बहुत मारा है। शरीर दुख रहा है। दर्द कम करने के लिए नींद वाले इंजेक्शन दिए गए हैं। फिर भी आराम नहीं मिल रहा है।’

क्या बोली पुलिस

पुलिस उपायुक्त मध्य आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त योगेंद्र मिश्र के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच जारी है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। योगेंद्र के नाम से एक ईमेल भी आई है, जिसमें हमले के आरोपों को निराधार बताया गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि ई-मेल संयुक्त आयुक्त योगेंद्र मिश्र ने ही की है अथवा किसी अन्य ने। आईडी की भी तस्दीक कराई जा रही है। घटना के बाद से योगेंद्र ने पुलिस से कोई सीधा संपर्क नहीं किया है और न ही आकर प्रार्थनापत्र दिया है।

संयुक्त आयुक्त के खिलाफ विभाग में चल रहीं 12 जाचें

आयकर मुख्यालय में तैनात संयुक्त आयुक्त योगेंद्र मिश्र के खिलाफ विभाग में 12 तरह की जांचें चल रही हैं। इसी के चलते उनका स्थानांतरण काशीपुर (उत्तराखंड) किया गया था। योगेंद्र ने आयकर आयुक्त प्रशासन एवं करदाता सेवाएं रिचा रस्तोगी पर भी जांच वापस लेने और सकारात्मक रिपोर्ट लगाने का दबाव बनाया था। उनके द्वारा ऐसा न करने पर व्हाट्सऐप पर धमकी दी थी। ये आरोप हमले में घायल उपायुक्त गौरव गर्ग ने एफआईआर में लगाए हैं।

योगेंद्र पूर्व में कई बार अधिकारियों से अभद्रता और विभागीय आयोजनों के दौरान हंगामा कर चुके हैं। गौरव गर्ग ने बताया कि फरवरी 2025 में बीबीडी क्रिकेट ग्राउंड पर विभाग के क्रिकेट मैच के दौरान योगेंद्र पिच पर बैठ गए और हंगामा करने लगे। प्रधान मुख्य आयुक्त ने उनसे हटने के लिए कहा तो बोले कि उन्हें भी खिलाया जाए और टीम का कप्तान बनाया जाए, नहीं तो वह मैच नहीं होने देंगे। उन्हें समझाया गया कि जो क्वार्टर फाइनल खेले हैं, वही लोग सेमीफाइनल व फाइनल में खेलेंगे। इस पर भी योगेंद्र नहीं माने और पिच पर लेट गए थे। प्रधान मुख्य आयुक्त ने कहा था कि हटेंगे नहीं तो आपके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मैच का आयोजन सरकारी रूप से हो रहा है। बड़ी मुश्किल से वह हटे। इस प्रकरण में भी उनके खिलाफ जांच चल रही थी।

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गौरव गर्ग ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि मैच के दौरान योगेंद्र ने कई लोगों से अभद्रता की थी। योगेंद्र ने एक खिलाड़ी की बहन पर कई अभद्र आरोप लगाए थे। दूसरे खिलाड़ी को नशीले पदार्थों की तस्करी में फंसाने की धमकी दी थी। कहा था कि उनके एनसीबी के अफसरों से संबंध हैं। शहर में एनसीबी की टीम घूमती रहती है। किसी भी दिन गाड़ी में नशीला पदार्थ रखकर झूठे मुकदमे में फंसा दूंगा। पूरा जीवन बर्बाद हो जाएगा। इन दोनों मामलों की शिकायत भी योगेंद्र के खिलाफ खिलाड़ियों ने की थी।

अभद्रता भी था तबादले का कारण

तहरीर के मुताबिक विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से अभद्रता, धमकी देने के मामले में योगेंद्र के खिलाफ शिकायतों की जांच करके पीसीसी द्वारा अग्रिम कार्रवाई के लिए कहा गया था। योगेंद्र के उपरोक्त कृत्यों के आधार पर उनका स्थानांतरण लखनऊ से काशीपुर अनुभाग किया गया था। योगेंद्र के विरुद्ध शिकायत के संबंध में कार्यालय द्वारा उन्हें एक पत्र भी जारी किया गया था। आयुक्त प्रशासन एवं करदाता सेवाएं रिचा रस्तोगी ने भी शिकायत की थी।

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