Fake Fingerprint Cloning and Marksheet Scam Uncovered in Gorakhpur Two Arrested गुलरिहा का पैरामेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में, छात्र भी बुलाए गए, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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गुलरिहा का पैरामेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में, छात्र भी बुलाए गए

Gorakhpur News - गोरखपुर में फर्जी फिंगर प्रिंट क्लोन और मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो छोटे कारोबारी हैं। जांच में पैरामेडिकल कॉलेज का नाम सामने आया...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 8 May 2025 03:47 AM
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गुलरिहा का पैरामेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में, छात्र भी बुलाए गए

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। फर्जी तरीके से फिंगर प्रिंट का क्लोन व मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह के दो सदस्यों से पूछताछ के बाद गुलरिहा में स्थित पैरामेडिकल कॉलेज जांच के दायरे में आ गया है। पता चला है कि कॉलेज के जरिए ही मार्कशीट बनाने का ठेका मिला था। वहीं जिन छात्रोँ के मार्कशीट तैयार किए गए हैं, उन्हें भी पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी। इसके अलावा आधार कार्ड, आय व जाति प्रमाण पत्र बनवाने वालों के मकसद को भी पुलिस जानने के लिए लिस्ट तैयार कर ली है। फरार तीन आरोपितों के ठिकानों पर पुलिस गई थी, लेकिन वह फरार हो गए हैं।

दरअसल, पुलिस ने इस पूरे मामले में शाहपुर के बिछिया निवासी श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगा राम और महराजगंज निचलौल निवासी इमरान खान को गिरफ्तार किया है। लेकिन, वह छोटे कारोबारी है, गुमटी चलाकर जीविकापार्जर करते हैं। इस खेल के असल खिलाड़ी अभी बाकी है। पूछताछ के आधार पर दोनों आरोपियों समेत छह पर कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, इमरान खान हुमायुपुर उत्तरी में किराए का कमरा लेकर रहता था। जहां कंप्यूटर से लगाए कई सारे उपकरण मौजूद थे। यहीं बैठकर वह फर्जी क्लोन व मार्कशीट तैयार करता था। इनके बयान के आधार पर पुलिस ने संदीप, ओमप्रकाश पंडित, जयंत प्रताप और तबरेज के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिनकी तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। शाही मार्केट में दुकान चलाने वाले श्याम बिहारी ने ही पुलिस के साथ जाकर हुमायुपुर से इमरान को पकड़वाया। जहां ढेर सारे फर्जी दस्तावेज मिले। इमरान ही सारे फर्जी दस्तावेज फोटोशाप साफ्टवेयर की मदद से बनाता था। उसका मोबाइल चेक करने पर व्हाट्सएप पर बातचीत की चैटिंग मिली है। जिसमे कई विश्वविद्यालय का अंकपत्र भी मिला है। पूछताछ से मिली जानकरी के मुताबिक, सात सौ रुपये से लगाए दो हजार तक में अंगूठे का क्लोन बनाते थे। साथ ही 10 से 15 हजार रुपये तक में फर्जी मार्कशीट तैयार कर देते थे।

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