आवंटन किसी का, फैक्ट्री का संचालन कोई और कर रहा
Gorakhpur News - - गीडा में 100 से अधिक भूखंड मूल आवंटियों ने किराये पर दिया - दूसरे

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में भूखंड का आवंटन किसी के नाम पर है, संचालित कोई और कर रहा है। बुधवार को नूडल्स फैक्ट्री में बिस्फोट के बाद सात मजदूरों के गम्भीर रूप से घायल होने के बाद इसका खुलासा खुद गीडा की तरफ से किया गया है। वर्ष 2006 में हेमा मिश्रा को आवंटित भूखंड पर हिमांशु त्रिपाठी द्वारा नूडल्स फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। गीडा में 100 से अधिक भूखंड मूल आवंटियों ने दूसरों को किराये पर दे रखा है।
गीडा के जिम्मेदार ऐसे लोगों को बेनकाब करने के लिए नोटिस तो जारी करते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता है। पिछले दिनों गीडा की तरफ से 900 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को उत्पादनरत प्रमाण पत्र देने को लेकर नोटिस दिया गया है। बमुश्किल 100 ने ही नोटिस का जवाब दिया है। इतना ही नहीं, गीडा ने पिछले दिनों 150 ऐसे आवंटियों को नोटिस दिया है, जिनपर लाखों रुपये का बकाया है। 10 से 20 साल पहले आवंटित भूखंड पर लाखों रुपये का बकाया है। हालांकि नोटिस के बाद कुछ उद्यमियों ने जवाब ही नहीं दिया, बल्कि काम भी शुरू करा दिया है।
फैक्ट्रियों के बाहर गायब है नाम, नंबर
घघसरा। गीडा में तमाम फैक्ट्रियां मानकों की अनदेखी कर संचालित हो रही हैं। तमाम ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जहां एक बोर्ड भी नहीं लगा है। तमाम फैक्ट्रियों को मूल आवंटियों ने किराये पर दे रखा है। इसलिए फैक्ट्रियों के बाहर कोई बोर्ड नहीं लगाया जा रहा है। गीडा के मानकों के मुताबिक, फैक्ट्री के गेट के पास फैक्ट्री का नाम, प्लाट नंबर, जीएसटीन नंबर, मालिक का मोबाइल नंबर आदि दर्ज किया जाना है। बुधवार को नूडल्स फैक्ट्री में धमाके के बाद घायल मजदूरों ने यूनिट का जो पता बताया उसे तलाशने में जिम्मेदारों को काफी समय लगा। गीडा के सेक्टर 13 में जहां हादसा हुआ है, वहां अभी भी कई फैक्ट्रियों के बाहर कोई बोर्ड नहीं लगा है।
बोले उद्यमी
चैंबर के सभी सदस्यों को फैक्ट्री के बाहर डिटेल लिखने का निर्देश है। यदि किसी फैक्ट्री के बाहर नाम और जीएसटी नंबर आदि नहीं है तो साफ है कि वहां सबकुछ ठीक नहीं है। गीडा को ऐसे यूनिटों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। ये साफ होना चाहिए कि फैक्ट्री में बन क्या रहा है, सुरक्षा के इंतजाम हैं या नहीं।
- आरएन सिंह, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्री
गीडा में उद्योग के लिए जिसे भूखंड आवंटन हुआ है, उसे ही संचालित करना चाहिए। यदि गीडा की बिना जानकारी में कोई फैक्ट्री संचालित हो रही है तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। बिना मानक के फैक्ट्री संचालित करने वाले किसी विभाग में रजिस्टर्ड नहीं होते। सुरक्षा की दृष्टि से खतरा है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
- दीपक कारीवाल, मण्डल अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
बोले जिम्मेदार
उत्पादनरत के साथ ही आवंटन राशि और किस्त नहीं जमा करने वालों को नोटिस दिया गया है। नोटिस देने का उद्देश्य यही है कि हिमांशु त्रिपाठी जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। आम लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर सख्ती होगी।
- अनुज मलिक, सीईओ, गीडा
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